कालीबंगां : हमारा गौरवशाली इतिहास

By gurudev

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Kalibangan — पूरी जानकारी

ऐतिहासिक परिचय ו मुख्य विशेषताएँ

  • स्थान: कालीबंगां हिंदुस्तान (भारत), राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले (Hanumangarh district) में, घग्गर नदी की बगल में स्थित है।
  • समय: इसका पूर्व- हड़प्पा काल (Early Harappan) लगभग 3000-2700 ईसा पूर्व, और घनिष्ठ (Mature) हड़प्पा काल लगभग 2600-1900 ईसा पूर्व
  • उत्खनन: प्रमुख उत्खनन कार्य 1960-61 से 1969-70 तक, B. B. Lal, B. K. Thapar, J. P. Joshi आदि द्वारा किया गया।
  • खोजी विशेषताएँ:
    1. Citadel (उच्च नगर) और Lower town (निचला नगर): दो प्रमुख मकबिल ढेर — KLB-1 (पश्चिमी माउण्ड, मुख्यतः Early + Mature Harappan) और KLB-2 (पूर्वी माउण्ड, Mature Harappan) ।
    2. मचान और पत्थर/मिट्टी ईंटें: अधिकांश संरचनाएँ मिट्टी (mudbrick) से बनी थीं, जो Harappan माप (approx. proportion 4:2:1) में थीं।
    3. आग की वेदीयाँ (fire altars): उच्च नगर (citadel) और निवास स्थानों में कुछ विशेष कमरे/वेदीयाँ खोजी गईं, जहाँ धार्मिक अनुष्ठान संभवतः होते होंगे।
    4. हल की ज़मीन / ploughed field: Kalibangan शायद विश्व का सबसे पुराना ज्ञात हल जोतने की ज़मीन है, जिसमें खेतों में क्रॉस-कट नाले के निशान मिले हैं।
    5. नाली-जल निकासी व्यवस्था, सड़कें, और आवास: सड़कों का ग्रिड पैटर्न, घरो में आंगन (courtyard), पता चलता है कि जीवन-यापन सुव्यवस्थित था।
  • खंडहर की स्थिति (Ruins condition):
    खंडहर आज बहुत बिखरे हुए हैं; मिट्टी-ईंटें और टेराकोटा व मृत्तिका सामग्री (pottery, bangles etc.) मरण-स्तर से ऊपर नमूने हैं। संरचनाएँ कई हिस्सों में क्षरण की स्थिति में हैं, मौसम और मानव गतिविधियों की वजह से। ASI द्वारा संरक्षण कार्य हो रहा है।

संग्रहालय (Museum)

  • Kalibangan Archaeological Museum: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस स्थल से मिले वस्तुओं का संग्रह करता है। तीन गैलरी हैं — एक Pre-Harappan वस्तुओं के लिए और दो Harappan काल की वस्तुओं के लिए।
  • प्रदर्शित वस्तुएँ: मिट्टी के बर्तन (pottery), टेराकोटा की सामग्री, मोती-चूड़ियाँ (bangles), मुहरें (seals), जड़-धातु की वस्तुएँ आदि।
  • प्रवेश शुल्क:
    • हिंदी स्रोतों के अनुसार: भारतीय पर्यटकों के लिए लगभग ₹ 5 और विदेशी पर्यटकों के लिए ₹ 100 हो सकता है।
    • बच्चों (लगभग 15 वर्ष से कम) के लिए मुक्त या कम शुल्क हो सकता है।
  • खुलने-बंद होने का समय: कुछ स्रोतों में खुलने-बंद समय उल्लेख है, लेकिन ASI या सरकारी वेबसाइट से ताज़ा जानकारी लेना बेहतर है। हिन्दी स्रोत में लिखा है कि संग्रहालय का समय सुबह-शाम निर्धारित होगा।

कैसे पहुँचें (How to Reach)

माध्यमविवरण
रेल (Train):सबसे नज़दीकी बड़ा रेलवे स्टेशन है Hanumangarh Junction, जो लगभग 31 किलोमीटर दूर है।
सड़क (Road):Kalibangan सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा है। सड़क/राजमार्गों द्वारा Bikaner, Jaipur, Delhi आदि से बस या टैक्सी मिलती है। हनुमानगढ़ से लगभग 30-35 किलोमीटर की दूरी है।
हवाई मार्ग (Airport):निकटतम एयरपोर्ट के ऑप्शन्स हैं: Bikaner Airport (कम दूरी और घरेलू), Jaipur International Airport (बड़ा विकल्प) और अन्य बड़े हवाई अड्डे जैसे दिल्ली आदि, फिर सड़क से आना।

होटल या ठहरने की व्यवस्था (Accommodation)

