कक्षा 11 राजनीति विज्ञान – अध्याय 4 (कार्यपालिका)

By gurudev

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प्रश्न 1. राजनीतिक कार्यपालिका और स्थायी कार्यपालिका में अंतर बताइए।
उत्तर:

0 राजनीतिक कार्यपालिका में निर्वाचित नेता (राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद) शामिल होते हैं।

0 स्थायी कार्यपालिका में नौकरशाही/सिविल सेवक शामिल होते हैं जो नीतियों को लागू करते हैं।

प्रश्न 2. मंत्रिपरिषद की ‘सामूहिक जिम्मेदारी’ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:

0 सभी मंत्री संयुक्त रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होते हैं।

0 यदि लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पारित कर देती है, तो सम्पूर्ण विधान परिषद को त्यागपत्र देना होगा।

प्रश्न 3. भारत के राष्ट्रपति को कार्यपालिका का नाममात्र प्रमुख क्यों कहा जाता है?
उत्तर:

0 राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह पर शक्तियों का प्रयोग करता है।

0 वास्तविक कार्यकारी अधिकार प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के पास है।

प्रश्न 4. स्थायी कार्यपालिका का एक लाभ बताइए।
उत्तर:

0 सरकारें बदलने पर भी शासन में निरंतरता और स्थिरता प्रदान करता है।


प्रश्न 5. प्रधानमंत्री की नियुक्ति कौन करता है और किस आधार पर?

0 राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है।

0 लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल (या गठबंधन) का नेता चुना जाता है।

प्रश्न 6. मंत्रियों की ‘व्यक्तिगत जिम्मेदारी’ से क्या तात्पर्य है
?

0 प्रत्येक मंत्री अपने विभाग के निर्णयों के लिए जवाबदेह है।

0 प्रधानमंत्री खराब प्रदर्शन के कारण किसी मंत्री को बर्खास्त कर सकते हैं।


प्रश्न 7. नौकरशाही को स्थायी कार्यपालिका भी क्यों कहा जाता है?

0 नौकरशाह राजनीतिक परिवर्तनों के बावजूद पद पर बने रहते हैं।

0 वे सरकार की प्रशासनिक रीढ़ हैं।

प्रश्न 8. संसदीय और अध्यक्षात्मक कार्यपालिका के बीच एक अंतर बताइए।
उत्तर:

0 संसदीय: कार्यपालिका विधायिका के प्रति उत्तरदायी।

0 अध्यक्षात्मक: कार्यपालिका विधायिका से स्वतंत्र।

प्रश्न 9. भारत के राष्ट्रपति की दो विवेकाधीन शक्तियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:

0 जब किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न हो तो प्रधानमंत्री की नियुक्ति की जा सकती है।

0 राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति में लोकसभा को भंग कर सकता है।

प्रश्न 10. ‘कैबिनेट शासन प्रणाली’ का क्या अर्थ है
?

0 सरकार जहाँ वास्तविक शक्तियाँ प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल के पास होती हैं।

0 मंत्री सामूहिक रूप से विधायिका के प्रति उत्तरदायी होते हैं।

प्रश्न 1. संसदीय और अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली के बीच मुख्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:

कार्यकारी प्रमुख:

संसदीय: दोहरी कार्यपालिका (राष्ट्रपति = नाममात्र, प्रधानमंत्री = वास्तविक)।

राष्ट्रपति: एकल कार्यकारी (राष्ट्रपति = वास्तविक प्रमुख)।

विधानमंडल के साथ संबंध:

संसदीय: कार्यपालिका विधायिका के प्रति जवाबदेह।

राष्ट्रपति: विधायिका से स्वतंत्र कार्यपालिका।

कार्यकाल:

संसदीय: अनिश्चित, बहुमत के समर्थन पर निर्भर।

राष्ट्रपति पद: निश्चित कार्यकाल।

निर्णय लेना:

संसदीय: मंत्रिमंडल की सामूहिक जिम्मेदारी।

राष्ट्रपति संबंधी: राष्ट्रपति की व्यक्तिगत जिम्मेदारी।

स्थिरता:

संसदीय: लगातार राजनीतिक परिवर्तनों के कारण अस्थिर हो सकता है।

राष्ट्रपति पद: निश्चित कार्यकाल के कारण अधिक स्थिर।

प्रश्न 2. भारत के प्रधानमंत्री की शक्तियों और कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:

