Class 11 History मध्यावधि परीक्षा 2025-26 Morning shift
- खंड-क (MCQs) → प्रत्येक 1 अंक x21
- खंड-ख (3 अंक वाले) → 3×6
- खंड-ग (8 अंक वाले) → 8 x3
- खंड-घ (स्रोत आधारित) → (1+1+2=4) x, 3
- खंड-ङ (मानचित्र आधारित) →दो स्थानों के नाम और 3 स्थान पहचान सहित मानचित्र मे अंकन (1×2+1×3=5)
खंड – क : वस्तुनिष्ठ प्रश्न (1 अंक प्रत्येक)
1. कीलाकार लिपि किस सामग्री पर लिखी जाती थी?
(A) कपड़े
(B) तांबे की प्लेट
(C) चमड़े के टुकड़े
(D) मिट्टी की पट्टिकाएँ
उत्तर: (D) मिट्टी की पट्टिकाएँ
🟢 Explanation: मेसोपोटामिया में क्यूनिफॉर्म (Cuneiform) लिपि मिट्टी की पट्टिकाओं पर लिखी जाती थी और फिर उन्हें पकाया जाता था।
2. प्रारंभिक नगरों का विकास किन कार्यों से जुड़ा था?
(A) युद्ध और शिकार
(B) कृषि और व्यापार
(C) शिकार और चराई
(D) खेल और संगीत
उत्तर: (B) कृषि और व्यापार
🟢 Explanation: कृषि उत्पादन और व्यापार ने स्थायी बसावटों और नगरों के विकास को बढ़ावा दिया।
3. निम्न कथनों में कौन-सा सही नहीं है?
(A) एनमर्कर गिलगेमिश के कुछ समय बाद ऊरक का शासक बना
(B) गिल्गमेशि महाकाव्य 12 पट्टिकाओं पर लिखा गया।
(C) मेसोपोटामिया वासी शहरी जीवन को महत्व देते थे।
(D) शहर में अनेक समुदाय और संस्कृति के लोग साथ रहते थे।
उत्तर: (A) एनमर्कर गिल्गमेशि के कुछ समय बाद ऊरक का शासक बना
🟢 Explanation: एनमर्कर गिल्गमेश से पहले का शासक था, बाद का नहीं।
4. मेसोपोटामिया की कौन सी नदी “विश्व मार्ग” के लिए प्रसिद्ध थी?
(A) दजला
(B) फरात
(C) राईन
(D) डेन्यूब
उत्तर: (A) फरात
🟢 Explanation: फरात नदी को “World Route” कहा गया क्योंकि इसके किनारे से व्यापारिक मार्ग गुजरते थे।
5. मारी के राजा किस समुदाय के थे?
(A) एमोराइट
(B) अक्कादी
(C) असीरियाई
(D) आर्मिनियम
उत्तर: (A) एमोराइट
🟢 Explanation: मारी नगर के शासक एमोराइट समुदाय से थे जिन्होंने मेसोपोटामिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
6. निम्न में कौन रोमन साम्राज्य का शहरी केंद्र नहीं था?
(A) बगदाद
(B) एटिऑक
(C) कार्थेज
(1)) सिकंदरिया
उत्तर: (A) बगदाद
🟢 Explanation: बगदाद बाद में (इस्लामी काल में) विकसित हुआ, रोमन काल में नहीं।
7. रोमन साम्राज्य में दासों की स्थिति क्या थी?
(A) उन्हें मतदान का अधिकार था
(B) वे वेतनभोगी कर्मचारी थे।
(C) वे अपने मालिक की संपत्ति थे
(D) वे सीनेट के सदस्य थे।
उत्तर: (C) वे अपने मालिक की संपत्ति थे
🟢 Explanation: दास पूरी तरह मालिक के अधिकार में होते थे, स्वतंत्र अधिकार नहीं रखते थे।
8. रोमन साम्राज्य को तीन महाद्वीपों में फैला साम्राज्य क्यों कहा जाता है?
(1) (A) यह एशिया, अफ्रीका और यूरोप से व्यापार करता था।
(B) उसकी सेनाओं ने विश्व को जीत लिया था।
(C) इसकी संस्कृति का प्रभाव तीनों महाद्वीपों में था।
(D) उसकी भूमि एशिया, अफ्रीका और यूरोप में फैली थी।
उत्तर: (D) उसकी भूमि एशिया, अफ्रीका और यूरोप में फैली थी।
🟢 Explanation: रोमन साम्राज्य की सीमाएँ तीन महाद्वीपों तक फैली थीं।
9. रोमन सीनेट में कौन शामिल था?
(A) सामान्य नागरिक (B) अमीर जमींदार और कुलीन
(C) विदेशी राजदूत (D) सेना के जनरल
उत्तर: (B) अमीर जमींदार और कुलीन
🟢 Explanation: सीनेट में केवल उच्च वर्ग (पैट्रिशियन) के कुलीन सदस्य होते थे।
10. रोमन साम्राज्य में सदियों तक कौन सी विशेषता बनी रही?
