अब साल में दो बार होंगी सीबीएसई कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाएँ

By gurudev

Published on:

नई दिल्ली, अगस्त 2025:
सीबीएसई (CBSE) ने एक बड़ा शैक्षिक सुधार करते हुए घोषणा की है कि कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार आयोजित होगी। यह बदलाव 2025–26 शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाएगा।

क्यों किया गया यह बदलाव?

  • यह निर्णय नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सिफारिशों पर आधारित है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य है कि विद्यार्थियों पर एक बार की परीक्षा का दबाव कम हो।
  • छात्रों को दो बार परीक्षा देने का अवसर मिलेगा और उनमें से सर्वश्रेष्ठ अंक अंतिम परिणाम में जोड़े जाएंगे।
  • यह प्रणाली छात्रों को सुधार का अवसर और तनावमुक्त शिक्षा वातावरण प्रदान करेगी।

परीक्षा व्यवस्था कैसी होगी?

  1. दो अवसर: परीक्षा साल में दो बार ली जाएगी—पहली टर्म के अंत में और दूसरी टर्म के अंत में।
  2. वैकल्पिक या अनिवार्य? – अभी स्पष्ट नहीं है कि दोनों परीक्षाएँ देना सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगा या केवल एक देना पर्याप्त होगा।
  3. सिलेबस विभाजन: संभावना है कि बोर्ड साल को दो हिस्सों में बाँटेगा और उसी आधार पर प्रश्न पत्र तैयार होंगे।
  4. आंतरिक मूल्यांकन: स्कूलों को आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) और प्रोजेक्ट वर्क के लिए नए दिशा-निर्देश मिलेंगे।

छात्रों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

  • शिक्षा विशेषज्ञों ने इसे वैश्विक स्तर की परीक्षा प्रणाली की ओर एक सकारात्मक कदम बताया है।
  • छात्रों को लगेगा कि परीक्षा अब “एक बार का इम्तहान” नहीं, बल्कि “सुधार का अवसर” है।
  • अभिभावक चाहते हैं कि बोर्ड जल्द ही यह साफ करे कि अंतिम अंक किस तरह तय होंगे और दो परीक्षाओं की तैयारी कैसे होगी।

क्या बदलेगा छात्रों के लिए?

  • अब छात्रों को एक ही परीक्षा पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
  • बेहतर तैयारी वाले छात्र पहली बार में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं और बाकी छात्र दूसरी बार अपनी कमियों को सुधार सकते हैं।
  • यह व्यवस्था छात्रों को कौशल आधारित सीखने की ओर प्रेरित करेगी, न कि केवल रटने (rote learning) पर।

ऐतिहासिक महत्व

सीबीएसई का यह कदम भारतीय शिक्षा प्रणाली में ऐतिहासिक सुधार माना जा रहा है। यह उसी दिशा में है, जैसा दुनिया के कई देशों में अपनाया जाता है, जहाँ छात्रों को सफलता के लिए एक से अधिक अवसर दिए जाते हैं।


📌 CBSE कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा साल में दो बार – FAQ

1. यह नई व्यवस्था कब से लागू होगी?

👉 यह प्रणाली शैक्षणिक सत्र 2025–26 से शुरू होगी।

2. क्या दोनों परीक्षाएँ देना ज़रूरी होगा?

👉 अभी CBSE ने पूरी तरह स्पष्ट नहीं किया है। संभावना है कि छात्र दोनों परीक्षाओं में बैठ सकते हैं, लेकिन सबसे अच्छे अंक को ही अंतिम रिजल्ट में जोड़ा जाएगा।

3. परीक्षा साल में कब-कब होगी?

👉 परीक्षा साल में दो बार आयोजित होगी –

  • पहली परीक्षा: सत्र के मध्य (पहली टर्म के बाद)
  • दूसरी परीक्षा: सत्र के अंत में

4. क्या दोनों परीक्षाओं का सिलेबस अलग होगा?

👉 CBSE के अनुसार सिलेबस को दो हिस्सों में बाँटा जा सकता है।

  • पहली परीक्षा में पहला भाग
  • दूसरी परीक्षा में पूरा सिलेबस या शेष भाग शामिल हो सकता है।
    (इस पर अंतिम दिशानिर्देश CBSE बाद में देगा।)

5. क्या आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) बदलेगा?

👉 हाँ, संभावना है कि स्कूलों को नए गाइडलाइन दिए जाएँगे ताकि प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और क्लास टेस्ट को नई परीक्षा प्रणाली से जोड़ा जा सके।

6. क्या यह फैसला केवल कक्षा 10 के लिए है?

👉 फिलहाल यह व्यवस्था सिर्फ कक्षा 10 के लिए लागू की जाएगी। कक्षा 12 के लिए बाद में विचार किया जा सकता है।

7. क्या छात्रों को इससे फायदा होगा?

👉 बिल्कुल।

  • छात्रों पर एक बार की परीक्षा का दबाव नहीं होगा
  • उन्हें दूसरा मौका मिलेगा।
  • परिणाम उनकी सर्वश्रेष्ठ क्षमता को दर्शाएगा।

8. क्या इससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर असर पड़ेगा?

👉 यह बदलाव छात्रों को लगातार पढ़ाई करने और दोहराव (revision) की आदत डालने में मदद करेगा, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे JEE, NEET) में भी लाभ हो सकता है।

9. क्या यह प्रणाली अन्य देशों में भी है?

👉 हाँ, कई देशों में Multiple Attempts या Semester-wise Exams की व्यवस्था पहले से है। भारत अब उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।

10. क्या इससे छात्रों का तनाव कम होगा?

👉 हाँ। छात्र पहली परीक्षा को “ट्रायल” की तरह दे सकते हैं और दूसरी बार में अपनी गलतियों को सुधार सकते हैं। इससे तनाव काफी हद तक कम होगा।


Leave a Comment