  • Kalibangan के आसपास होटल / गेस्ट हाउस सीमित हैं क्योंकि यह एक छोटा पुरातात्विक स्थल है। मुख्य ठहरने की सुविधा Hanu­mangarh शहर में मिल सकती है।
  • जैसे गेस्ट हाउस, छोटे होटल, लॉज आदि हो सकते हैं, शहर के केंद्र में। बजट और मध्यम श्रेणी के होटल वहां उपलब्ध होंगे। पता करना होगा कि किसी होटल ने विशेष रूप से Kalibangan के लिए प्रचार किया हो।
  • यदि आप आराम चाहते हैं तो Bikaner से आकर वहाँ रात गुजारना बेहतर है क्योंकि वहाँ सुविधा अधिक होती है।

टिकट और समय सारणी (Ticket & Timings)

  • संग्रहालय प्रवेश शुल्क: जैसा ऊपर बताया गया है, भारतीयों के लिए ≈ ₹ 5, विदेशी व्यक्तियों के लिए ≈ ₹ 100।
  • खुलने-बंद समय: संग्रहालय और पुरावशेष स्थल का समय आमतौर पर सुबह से शाम तक होता है (लगभग सूर्योदय बाद से शाम 4-5 बजे तक) लेकिन ASI पर निर्भर करता है। विशेष अवकाश या सर्विसिंग के दिन बंद हो सकता है।
  • अन्य शुल्क: संभव है कि कैमरा ले जाने पर अतिरिक्त शुल्क हो, गाइड शुल्क हो। ASI से पूछना चाहिए।

🏛 Kalibangan यात्रा-भ्रमण कार्यक्रम

✈️ दिन 1: यात्रा और हनुमानगढ़ पहुँचना

  • सुबह:
    • दिल्ली / जयपुर / बीकानेर से प्रस्थान।
    • रेल विकल्प:
      • दिल्ली से Hanumangarh Junction तक ट्रेन (~8–9 घंटे)।
      • जयपुर से ट्रेन (~7–8 घंटे)।
    • सड़क विकल्प:
      • दिल्ली से कार/बस द्वारा लगभग 420 किमी (8–9 घंटे)।
      • जयपुर से लगभग 330 किमी (6–7 घंटे)।
    • हवाई मार्ग:
      • निकटतम एयरपोर्ट – बीकानेर (लगभग 200 किमी) → फिर टैक्सी/बस से हनुमानगढ़।
  • दोपहर:
    • हनुमानगढ़ पहुँचकर होटल/गेस्ट हाउस में चेक-इन।
    • आराम करें और स्थानीय बाजार घूमें।
  • शाम:
    • हनुमानगढ़ किला और घग्गर नदी के किनारे टहलना।
    • स्थानीय व्यंजन (राजस्थानी दाल-बाटी-चूरमा, गट्टे की सब्ज़ी आदि) का स्वाद लें।

🏺 दिन 2: Kalibangan भ्रमण

  • सुबह जल्दी:
    • होटल से निकलें और लगभग 30–35 किमी की दूरी पर स्थित Kalibangan पुरातात्विक स्थल जाएँ।
    • खंडहर देखें:
      • Citadel और Lower Town की दीवारें
      • Ploughed Field (हल जोते खेत)
      • Fire Altars (अग्नि वेदी)
      • Drainage System और सड़क योजना
      • मिट्टी की ईंटों से बने प्राचीन मकान
  • दोपहर:
    • Kalibangan Archaeological Museum देखें:
      • मिट्टी के बर्तन, मुहरें, टेराकोटा मूर्तियाँ, चूड़ियाँ, मोती।
      • संग्रहालय टिकट: भारतीय पर्यटकों के लिए लगभग ₹5, विदेशी पर्यटकों के लिए ₹100।
      • समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक (ASI नियम अनुसार सोमवार को बंद हो सकता है)।
  • शाम:
    • Kalibangan से हनुमानगढ़ लौटें।
    • चाहें तो शाम की ट्रेन/बस से वापसी करें या एक और रात होटल में रुकें।

  • बजट विकल्प: छोटे गेस्ट हाउस, धर्मशालाएँ।
  • मिड-रेंज होटल: Hotel Rajvi Palace, Hotel Shree Ram Heritage आदि।
  • लग्ज़री: बीकानेर/जयपुर जैसे बड़े शहरों में बेहतर होटल विकल्प मिलते हैं।

  • यातायात:
    • ट्रेन (दिल्ली–हनुमानगढ़–दिल्ली): ₹1000–1500 (स्लीपर/3AC)
    • कार/बस किराया: ₹1200–2500
    • टैक्सी (लोकल): ₹800–1000
  • होटल: ₹1000–3000 (प्रति रात, श्रेणी अनुसार)
  • भोजन: ₹500–1000 प्रतिदिन
  • टिकट और संग्रहालय शुल्क: ₹5–100

👉 कुल मिलाकर: ₹4000–6000 प्रति व्यक्ति (बजट यात्रा के लिए)


  1. हड़प्पा सभ्यता का एक अनूठा स्थल जहाँ हल जोते खेत मिले।
  2. अग्नि वेदियाँ (धार्मिक जीवन की झलक)।
  3. हज़ारों साल पुरानी शहरी योजना और जल निकासी व्यवस्था।
  4. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित एक ऐतिहासिक धरोहर।
  5. इतिहास और पुरातत्व पढ़ने वालों के लिए एक जीवित प्रयोगशाला।

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