(A) लगातार युद्ध (B) लोकतांत्रिक चुनाव
(C) लैटिन भाषा का उपयोग (D) घुमंतु जीवन शैली
उत्तर: (C) लैटिन भाषा का उपयोग
🟢 Explanation: लैटिन भाषा पूरे साम्राज्य में प्रशासन और शिक्षा की भाषा रही।
11. कौन-सा धर्म रोमन साम्राज्य के अंतिम वर्षों में व्यापक रूप से फैला?
(1) (A) यहूदी धर्म (B) जरथुस्त्र धर्म (C) ईसाई धर्म (D) इस्लाम
उत्तर: (C) ईसाई धर्म
🟢 Explanation: चौथी शताब्दी CE में कॉन्स्टेंटाइन ने ईसाई धर्म को मान्यता दी।
12. ऑगस्टस रोम का पहला सम्राट कब घोषित किया गया?
(A) 27 BCE (B) 27 CE (C) 44 BCE (D) 14 CE
उत्तर: (A) 27 BCE
🟢 Explanation: 27 BCE में ऑगस्टस को पहला रोमन सम्राट घोषित किया गया।
13. मिलान करें –
(1) स्तम्भ-A_________स्तम्भ-B
(a) चंगेज खान ____1. मंगोलों का कानून संग्रह
(b) सिल्क रूट_____2. मंगोल साम्राज्य की स्थापना
(c) काराकोरम______3. व्यापार और सांस्कृतिक संपर्क
(d) यास__________4.मंगोलों की राजधानी
विकल्पः
____1______2_______3_______4
(A) a______b_______c_______d
(B)d______a_______b_______c
(C)c______b_______a________d
(D)d______a_______c________b
| स्तम्भ-A | स्तम्भ-B |
|---|---|
| (a) चंगेज खान | 2. मंगोल साम्राज्य की स्थापना |
| (b) सिल्क रूट | 3. व्यापार और सांस्कृतिक संपर्क |
| (c) काराकोरम | 4. मंगोलों की राजधानी |
| (d) यास | 1. मंगोलों का कानून संग्रह |
उत्तर: (B) a–2, b–3, c–4, d–1
🟢 Explanation: चंगेज खान ने मंगोल साम्राज्य की स्थापना की; सिल्क रूट व्यापार हेतु प्रसिद्ध था; काराकोरम राजधानी थी; यास कानून था।
14. यहाँ दो कथन दिए गए जिन्हे अभिकथन (A) तथा कारण(R) है। नीचे दिए गए कोड के अनुसार उत्तर चिंहित कीजिए l
अधिकथन (A) : मंगोल साम्राज्य की प्रशसानिक प्रणाली जटिल और विकृत थी।
कारण (R) : यायावर शासक स्थायी राजधानी से शासन करते थे।
विकल्पः
(A) (A) एवम्ं(R) दोनो सत्य है तथा (R). (A) की सड़ी व्याख्या है।
(B) (A) एवं (R) दोनों सत्य है किन्तु (R), (A) की सही व्यख्या नहीं है।
(C) (A) सत्य है किन्तु (R) असत्य है।
(D) (A) असत्य है किन्तु (R) सत्य है।
उत्तर: (C) (A) सत्य है किन्तु (R) असत्य है।
🟢 Explanation: मंगोलों की कर प्रणाली जटिल थी लेकिन वे स्थायी राजधानी से नहीं, बल्कि चलायमान शिविरों से शासन करते थे।
15. मंगोल साम्राज्य की प्रमुख विशेषता क्या थी?
(A) कृषि आधारित शासन प्रणाली
(B) साम्राज्य की सीमित भू-भाग
(C) विशाल साम्राज्य और तीव्र विस्तार
(D) स्थायी शहरों पर निर्भरता
उत्तर: (C) विशाल साम्राज्य और तीव्र विस्तार
🟢 Explanation: मंगोल साम्राज्य विश्व का सबसे विशाल साम्राज्य बना जो एशिया और यूरोप तक फैला।
16. चंगेज खान की प्रमुख विशेषता क्या थी?
(A) धार्मिक सहिष्णुता
(B) व्यापारिक कौशल
(C) सैन्य संगठन और रणनीति
(D) स्थायी राजधानी की स्थापना
✅ उत्तर: (C) सैन्य संगठन और रणनीति
🟢 Explanation: चंगेज खान की सफलता उसकी सैन्य अनुशासन और रणनीतिक युद्ध कौशल पर निर्भर थी।
17. कौन-सा कथन पादरी और नाइट्स दोनों पर लागू होता है?
(A) दोनों धार्मिक उपदेश देते थे।
(B) दोनों को चर्च द्वारा नियुक्त किया जाता था।
(C) दोनों समाज में विशेष अधिकार प्राप्त करते थे।
(D) दोनों व्यापारिक कर वसूलते थे।
✅ उत्तर: (C) दोनों समाज में विशेष अधिकार प्राप्त करते थे।
🟢 Explanation: दोनों को समाज में उच्च दर्जा और विशेषाधिकार प्राप्त थे।
18. चित्र पहचाने –

(A) नेमूर का दुर्ग
(B) सॉल्सबरी कधीइल
(C) हेबर दुर्ग
(D) बेनेडिक्ट आम्बे
✅ उत्तर: (A) नेमूर का दुर्ग
🟢 Explanation: यह मध्यकालीन यूरोप का प्रसिद्ध दुर्गीय संरचना है।
19. ‘सर्फ’ कौन थे?