00 मंत्रिपरिषद का नेता: कैबिनेट बैठकों की अध्यक्षता करता है, कार्य का समन्वय करता है।

राष्ट्रपति को सलाह देता है: नियुक्तियों, लोकसभा के विघटन आदि पर।

नीति निर्माण: नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में केंद्रीय भूमिका निभाता है।

संसदीय भूमिका: लोकसभा में सरकार का बचाव करना, प्रश्नों के उत्तर देना।

पार्टी नेतृत्व: सत्तारूढ़ और गठबंधन सहयोगियों को नेतृत्व प्रदान करता है।

संकट प्रबंधन: आपात स्थिति और युद्ध के दौरान निर्णय लेता है।

अंतर्राष्ट्रीय भूमिका: अंतर्राष्ट्रीय मंचों और विदेशी संबंधों में भारत का प्रतिनिधित्व करता है।


प्रश्न 3. भारत के राष्ट्रपति की क्या शक्तियाँ हैं?

कार्यकारी शक्तियाँ: प्रधानमंत्री, मंत्रियों, राज्यपालों, न्यायाधीशों, राजदूतों की नियुक्ति।

विधायी शक्तियाँ: संसद को बुलाना, स्थगित करना; विधेयकों को स्वीकृति देना।

वित्तीय शक्तियां: यह सुनिश्चित करती है कि धन विधेयक केवल पूर्व अनुशंसा के साथ ही प्रस्तुत किए जाएं।

न्यायिक शक्तियाँ: क्षमा, दण्डविराम, दंड में परिवर्तन प्रदान कर सकती हैं।

आपातकालीन शक्तियाँ: राष्ट्रीय, राज्य और वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकता है।

विवेकाधीन शक्तियाँ: त्रिशंकु संसद में प्रधानमंत्री की नियुक्ति, लोकसभा को भंग करना।

प्रश्न 4. भारत में नौकरशाही की भूमिका की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:

कार्यान्वयन: विधायिका द्वारा पारित नीतियों और कानूनों का क्रियान्वयन।

निरंतरता: राजनीतिक परिवर्तनों के बावजूद स्थिरता प्रदान करती है।

विशेषज्ञता: मंत्रियों को पेशेवर सलाह प्रदान करता है।

प्रशासन: दिन-प्रतिदिन के शासन, कानून और व्यवस्था, कल्याणकारी योजनाओं का प्रबंधन करता है।

तटस्थता: राजनीतिक नेतृत्व के अधीन निष्पक्ष रूप से कार्य करता है।

राष्ट्रीय एकता: अखिल भारतीय सेवाएँ एकता और एकरूपता बनाए रखने में मदद करती हैं।

प्रश्न 5. मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति किस प्रकार उत्तरदायी है
?

अविश्वास प्रस्ताव: यदि पारित हो जाता है, तो संपूर्ण परिषद को इस्तीफा देना होगा।

सामूहिक निर्णय: सभी मंत्री कैबिनेट की नीतियों का बचाव करते हैं, भले ही वे निजी तौर पर असहमत हों।

जवाबदेही: मंत्री सरकारी कामकाज के लिए लोकसभा को जवाब देते हैं।

त्यागपत्र नियम: एक मंत्री के असफल होने पर संपूर्ण परिषद का त्यागपत्र हो सकता है।

0 लोकतांत्रिक नियंत्रण: यह सुनिश्चित करता है कि कार्यपालिका जनता के प्रतिनिधियों के प्रति जवाबदेह बनी रहे।

प्रश्न 6. भारत के राष्ट्रपति की विवेकाधीन शक्तियों पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:

त्रिशंकु संसद: जब किसी भी पार्टी को बहुमत न हो तो प्रधानमंत्री का चुनाव करना।

विघटन: सरकार बहुमत खो देने पर लोकसभा को भंग कर सकती है।

अविश्वास: जब मंत्रालय त्यागपत्र दे दे और कोई विकल्प न हो तो कार्रवाई कर सकता है।

आपातकालीन स्थितियाँ: अनुच्छेद 352, 356, 360 के तहत विशेष शक्तियाँ हैं।

स्वीकृति से इनकार: पुनर्विचार के लिए एक बार बिल वापस कर सकते हैं।

महत्व: राजनीतिक अनिश्चितता के दौरान संवैधानिक स्थिरता सुनिश्चित करता है।

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