🔶 1. पृष्ठभूमि – बहस और विश्वास का युग
- लगभग ईसा पूर्व 6वीं शताब्दी में कई विचारकों ने प्रश्न उठाए:
- वेदों पर आधारित यज्ञ, बलि और कर्मकांडों पर।
- जाति व्यवस्था और ब्राह्मणों की सर्वोच्चता पर।
- परिणामस्वरूप जन्म हुआ नवीन विचारों और धर्मों का:
- बौद्ध धर्म, जैन धर्म, आजीवक, चार्वाक आदि।
🧘 2. बौद्ध धर्म
🔹 गौतम बुद्ध:
- जन्म: लुंबिनी (नेपाल), ज्ञान प्राप्ति: बोधगया, प्रथम उपदेश: सारनाथ, महापरिनिर्वाण: कुशीनगर।
- उन्होंने आत्मसंयम, करुणा और ध्यान पर आधारित मार्ग सुझाया।
🔹 चार आर्य सत्य:
- दुःख – जीवन में दुःख है।
- तृष्णा – दुःख का कारण तृष्णा है।
- दुःख निरोध – तृष्णा का अंत दुःख का अंत है।
- मार्ग – दुःख के अंत का उपाय अष्टांगिक मार्ग है।
🔹 अष्टांगिक मार्ग:
- सम्यक दृष्टि – सत्य को देखना।
- सम्यक संकल्प – सही इरादा।
- सम्यक वाणी – सत्य भाषण।
- सम्यक कर्मान्त – सही कार्य।
- सम्यक आजीविका – सही जीविका।
- सम्यक प्रयास – सही प्रयत्न।
- सम्यक स्मृति – सतर्कता।
- सम्यक समाधि – ध्यान।
🔹 त्रिपिटक:
- विनय पिटक – भिक्षुओं/भिक्षुणियों के नियम।
- सुत्त पिटक – बुद्ध के उपदेश।
- अभिधम्म पिटक – दार्शनिक व्याख्या।
🔹 बौद्ध धर्म के संप्रदाय:
- हीनयान:
- बुद्ध की मूर्ति पूजा नहीं।
- व्यक्तिगत मुक्ति, पालि भाषा।
- महायान:
- मूर्ति पूजा, बोधिसत्वों की पूजा।
- संस्कृत भाषा।
🧘♂️ 3. जैन धर्म
🔹 महावीर (24वें तीर्थंकर):
- जन्म: क्षत्रिय कुल, बिहार में।
- ज्ञान प्राप्ति = कैवल्य।
🔹 पंच महाव्रत:
- अहिंसा – किसी भी जीव को क्षति नहीं।
- सत्य – सच बोलना।
- अस्तेय – चोरी नहीं करना।
- ब्रह्मचर्य – संयमित जीवन।
- अपरिग्रह – संग्रह नहीं करना।
🔹 मुख्य विचार: अनेकांतवाद – हर वस्तु को कई दृष्टियों से देखा जा सकता है।
🔹 संप्रदाय:
- दिगंबर – नग्न, कठोर नियम।
- श्वेतांबर – श्वेत वस्त्रधारी, सरल नियम।
🏘 4. संघ – भिक्षु समुदाय
- संघ = बुद्ध के अनुयायियों का संगठन।
- विनय पिटक में नियमों का उल्लेख।
- सभी जातियों, स्त्रियों के लिए खुला।
- रहने का स्थान: विहार, जीवनयापन: दान (दया) पर आधारित।
📖 5. जातक कथाएँ
- बुद्ध के पूर्व जन्मों की कहानियाँ।
- नैतिक शिक्षा देती हैं।
- सांची व अन्य स्तूपों की मूर्तियों में चित्रित।
🏛 6. स्तूप – श्रद्धा के प्रतीक
🔹 परिभाषा:
- गोलाकार संरचना, जिनमें बुद्ध या महान भिक्षुओं के अवशेष रखे जाते थे।
🔹 स्तूप की संरचना:
- अण्ड (गोल गुंबद) – विश्व का प्रतीक।
- हर्मिका – छोटा चबूतरा गुंबद के ऊपर।
- यष्टि – केंद्रीय खंभा।
- छत्र – प्रतीकात्मक छाया।
- वेदिका – चारों ओर घेरा।
- तोरण (गेटवे) – चार दिशाओं में सजावटी द्वार।
🏯 7. सांची स्तूप
- अशोक द्वारा बनवाया गया, बाद में शुंग व सातवाहन राजाओं ने बढ़ाया।
- तोरणों पर चित्रित:
- जातक कथाएँ
- बुद्ध के जीवन की प्रतीकात्मक झलकियाँ (जैसे वृक्ष = बोधि वृक्ष)
- दानदाता के नाम – व्यापारी, महिलाएं, आमजन भी।
🏛 8. अमरावती स्तूप
- स्थित: आंध्र प्रदेश।
- आकार में सांची से बड़ा, शिल्पकला अधिक जीवंत।
- ब्रिटिश संग्रहालय द्वारा मूर्तियाँ ले जाने से क्षतिग्रस्त हो गया।
👸 9. भोपाल की बेगमों की भूमिका
- 19वीं सदी में सांची खंडहर बन चुका था।
- बेगम शाहजहाँ और सुल्तान जहाँ बेगम ने:
- स्तूप की घेराबंदी और संरक्षण कराया।
- ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) को समर्थन दिया।
- खुदाई और संग्रहालय निर्माण में आर्थिक सहायता दी।
👨🏫 10. जॉन मार्शल का योगदान
- 1902–1928 तक ASI के महानिदेशक।
- सांची और अन्य स्थलों पर वैज्ञानिक संरक्षण कार्य शुरू किया।
- भारतीयों को पुरातात्विक कार्यों में जोड़ा।
- दस्तावेजों, चित्रों और विवरणों के साथ विवरण प्रकाशित किया।
🧾 11. स्रोत
स्रोत | उदाहरण |
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ग्रंथ | त्रिपिटक, जैन आगम, जातक कथाएँ |
अभिलेख | स्तूपों पर दानदाताओं के नाम |
मूर्तियाँ | सांची, अमरावती |
यात्रा वृतांत | फाह्यान, ह्वेनसांग आदि चीनी यात्रियों के वर्णन |