(A) स्वतंत्र व्यापारी
(B) सैन्य नेता
(C) धार्मिक शिक्षक
(D) भूमि से बंधे किसान
✅ उत्तर: (D) भूमि से बंधे किसान
🟢 Explanation: सर्फ किसान होते थे जो भूमि से बंधे रहते थे और सामंती स्वामी के अधीन कार्य करते थे।
20. “कैंटिर्बौरी टैलस” Ufff रचना कब की गई थी?
(A) 14वीं शताब्दी
(B) 13वीं शताब्दी
(C) 15वीं शताब्दी
(D) 12वीं शताब्दी
✅ उत्तर: (A) 14वीं शताब्दी
🟢 Explanation: जियोफ्री चौसर द्वारा 14वीं सदी में यह रचना की गई।
21. ‘गिल्ड’ का अर्थ क्या है?
(A) नगरों में रहने वाला अभिजात वर्ग
(B) ऐसी संस्था जो उत्पाद की गुणवत्ता, मूल्य तथा बिक्री पर नियंत्रण रखती थी
(C) सूर्य पंचांग का त्योहार
(D) भिक्षुओं के रहने का स्थान
✅ उत्तर: (B) ऐसी संस्था जो उत्पाद की गुणवत्ता, मूल्य तथा बिक्री पर नियंत्रण रखती थी।
🟢 Explanation: गिल्ड व्यापारी या कारीगरों का संघ था जो व्यापार व गुणवत्ता की निगरानी करता
📘 खंड – ख (3 अंकों वाले प्रश्न)
प्र.22. “मेसोपोटामिया का समाज और संस्कृति भिन्न-भिन्न समुदायों का मिश्रण था।” तर्क देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
- मेसोपोटामिया में सुमेरियन, अक्कादी, बेबीलोनियन और असीरियन जैसे विविध समुदाय बसे थे।
- इन समुदायों की भाषाएँ, रीति-रिवाज और धर्म अलग-अलग थे, जिससे सांस्कृतिक मिश्रण बना।
- व्यापार, युद्ध और प्रवास के कारण लोगों में सामाजिक व सांस्कृतिक मेल-जोल बढ़ा, जिससे यह मिश्रित समाज बना।
अथवा –
मारी के पशुचारक समाज की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
- मारी में मुख्यतः पशुपालन करने वाले समुदाय रहते थे जो भेड़-बकरियों और ऊँटों का पालन करते थे।
- ये लोग स्थायी बस्तियों से बाहर रहते थे और मौसम के अनुसार घास के मैदान बदलते थे।
- मारी राज्य ने उनसे कर वसूला और पशुपालन के उत्पादों का व्यापार भी किया।
प्र.23. “रोमन साम्राज्य सांस्कृतिक विविधताओं वाला क्षेत्र था।” विश्लेषण कीजिए।
उत्तर:
- रोम साम्राज्य यूरोप, अफ्रीका और एशिया के हिस्सों में फैला था, जहाँ विभिन्न जातियाँ और भाषाएँ थीं।
- ईसाई, यहूदी, यूनानी, मिस्री जैसे अलग धर्मों के लोग साथ रहते थे।
- प्रशासनिक एकता के बावजूद स्थानीय परंपराओं को मान्यता मिली, जिससे सांस्कृतिक विविधता बनी रही।
प्र24. सम्राट कॉन्स्टेनटाइन के द्वारा किए गए नवाचारों और परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
- कॉन्स्टेनटाइन ने ईसाई धर्म को वैधता दी और उसे साम्राज्य का प्रमुख धर्म बनाया।
- उसने राजधानी को रोम से स्थानांतरित कर कॉनस्टेंटिनोपल बनाया।
- प्रशासनिक और सैन्य सुधारों के माध्यम से शासन को अधिक संगठित बनाया।
प्र.25. रोम के शहरी केंद्र (Urban Centre) की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: रोम के शहरी केंद्रों की विशेषताएँ :
० व्यापारिक और प्रशासनिक केंद्र – नगर व्यापार, शासन और धार्मिक गतिविधियों के प्रमुख केंद्र थे, जैसे ऑस्टिया और रोम।
० व्यवस्थित नगर योजना – सड़कों का जाल सुव्यवस्थित था, चौड़ी और सीधी सड़कें समकोण पर कटती थीं।
० जनसुविधाएँ और मनोरंजन – सार्वजनिक स्नानागार, जलसेतु, फव्वारे, थिएटर और एम्फीथिएटर नगर जीवन का हिस्सा थे।
प्र.26. मंगोलों के लिए व्यापार इतना महत्वपूर्ण क्यों था?
