ऐतिहासिक इमारतें जो आज भी मौजूद हैं
भारत की सबसे प्राचीन संरचनाएँ (जो आज भी मौजूद हैं)
भारत का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। यहाँ हड़प्पा सभ्यता से लेकर मौर्य, गुप्त और उसके बाद के काल तक अनेक अद्भुत स्थापत्य नमूने मिलते हैं। कई संरचनाएँ आज भी हमारे सामने मौजूद हैं और भारत की प्राचीन संस्कृति, धर्म, कला और विज्ञान की गवाही देती हैं।
1) मोहनजोदड़ो का महान स्नानागार (सिंधु घाटी सभ्यता)

- काल: लगभग 2500 ईसा पूर्व।
- स्थान: मोहनजोदड़ो (आज का पाकिस्तान, लेकिन हड़प्पा सभ्यता भारतीय उपमहाद्वीप का हिस्सा थी)।
- संरचना: यह एक बड़ा आयताकार स्नानागार है, जिसकी लंबाई लगभग 12 मीटर और चौड़ाई 7 मीटर है। इसमें ईंटों से बनी पक्की दीवारें और जलनिकासी की सटीक व्यवस्था थी।
- उद्देश्य: इसे धार्मिक अनुष्ठानों और सार्वजनिक स्नान के लिए उपयोग किया जाता होगा।
- महत्व: इसे विश्व का सबसे प्राचीन सार्वजनिक जल-संरचना माना जाता है।
2) धौलावीरा का जल प्रबंधन तंत्र (गुजरात)

- काल: लगभग 3000–1500 ईसा पूर्व।
- स्थान: कच्छ, गुजरात।
- संरचना: यहाँ जल संग्रह के लिए विशाल टैंक, नहरें और जल निकासी व्यवस्था बनी थी।
- विशेषता: धौलावीरा की यह प्रणाली विश्व की सबसे पुरानी स्मार्ट वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम मानी जाती है।
- महत्व: यह बताता है कि हड़प्पा सभ्यता के लोग उन्नत शहरी जीवन और इंजीनियरिंग में निपुण थे।
3) बाराबार गुफाएँ (बिहार)

- काल: 3री शताब्दी ईसा पूर्व (अशोक और दशरथ मौर्य का काल)।
- स्थान: बिहार के जहानाबाद जिले में।
- संरचना: ये भारत की सबसे पुरानी ज्ञात चट्टानों को काटकर बनाई गई गुफाएँ हैं।
- उद्देश्य: इन्हें आजिविक संप्रदाय के तपस्वियों को दान किया गया था।
- विशेषता: इनकी भीतरी दीवारें इतनी चिकनी हैं कि दर्पण जैसी चमकती हैं।
- महत्व: ये गुफाएँ मौर्यकालीन शिल्प और धर्म सहिष्णुता का अद्भुत उदाहरण हैं।
4) सांची स्तूप ( भोपाल,मध्य प्रदेश)

- काल: मूल निर्माण 3री शताब्दी ईसा पूर्व (अशोक महान द्वारा)।
- स्थान: सांची, मध्य प्रदेश।
- संरचना: अर्धगोलाकार स्तूप, जिस पर चार सुंदर तोरणद्वार (गेटवे) बने हैं।
- उद्देश्य: इसमें बुद्ध के अवशेष रखे गए थे।
- महत्व: यह भारतीय बौद्ध कला और वास्तुकला का सबसे पुराना एवं सुरक्षित उदाहरण है।
5) उदयगिरि गुफाएँ (मध्य प्रदेश)

- काल: लगभग 4थी–5वीं शताब्दी ईस्वी (गुप्त काल)।
- स्थान: विदिशा के पास, मध्य प्रदेश।
- संरचना: गुप्तकालीन गुफाएँ, जिनमें हिन्दू देवताओं की मूर्तियाँ उकेरी गई हैं।
- विशेषता: यहाँ विष्णु का वराह अवतार चित्रण विशेष प्रसिद्ध है।
- महत्व: यह भारत में हिंदू गुफा मंदिरों का सबसे पुराना उदाहरण है।
6) अजन्ता गुफाएँ (महाराष्ट्र)

- काल: प्रारंभिक निर्माण 2री शताब्दी ईसा पूर्व, विस्तार गुप्त काल में (5वीं–6वीं शताब्दी ईस्वी)।
- स्थान: महाराष्ट्र।
- संरचना: 30 से अधिक बौद्ध गुफाएँ, जिनमें विहार (मठ) और चैत्य (पूजा स्थल) शामिल हैं।
- विशेषता: दीवारों और छतों पर बनीं बौद्ध चित्रकला, जataka कथाएँ।
- महत्व: विश्व की अद्वितीय भित्ति चित्रकला और बौद्ध धर्म के प्रसार का प्रतीक।
7) एलीफेंटा गुफाएँ (महाराष्ट्र)

- काल: लगभग 5वीं–6वीं शताब्दी ईस्वी।
- स्थान: मुंबई के पास एलीफेंटा द्वीप।
- संरचना: पत्थरों को काटकर बनाए गए हिंदू (शैव) गुफा मंदिर।
- विशेषता: महेशमूर्ति (त्रिमूर्ति शिव) की 20 फीट ऊँची भव्य प्रतिमा।
- महत्व: शैव धर्म और भारतीय शिल्पकला का उत्कृष्ट उदाहरण।
8) मीनाक्षी मंदिर (मदुरै, तमिलनाडु)

- काल: मूल निर्माण 6वीं शताब्दी ईस्वी (पल्लव काल), बाद में पांड्य और नायक शासकों द्वारा विस्तार।
- संरचना: विशाल द्रविड़ शैली का मंदिर, जिसमें ऊँचे गोपुरम (प्रवेश द्वार) और सैकड़ों मूर्तियाँ।
- महत्व: यह आज भी दक्षिण भारत की जीवंत धार्मिक परंपरा और स्थापत्य कला का अद्भुत प्रतीक है।
निष्कर्ष
- सबसे पुरानी संरचनाएँ: हड़प्पा सभ्यता की (धौलावीरा, मोहनजोदड़ो)।
- सबसे पुराने शिलाखंड (Rock-cut) उदाहरण: बराबर गुफाएँ (मौर्यकाल)।
- सबसे पुराना स्तूप: सांची।
- सबसे पुरानी गुफा चित्रकला: अजन्ता।
- सबसे पुराने हिंदू मंदिर: उदयगिरि और बाद में द्रविड़ शैली के मंदिर।
ये संरचनाएँ यह प्रमाणित करती हैं कि भारत प्राचीन काल से ही वास्तुकला, कला और विज्ञान का अद्वितीय केंद्र रहा है।







