कक्षा 12 इतिहास – अध्याय 4 विचारक, विश्वास और इमारतें NOTES

By gurudev

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🔶 1. पृष्ठभूमि – बहस और विश्वास का युग

  • लगभग ईसा पूर्व 6वीं शताब्दी में कई विचारकों ने प्रश्न उठाए:
    • वेदों पर आधारित यज्ञ, बलि और कर्मकांडों पर।
    • जाति व्यवस्था और ब्राह्मणों की सर्वोच्चता पर।
  • परिणामस्वरूप जन्म हुआ नवीन विचारों और धर्मों का:
    • बौद्ध धर्म, जैन धर्म, आजीवक, चार्वाक आदि।

🧘 2. बौद्ध धर्म

🔹 गौतम बुद्ध:

  • जन्म: लुंबिनी (नेपाल), ज्ञान प्राप्ति: बोधगया, प्रथम उपदेश: सारनाथ, महापरिनिर्वाण: कुशीनगर
  • उन्होंने आत्मसंयम, करुणा और ध्यान पर आधारित मार्ग सुझाया।

🔹 चार आर्य सत्य:

  1. दुःख – जीवन में दुःख है।
  2. तृष्णा – दुःख का कारण तृष्णा है।
  3. दुःख निरोध – तृष्णा का अंत दुःख का अंत है।
  4. मार्ग – दुःख के अंत का उपाय अष्टांगिक मार्ग है।

🔹 अष्टांगिक मार्ग:

  1. सम्यक दृष्टि – सत्य को देखना।
  2. सम्यक संकल्प – सही इरादा।
  3. सम्यक वाणी – सत्य भाषण।
  4. सम्यक कर्मान्त – सही कार्य।
  5. सम्यक आजीविका – सही जीविका।
  6. सम्यक प्रयास – सही प्रयत्न।
  7. सम्यक स्मृति – सतर्कता।
  8. सम्यक समाधि – ध्यान।

🔹 त्रिपिटक:

  1. विनय पिटक – भिक्षुओं/भिक्षुणियों के नियम।
  2. सुत्त पिटक – बुद्ध के उपदेश।
  3. अभिधम्म पिटक – दार्शनिक व्याख्या।

🔹 बौद्ध धर्म के संप्रदाय:

  • हीनयान:
    • बुद्ध की मूर्ति पूजा नहीं।
    • व्यक्तिगत मुक्ति, पालि भाषा।
  • महायान:
    • मूर्ति पूजा, बोधिसत्वों की पूजा।
    • संस्कृत भाषा।

🧘‍♂️ 3. जैन धर्म

🔹 महावीर (24वें तीर्थंकर):

  • जन्म: क्षत्रिय कुल, बिहार में।
  • ज्ञान प्राप्ति = कैवल्य

🔹 पंच महाव्रत:

  1. अहिंसा – किसी भी जीव को क्षति नहीं।
  2. सत्य – सच बोलना।
  3. अस्तेय – चोरी नहीं करना।
  4. ब्रह्मचर्य – संयमित जीवन।
  5. अपरिग्रह – संग्रह नहीं करना।

🔹 मुख्य विचार: अनेकांतवाद – हर वस्तु को कई दृष्टियों से देखा जा सकता है।

🔹 संप्रदाय:

  • दिगंबर – नग्न, कठोर नियम।
  • श्वेतांबर – श्वेत वस्त्रधारी, सरल नियम।

🏘 4. संघ – भिक्षु समुदाय

  • संघ = बुद्ध के अनुयायियों का संगठन।
  • विनय पिटक में नियमों का उल्लेख।
  • सभी जातियों, स्त्रियों के लिए खुला।
  • रहने का स्थान: विहार, जीवनयापन: दान (दया) पर आधारित।

📖 5. जातक कथाएँ

  • बुद्ध के पूर्व जन्मों की कहानियाँ।
  • नैतिक शिक्षा देती हैं।
  • सांची व अन्य स्तूपों की मूर्तियों में चित्रित।

🏛 6. स्तूप – श्रद्धा के प्रतीक

🔹 परिभाषा:

  • गोलाकार संरचना, जिनमें बुद्ध या महान भिक्षुओं के अवशेष रखे जाते थे।

🔹 स्तूप की संरचना:

  1. अण्ड (गोल गुंबद) – विश्व का प्रतीक।
  2. हर्मिका – छोटा चबूतरा गुंबद के ऊपर।
  3. यष्टि – केंद्रीय खंभा।
  4. छत्र – प्रतीकात्मक छाया।
  5. वेदिका – चारों ओर घेरा।
  6. तोरण (गेटवे) – चार दिशाओं में सजावटी द्वार।

🏯 7. सांची स्तूप

  • अशोक द्वारा बनवाया गया, बाद में शुंग व सातवाहन राजाओं ने बढ़ाया।
  • तोरणों पर चित्रित:
    • जातक कथाएँ
    • बुद्ध के जीवन की प्रतीकात्मक झलकियाँ (जैसे वृक्ष = बोधि वृक्ष)
    • दानदाता के नाम – व्यापारी, महिलाएं, आमजन भी।

🏛 8. अमरावती स्तूप

  • स्थित: आंध्र प्रदेश
  • आकार में सांची से बड़ा, शिल्पकला अधिक जीवंत
  • ब्रिटिश संग्रहालय द्वारा मूर्तियाँ ले जाने से क्षतिग्रस्त हो गया।

👸 9. भोपाल की बेगमों की भूमिका

  • 19वीं सदी में सांची खंडहर बन चुका था।
  • बेगम शाहजहाँ और सुल्तान जहाँ बेगम ने:
    • स्तूप की घेराबंदी और संरक्षण कराया।
    • ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) को समर्थन दिया।
    • खुदाई और संग्रहालय निर्माण में आर्थिक सहायता दी।

👨‍🏫 10. जॉन मार्शल का योगदान

  • 1902–1928 तक ASI के महानिदेशक
  • सांची और अन्य स्थलों पर वैज्ञानिक संरक्षण कार्य शुरू किया।
  • भारतीयों को पुरातात्विक कार्यों में जोड़ा।
  • दस्तावेजों, चित्रों और विवरणों के साथ विवरण प्रकाशित किया।

🧾 11. स्रोत

स्रोतउदाहरण
ग्रंथत्रिपिटक, जैन आगम, जातक कथाएँ
अभिलेखस्तूपों पर दानदाताओं के नाम
मूर्तियाँसांची, अमरावती
यात्रा वृतांतफाह्यान, ह्वेनसांग आदि चीनी यात्रियों के वर्णन

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