उत्तर:
- मंगोल खानाबदोश थे, इसलिए उन्हें अनाज, कपड़ा और धातु जैसी वस्तुओं के लिए व्यापार पर निर्भर रहना पड़ता था।
- रेशम मार्ग के माध्यम से उन्होंने एशिया और यूरोप को जोड़ा।
- व्यापार ने मंगोल साम्राज्य को आर्थिक शक्ति और राजनीतिक स्थिरता दी।
प्र.27. राजा चार्ल्स प्रथम को इंग्लैंड की पार्लियामेंट ने फाँसी की सजा क्यों दी?
उत्तर:
- चार्ल्स प्रथम ने संसद की सहमति के बिना कर लगाया और निरंकुश शासन किया।
- उसने नागरिक स्वतंत्रता को कुचला और संसद के अधिकारों की अनदेखी की।
- “गृहयुद्ध (Civil War) ” में उसकी हार के बाद उसे 1649 में देशद्रोह का दोषी ठहराया गया और फाँसी दी गई।
खंड – ग (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न – 8 अंक)
प्र.28. आप किस प्रकार कह सकते हैं कि “उर नगर में नगर नियोजन का अभाव था”?
उत्तर:
a. अनियमित सड़कें:
उर नगर की सड़कें सीधी और व्यवस्थित नहीं थीं, कई जगह गलियाँ तंग और मुड़ती हुई थीं।
b. असमान आवासीय क्षेत्र:
घरों का आकार और स्थान समान नहीं था।
c. व्यापारिक और आवासीय क्षेत्र का मिश्रण:
बाजार और घर एक-दूसरे के पास बेतरतीब ढंग से बने थे।
d. सार्वजनिक और धार्मिक भवनों का अव्यवस्थित स्थान:
मंदिर और प्रशासनिक भवन आवासीय क्षेत्र के बीच कहीं भी स्थित थे।
e. जल निकासी और गटर की कमी:
बारिश के पानी और अपशिष्ट के लिए संगठित गटर या जलनिकासी प्रणाली नहीं थी।
f. रक्षा व्यवस्था असंगठित:
शहर की दीवारें पुरानी और अनियमित थीं, जिससे सुरक्षा सुनिश्चित नहीं थी।
g. पूर्व नियोजन का अभाव:
नगर का कोई स्पष्ट योजना या ज़ोनिंग नहीं थी (आवासीय, धार्मिक और व्यापारिक क्षेत्र अलग नहीं थे)।
h. समुदायों और गतिविधियों का मिश्रण
विभिन्न सामाजिक और व्यापारिक गतिविधियाँ बिना किसी नियोजन के आपस में मिश्रित थीं।
i. प्रशासनिक नियंत्रण का अभाव:
नगर में सेंट्रलाइज्ड प्रशासन या नियामक प्राधिकरण का स्पष्ट संकेत नहीं मिलता।
अथवा
“मेसोपोटामिया में लेखन कला का विकास किस प्रकार हुआ? लेखन कला की प्रमुख देन क्या है?”
उत्तर:
1. प्रारंभिक विकास:
- मेसोपोटामिया में लेखन कला की शुरुआत सुमेरियों के द्वारा हुई।
- सबसे पहले वाणिज्यिक और प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए चित्रलिपि (Pictographs) का उपयोग किया गया।
- ये चित्र मुख्यतः मिट्टी की पट्टियों (clay tablets) पर उकेरे जाते थे।
2. विकासक्रम:
- प्रारंभ में चित्रलिपि (Pictographs) — वस्तुओं, जानवरों और कृषि कार्यों का चित्र।
- धीरे-धीरे यह विकसित होकर सांकेतिक लिपि (Ideograms) बनी, जिसमें शब्दों और विचारों को चिन्हों के माध्यम से दर्शाया गया।
- अंततः विकसित हुई कीलाक्षरी लिपि (Cuneiform) —
- यह तीर जैसी आकृतियों की लिपि थी।
- मिट्टी की पट्टियों पर कांटे के आकार के लेखन उपकरण (stylus) से लिखा जाता था।
3. उद्देश्य और उपयोग:
- लेखन का मुख्य उद्देश्य था:
- लेखांकन और व्यापार (अन्न, वस्त्र, पशुधन)
- प्रशासन और कानून
- धार्मिक ग्रंथ और साहित्य
- इतिहास और सम्राटों की उपलब्धियाँ
4. प्रमुख देन:
- साहित्य और महाकाव्य:
- उदाहरण: गिल्गमेश महाकाव्य।
- कानून और प्रशासन:
- सुल्तान और राजाओं द्वारा कानून और कर व्यवस्था का लेखा-जोखा।
- शहरी और सांस्कृतिक जीवन का अभिलेख:
- शहरों, मंदिरों और व्यापारिक गतिविधियों के विवरण।
- भविष्य के लिए अभिलेख:
- भविष्य में इतिहास और ज्ञान के स्रोत के रूप में लेखन।
5. विशेष महत्व:
- लेखन कला ने ज्ञान और संस्कृति के संरक्षण में मदद की।
- यह मानव सभ्यता के प्रारंभिक साक्षरता और शिक्षा का आधार बनी।
सारांश:
मेसोपोटामिया में लेखन कला चित्रलिपि → सांकेतिक लिपि → कीलाक्षरी के रूप में विकसित हुई।
इसकी प्रमुख देनें हैं साहित्य, प्रशासन, कानून, इतिहास और सांस्कृतिक विकास।
प्र.29. यास क्या था? इसने किस प्रकार मंगोल साम्राज्य की स्थापना में भूमिका निभाई?
