दीवाली मनाने के 10 कारण, क्यों मनाई जाती है दीवाली, विभिन्न धर्मो की अपनी मान्यताएं

By gurudev

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“दीपावली कथा संग्रह (Diwali Story Collection)”

दीपावली त्यौहार से जुड़ी 10 अनुपम लघु कहानियाँ


🌟 दीपावली कथा संग्रह (Diwali Story Collection)

अंधकार से प्रकाश की ओर – सत्य, धर्म और ज्ञान की विजय का पर्व


🪔 1. माता लक्ष्मी का प्रकट होना — समृद्धि का संदेश

बहुत समय पहले देवता और असुरों ने अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन किया।
उस मंथन से चौदह रत्न निकले, जिनमें से एक थीं देवी लक्ष्मी — धन, सौभाग्य और समृद्धि की देवी।
जब वे प्रकट हुईं, तो देवताओं ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया।
तब से हर वर्ष कार्तिक अमावस्या की रात को लोग दीप जलाते हैं, ताकि लक्ष्मीजी के आशीर्वाद से घर में धन और सुख-शांति बनी रहे।
इसलिए इस दिन को लक्ष्मी पूजन दिवस कहा जाता है।


🏹 2. भगवान श्रीराम का अयोध्या आगमन — धर्म की विजय

रामायण के अनुसार, जब भगवान श्रीराम ने 14 वर्ष का वनवास पूरा कर रावण का वध किया और सीता व लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे,
तो अयोध्यावासियों ने आनंद में दीप जलाकर नगरी को रोशन कर दिया।
पूरा नगर दीपों की ज्योति से जगमगाने लगा।
यह दिन अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक बना और दीपावली के रूप में मनाया जाने लगा।


🔥 3. भगवान कृष्ण और नरकासुर वध — बुराई का अंत

असुर नरकासुर ने देवताओं और मनुष्यों को बहुत सताया तथा 16,000 कन्याओं को बंदी बना लिया।
भगवान कृष्ण ने कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्दशी के दिन उसका वध कर कन्याओं को मुक्त कराया।
इस दिन को नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली कहा जाता है।
यह कथा सिखाती है कि अहंकार और अत्याचार का अंत निश्चित है।


💎 4. वामन अवतार और राजा बलि — दान और भक्ति की मिसाल

असुर राजा महाबली बहुत दानी और धर्मपरायण था, परंतु उसके अहंकार ने देवताओं को भयभीत कर दिया।
भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर तीन पग भूमि माँगी —
पहले पग से पृथ्वी, दूसरे से आकाश और तीसरे पग से महाबली के सिर पर पैर रखकर उसे पाताल लोक का राजा बना दिया।
भगवान ने उसे आशीर्वाद दिया कि वह वर्ष में एक बार अपनी प्रजा से मिलने आए।
दक्षिण भारत में दीपावली उसी स्मृति में मनाई जाती है।


🕯️ 5. गुरु हरगोविंद जी का ग्वालियर से वापसी — स्वतंत्रता का पर्व ‘बंदी छोड़ दिवस’

मुगल बादशाह जहांगीर ने छठे सिख गुरु, गुरु हरगोविंद जी को ग्वालियर के किले में बंदी बना लिया था।
उन्होंने अपनी रिहाई के साथ-साथ 52 अन्य राजाओं को भी आज़ाद करवाया।
जब वे अमृतसर लौटे, तो स्वर्ण मंदिर में दीप जलाकर उनका स्वागत किया गया।
यह दिन सिखों के लिए “बंदी छोड़ दिवस” कहलाता है और दीपावली के साथ ही मनाया जाता है।
यह कथा स्वतंत्रता, समानता और करुणा का संदेश देती है।


🕊️ 6. भगवान महावीर का निर्वाण — ज्ञान का प्रकाश

जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर ने कार्तिक अमावस्या के दिन निर्वाण (मोक्ष) प्राप्त किया।
उनके अनुयायियों ने ज्ञान और आत्मशुद्धि के प्रतीक स्वरूप दीप जलाए।
इसलिए जैन समुदाय दीपावली को मोक्ष दिवस के रूप में मनाता है।
यह दिन आत्मज्ञान और सत्य की ज्योति का प्रतीक है।


👑 7. राजा विक्रमादित्य का राज्याभिषेक — नववर्ष का आरंभ

एक अन्य मान्यता के अनुसार, इसी दिन उज्जैन के महान सम्राट विक्रमादित्य का राज्याभिषेक हुआ था।
उनके शासन के प्रारंभ दिवस को ही विक्रम संवत की शुरुआत माना गया।
इसलिए दीपावली को भारत के कुछ हिस्सों में नववर्ष का प्रथम दिन भी माना जाता है।


🔱 8. देवी काली की पूजा — शक्ति और न्याय का प्रतीक

पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा में दीपावली की रात माँ काली की पूजा होती है।
कहा जाता है कि देवी काली ने इस रात असुरों का संहार कर धरती को पाप और भय से मुक्त किया।
लोग दीप जलाकर उनका आशीर्वाद माँगते हैं।
यह दिन शक्ति, साहस और न्याय की विजय का प्रतीक है।


⚔️ 9. पांडवों की वापसी — न्याय की पुनर्स्थापना

महाभारत के अनुसार, जब पांडव 12 वर्ष के वनवास और 1 वर्ष के अज्ञातवास के बाद अपने राज्य हस्तिनापुर लौटे,
तो जनता ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया।
यह भी कारण है कि दीपावली को धर्म की वापसी और अंधकार से प्रकाश की ओर लौटने का पर्व माना गया।


📚 10. स्वामी दयानंद सरस्वती का निर्वाण — सत्य की ज्योति

आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती ने 1883 में दीपावली के दिन अपना शरीर त्यागा।
उन्होंने “सत्यार्थ प्रकाश” नामक ग्रंथ लिखकर समाज में सुधार का मार्ग दिखाया।
उनकी स्मृति में दीपावली को सत्य और ज्ञान के प्रकाश का पर्व भी माना जाता है।


🌼 दीपावली का सार (The Essence of Diwali)

दीपावली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि आत्मा की ज्योति को प्रज्वलित करने का दिन है।
यह बताती है —
अंधकार कितना भी गहरा क्यों न हो, एक दीपक उसे मिटा सकता है।


सभी कथाओं का सारांश तालिका

क्रमकथा / परंपरामुख्य संदेश
1लक्ष्मी प्रकट होनाधन, सौभाग्य और समृद्धि
2राम का अयोध्या आगमनधर्म और प्रेम की विजय
3कृष्ण का नरकासुर वधबुराई पर अच्छाई की जीत
4वामन अवतार और महाबलीदान और भक्ति
5गुरु हरगोविंद जी की रिहाईस्वतंत्रता और करुणा
6भगवान महावीर का निर्वाणमोक्ष और आत्मज्ञान
7राजा विक्रमादित्य राज्याभिषेकभारतीय नववर्ष का आरंभ
8देवी काली पूजाशक्ति और न्याय
9पांडवों की वापसीधर्म की पुनर्स्थापना
10स्वामी दयानंद सरस्वतीसत्य और ज्ञान की ज्योति

🌺 निष्कर्ष

दीपावली हमें सिखाती है कि —

  • अंधकार कितना भी गहरा हो, प्रकाश की एक किरण उसे मिटा सकती है।
  • असत्य चाहे कितना भी बलवान हो, सत्य की विजय निश्चित है।
  • जब मन, घर और समाज में प्रकाश फैलता है, तभी सच्ची दीपावली होती है।

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