उत्तर:
1. यास की परिभाषा:
“यास” (Yassa या Yasaq) चंगेज़ खान द्वारा निर्मित एक कानूनी संहिता (Code of Law) थी।
इसमें मंगोल समाज, सेना, शासन और धार्मिक आचरण से संबंधित सभी नियम–कानून निर्धारित किए गए थे।
2. उद्देश्य:
यास का मुख्य उद्देश्य मंगोल जनजातियों को एक समान नियमों में बाँधना और
कानूनी व्यवस्था के माध्यम से साम्राज्य की एकता को बनाए रखना था।
3. निर्माण का समय:
यह संहिता 13वीं सदी की शुरुआत (लगभग 1206 ई.) में बनाई गई,
जब चंगेज़ खान ने मंगोल जनजातियों को एकजुट कर स्वयं को “महान खान” घोषित किया।
4. यास की प्रमुख बातें:
- सैन्य अनुशासन: सेना में सख्त अनुशासन, आज्ञा उल्लंघन पर कठोर दंड।
- धार्मिक सहिष्णुता: सभी धर्मों को समान सम्मान।
- सामाजिक नियम: चोरी, झूठ और व्यभिचार पर सख्त सजा।
- कर व्यवस्था: सभी जनजातियों से समान कर वसूली का प्रावधान।
- न्याय प्रणाली: न्याय का निर्णय खान के आदेशों और यास के अनुसार।
5. शासन में भूमिका:
यास ने कानून की एकरूपता प्रदान की, जिससे विविध जनजातियाँ
एक केंद्रित प्रशासनिक ढांचे के अधीन आ गईं।
6. साम्राज्य की एकता में योगदान:
इस संहिता ने मंगोल समाज में अनुशासन, निष्ठा और एकजुटता की भावना पैदा की,
जिससे चंगेज़ खान को विशाल क्षेत्रों पर शासन करने में आसानी हुई।
7. न्याय और प्रशासन में प्रभाव:
यास के नियमों से न्याय प्रणाली निष्पक्ष बनी और
राज्य में कानून का भय तथा स्थिरता कायम हुई।
8. मंगोल साम्राज्य की स्थापना में योगदान:
यास के कारण मंगोलों में संगठन, व्यवस्था और नियंत्रण स्थापित हुआ,
जो एक विशाल और अनुशासित साम्राज्य की नींव बना।
इसने मंगोलों को एक सामान्य पहचान और शासन तंत्र प्रदान किया।
निष्कर्ष:
यास चंगेज़ खान की वह नीति थी जिसने मंगोल जनजातियों को
एक कानून और एक सत्ता के अधीन कर दिया।
यही एकरूपता मंगोल साम्राज्य की शक्ति और स्थायित्व की मुख्य कुंजी बनी।
संक्षेप में (Summary):
“यास चंगेज़ खान की कानूनी संहिता थी, जिसने अनुशासन, समानता और न्याय के माध्यम से मंगोल साम्राज्य की स्थापना और विस्तार में निर्णायक भूमिका निभाई।”
अथवा – चंगेज़ खान कौन था? उसने एकजुट साम्राज्य बनाने के लिए कौन से उपाय किए?
उत्तर:
- चंगेज़ खान की पहचान:
०चंगेज़ खान (1162–1227 ई.) मंगोलों का महान शासक और सेनापति था।
०उसका मूल नाम तेमुजिन था।
०उसने विभिन्न मंगोल जनजातियों को एक शक्तिशाली साम्राज्य में एकजुट किया।
2. एकजुट करने का कारण:
० मंगोल जनजातियाँ पहले अलग-अलग और आपस में लड़ती रहती थीं।
० चंगेज़ खान ने सामूहिक सुरक्षा और शक्ति सुनिश्चित करने के लिए एकजुटता आवश्यक समझी।
3.उपाय और नीतियाँ:
० जनजातियों का संघटन (Tribal Unification):
० उसने छोटे जनजातियों और वंशों को एकजुट कर संरचना बनाई।
० व्यक्तिगत युद्धों और संघर्षों को समाप्त किया।
4. अनुशासन और सेना का संगठन:
० सेना को सख्त अनुशासन और रणनीति के आधार पर व्यवस्थित किया।
० हर सैनिक और अधिकारी का कर्तव्य स्पष्ट किया।
5. यास (Yassa) कानून संहिता:
० चंगेज़ खान ने यास नामक कानूनी संहिता लागू की।
० इसमें सेना, प्रशासन, अपराध और सामाजिक नियम शामिल थे।
इससे जनजातियों में अनुशासन और न्याय कायम हुआ।
6.धार्मिक सहिष्णुता:
० उसने सभी धर्मों को समान सम्मान दिया।
इससे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों में विरोध कम हुआ।
7. विवाह और कूटनीति:
० अन्य जनजातियों और शक्तिशाली परिवारों के साथ राजनीतिक विवाह और गठबंधन बनाए।
० यह भी साम्राज्य को स्थिर करने में मददगार साबित हुआ।
8.व्यापार और संपर्क को प्रोत्साहन:
० व्यापारिक मार्गों (Silk Road) को सुरक्षित किया।
० आर्थिक समृद्धि और सांस्कृतिक आदान-प्रदान ने साम्राज्य को मजबूत किया।
परिणाम:
० इन उपायों से मंगोल जनजातियाँ एक केंद्रीकृत और अनुशासित साम्राज्य में बदल गईं।
० चंगेज़ खान का साम्राज्य विश्व का सबसे बड़ा सतत भूमि-आधारित साम्राज्य बन गया।
सारांश:
० चंगेज़ खान, मूल नाम तेमुजिन, मंगोलों का महान शासक था जिसने यास कानून, अनुशासन, धार्मिक सहिष्णुता, जनजातीय एकता और कूटनीति के माध्यम से मंगोल जनजातियों को एकजुट कर विशाल और शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की।
प्र.30. चौदहवीं सदी की शुरुआत तक यूरोप का आर्थिक विकास धीमा पड़ गया — ऐसा क्यों हुआ?
उत्तर:
1. प्रस्तावना (Introduction):
बारहवीं और तेरहवीं शताब्दी तक यूरोप का आर्थिक जीवन तेजी से विकसित हो रहा था —
शहरों का विस्तार, व्यापारिक मार्गों का विकास और कृषि उत्पादन में वृद्धि हो रही थी।
परंतु चौदहवीं सदी की शुरुआत तक अनेक संकटों ने इस प्रगति को रोक दिया।
2. जनसंख्या वृद्धि और संसाधनों पर दबाव:
- लगातार जनसंख्या वृद्धि के कारण भूमि, भोजन और रोजगार पर दबाव बढ़ गया।
- खेती योग्य भूमि सीमित थी, जिससे उत्पादन की कमी होने लगी।
- किसानों पर कर और लगान का बोझ बढ़ा, जिससे उनकी स्थिति बिगड़ गई।
3. जलवायु परिवर्तन (Climate Change):
- लगभग 1315 ई. से 1322 ई. के बीच यूरोप में लगातार वर्षा और ठंड के कारण फसलें नष्ट हो गईं।
- यह काल “महान अकाल” (Great Famine) के नाम से जाना जाता है।
- भोजन की भारी कमी और भुखमरी ने उत्पादन घटा दिया।
4. अकाल और कुपोषण:
- लगातार अकालों ने ग्रामीण जनसंख्या को बुरी तरह प्रभावित किया।
- कमजोर और कुपोषित जनसंख्या में बीमारियाँ तेजी से फैलीं।
- इससे श्रम शक्ति की कमी हुई और कृषि तथा उद्योग दोनों प्रभावित हुए।
5. ब्लैक डेथ (Black Death) — 1347 ई. से 1350 ई.:
- प्लेग महामारी ने यूरोप की लगभग एक-तिहाई जनसंख्या (लगभग 2.5 करोड़ लोग) को मार डाला।
- इसने श्रमिक वर्ग की संख्या घटा दी, जिससे उत्पादन ठप हो गया।
- परिणामस्वरूप मजदूरी बढ़ी, पर व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियाँ रुक गईं।
6. व्यापार और परिवहन में गिरावट:
- महामारी और युद्धों के कारण व्यापार मार्ग बाधित हो गए।
- समुद्री और स्थलीय व्यापार में संकट और असुरक्षा बढ़ी।
- कई नगरों में बाज़ार बंद हो गए और व्यापारिक संघ (गिल्ड) कमजोर पड़ गए।
7. सौ वर्ष का युद्ध (Hundred Years’ War, 1337–1453):
- इंग्लैंड और फ्रांस के बीच लंबे समय तक चले युद्ध ने कृषि भूमि और व्यापार दोनों को नष्ट किया।
- भारी कराधान और सैनिक भर्ती से किसानों की स्थिति और बदतर हो गई।
8. सामंतवाद की कमजोरी और सामाजिक असंतोष:
- किसानों पर लगान का दबाव बढ़ने से विद्रोह (Peasant Revolts) होने लगे।
- सामंती व्यवस्था के प्रति असंतोष बढ़ा और आर्थिक अस्थिरता फैल गई।
- समाज में उत्पादन से अधिक विनाशकारी गतिविधियाँ हावी हो गईं।
निष्कर्ष (Conclusion):
चौदहवीं सदी यूरोप के लिए “संकट का युग” थी।
जलवायु परिवर्तन, अकाल, महामारी, युद्ध और सामाजिक अशांति ने मिलकर
आर्थिक प्रगति को ठहरा दिया।
यह गिरावट धीरे-धीरे पुनर्जागरण काल (Renaissance) की आर्थिक पुनर्बहाली से ही सुधरी।
संक्षेप में (Summary):
चौदहवीं सदी की शुरुआत तक यूरोप का आर्थिक विकास इसलिए धीमा पड़ा क्योंकि —
(1) जनसंख्या वृद्धि और संसाधनों की कमी,
(2) जलवायु परिवर्तन,
(3) अकाल और महामारी,
(4) युद्ध और सामाजिक असंतोष ने मिलकर
पूरे यूरोप की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर दिया।
अथवा – चौदहवीं से सोलहवीं सदी तक यूरोप में हुए राजनीतिक परिवर्तन बताइए।
उत्तर:
- राजशाही की शक्ति में वृद्धि:
इस अवधि में यूरोप में सामंतों और स्थानीय प्रभुओं की शक्ति घटकर राजा की शक्ति बढ़ी। अब सत्ता का केंद्रीकरण होने लगा। - राष्ट्रीय राज्यों का उदय:
इंग्लैंड, फ्रांस और स्पेन जैसे देशों में एकीकृत राष्ट्रीय राज्य बने, जहाँ एक राजा के अधीन पूरा क्षेत्र आ गया। - स्थायी सेनाओं की स्थापना:
शासकों ने अब स्थायी और प्रशिक्षित सेनाएँ बनाईं, जिससे उनका नियंत्रण और अधिकार और मजबूत हुआ। - कर-व्यवस्था का केंद्रीकरण:
राजाओं ने कर-संग्रह को अपने नियंत्रण में लिया। कर राजसत्ता के प्रमुख संसाधन बन गए। - सामंती व्यवस्था का पतन:
बार-बार के युद्ध, महामारियाँ और जनसंख्या की कमी से सामंती प्रभुओं की शक्ति घटने लगी। किसानों को अधिक स्वतंत्रता मिली। - शहरों और व्यापारियों का प्रभाव:
नगरों के उभरने और व्यापारिक वर्ग के मज़बूत होने से राजाओं को आर्थिक सहयोग मिला, जिससे वे सामंतों पर निर्भर नहीं रहे। - चर्च की शक्ति में कमी:
पोप और चर्च का राजनीतिक प्रभाव घटने लगा। धार्मिक सुधार आंदोलनों (Reformation) ने चर्च की सत्ता को चुनौती दी। - राज्य और राष्ट्रवाद की भावना का विकास:
धीरे-धीरे लोगों में राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय पहचान की भावना विकसित हुई, जिससे आधुनिक राष्ट्र–राज्यों की नींव पड़ी।
सारांश:
चौदहवीं से सोलहवीं सदी तक यूरोप में राजसत्ता का केंद्रीकरण, सामंती व्यवस्था का पतन, चर्च की शक्ति में कमी और राष्ट्रीय राज्यों का उदय जैसे परिवर्तन हुए, जिन्होंने आधुनिक यूरोप की नींव
खंड – घ
(स्रोत आधारित प्रश्न)
(प्रत्येक 4 अंक × 3 = 12 अंक)
प्र.31 .दिए गए स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
वार्का शीर्ष
3000 ईसा पूर्व उरुक नगर में स्त्री का यह सिर एक सफेद संगमरमर को तराशकर बनाया गया था। इसकी आँखों और भौंहों में क्रमशः पीले लाजवर्द तथा सफेद सीपी और काले डामर की जड़ाई की गई होगी। सिर के ऊपर एक खांचा बना हुआ है जो शायद गहना पहनने के लिए बनाया गया था। यह मूर्ति कला का एक विश्व प्रसिद्ध नमूना है। इसके मुख ठोड़ी और गालों की सुकोमल सुंदर बनावट के लिए इसकी प्रशंसा की जाती है। यह एक ऐसे कठोर पत्थर में तराशा गया है जिसे काफी अधिक दूरी से लाना पड़ा होगा।
31.1 उरुक नगर मेसोपोटामिया के किस भाग में स्थित था? (1)
31.2 इस मूर्ति की प्रशंसा क्यों की जाती है? (1)
31.3 यह मूर्ति निर्माण शहरी जीवन की किस विशेषता को सबसे अधिक दर्शाता है? (2)
उत्तर: 31.1 उरुक नगर दक्षिणी मेसोपोटामिया में स्थित था।
31.2 इसकी प्रशंसा उसके सुंदर आकार, चिकने संगमरमर और सूक्ष्म कला के कारण की जाती है।
31.3 यह मूर्ति शहरी जीवन की कला, सौंदर्यबोध और व्यापारिक समृद्धि को दर्शाती है।
Q31. दिए गए बोत को ध्यानपूर्वक पदिए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों को उत्तर दीजिए।
डॉकटर गैल के अनुसार रोमन शहरों का ग्रामीण क्षेत्र के साथ चर्ताव
कई प्रांतों में लगातार कई वर्षों से पड़ रहे अकाल ने साधारण से साधारण बुद्धि वाले आदमी को भी यह बता दिया कि लोगों में कुपोषण के कारण बीमारियां हो रही है। शहर में रहने वाले लोगों का फसल कटाई के शीघ्र बाद अगले पूरे वर्ष के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न अपने भंडारों में घर लेना एक रिवाज था। सारा गेहूं, जौ, सेम तथा मसूर और दालों का काफी बड़ा हिस्सा शहरियों द्वारा ले जाने के बाद भी कई प्रकार की दालें किसानों के लिए बची रह गई थी। सर्दियों के लिए जो कुछ भी बचा था उसे खा-पीकर खत्म कर देने के पश्चात देहाती लोगों को वसंत ऋतु में अस्वास्थ्यकर खाद्यों पर निर्भर रहना पड़ा। उन्होंने पेड़ों की टहनियां छालें, जड़, झाड़ियां, अखाद्य पेड़ पौधे और पत्ते खाकर किसी तरह अपने प्राणों को बचाए रखा।
“गैलन ऑन गुड एण्ड बैड डाइट”
32.1 ग्रामीण क्षेत्रों में लोग किस कारण बीमार पर रहे थे? (1)
32.2 रोमन साम्राज्य में किसी शहर में रहने का क्या लाभ था? (2)
32.3 ग्रामीण लोग सर्दियों के बाद किन खाद्य पदार्थों पर निर्भर रहते थे?(1)
उत्तर 32.1 ग्रामीण क्षेत्रों में लोग कुपोषण और अकाल के कारण बीमार पड़ रहे थे।
32.2 शहरों में रहने वालों को अनाज भंडारण और सुरक्षा का लाभ था।
32.3 ग्रामीण लोग सर्दियों के बाद पेड़ों की छाल, जड़ें, झाड़ियाँ और पत्तियाँ खाने को मजबूर थे।
प्र.33 (बेनेडिक्टिन मठ)
दिए गए स्रोत को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
बेनेडिक्टिन मठों में भिक्षुओं के लिए एक हस्तलिखित पुस्तक होती थी जिसमें नियमों के 73 अध्याय थे इसका पालन भिक्षुओं द्वारा कई सदियों तक किया जाता रहा इस पुस्तक के कुछ नियम इस प्रकार हैं-
अध्याय 6 : भिक्षुओं को बोलने की आज्ञा कभी-कभी ही दी जानी चाहिए।
अध्याय 7 : विनम्रता का अर्थ है आज्ञा पालन।
अध्याय 33: किसी भी भिक्षु को निजी संपति नहीं रखनी चाहिए।
अध्याय 47 : अलसी आत्मा का शत्रु है इसलिए भिक्षु और भिक्षुणियों को निश्चित समय में शारीरिक श्रम और निश्चित घंटे में पवित्र पाठ करना चाहिए।
अध्याय 48 : मठ इस प्रकार बनाने चाहिए की आवश्यकता की समस्त वस्तुएं जल, चक्की, उद्यान कार्यशाला सभी उसकी सीमा के अंदर हो।
33.1 अध्याय 7 में नियम क्या था?(1)
33.2 मठ किस प्रकार बनाए जाने चाहिए? यह किस अध्याय में दिया गया है? (1+1-2)
33.3 पुस्तक में कुल कितने अध्याय थे? (1)
उत्तर:
33.1 अध्याय 7 में नियम था कि विनम्रता का अर्थ है आज्ञा पालन।
33.2 मठ ऐसे बनाए जाने चाहिए कि सारी आवश्यक वस्तुएँ (जल, उद्यान, कार्यशाला) अंदर हों — यह अध्याय 48 में दिया गया है।
33.3 इस पुस्तक में कुल 73 अध्याय थे।
खंड – ड. (मानचित्र आधारित प्रश्न – 5 अंक)
प्र.34

34.1 स्थान चिन्हित करें:
(i) काराकोरम – मंगोल साम्राज्य की राजधानी (मध्य मंगोलिया)।
(ii) तुर्किस्तान – मध्य एशिया का क्षेत्र (वर्तमान कजाकिस्तान-उज़्बेकिस्तान)।
(iii) समरकंद – उज़्बेकिस्तान में स्थित प्रमुख शहर।
34.2 चिन्हित स्थान A और B:
A – बगदाद (अल्लाह के खलीफा का नगर)
B – बीजिंग (खानबालिक) – कुबलई खान की राजधानी।

दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए विकल्प (5 अंक)
प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्नसंख्या 34 के स्थान पर हैं (5)
प्रश्न:
- हंबर कैसल कहाँ स्थित है? (1)
- चंगेज खान का जन्म किस नदी के किनारे हुआ था? (1)
- चंगेज खान के बचपन का नाम क्या था? (1)
- चंगेज खान के बाद मंगोलों का शासक कौन बना? (1)
- किस पहले मंगोल शासक ने इस्लाम कबूल किया? (1)
उत्तर:
- हंबर कैसल इंग्लैंड में स्थित है।
- चंगेज़ खान का जन्म ओनोन नदी के किनारे हुआ था।
- चंगेज़ खान के बचपन का नाम तैमूजिन था।
- चंगेज़ खान के बाद ओगदई खान शासक बना।
- बरक खान पहला मंगोल शासक था जिसने इस्लाम धर्म स्वीकार किया।







