60 MCQs कक्षा 12 इतिहास – अध्याय 8: किसान, जमींदार और राज्य (Kings, Zamindars and the State)

By gurudev

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प्रश्न 1.
अकबर के शासनकाल में भूमि मापने की प्रणाली किस नाम से जानी जाती थी?
(A) दशमलव पद्धति
(B) बटाई
(C) ज़ब्ती
(D) खालसा

उत्तर: (C) ज़ब्ती

व्याख्या: अकबर के वित्तमंत्री टोडरमल ने ‘ज़ब्ती प्रणाली’ लागू की थी। इसमें भूमि की उपज का माप करके औसत उपज और कीमत के आधार पर कर निश्चित किया जाता था।


प्रश्न 2.
मुगल प्रशासन में ‘जमींदार’ शब्द का क्या अर्थ था?
(A) केवल बड़े भू-स्वामी
(B) केवल छोटे किसान
(C) भूमि पर अधिकार रखने वाले और राज्य को कर दिलाने वाले व्यक्ति
(D) सैनिक अधिकारी

उत्तर: (C)

व्याख्या: जमींदार वे लोग थे जो किसानों से कर वसूलकर राज्य को पहुँचाते थे। ये छोटे गाँवों के मुखिया भी हो सकते थे और बड़े क्षेत्र के भू-स्वामी भी।


प्रश्न 3.
मुगल राज्य में सबसे अधिक कर किस पर लगाया जाता था?
(A) व्यापार पर
(B) भूमि पर
(C) पशुपालन पर
(D) शिल्प पर

उत्तर: (B) भूमि पर

व्याख्या: मुगल राज्य की मुख्य आय भूमि कर से ही होती थी। किसानों से ही उपज के रूप में अधिकतर राजस्व वसूला जाता था।


प्रश्न 4.
‘रैयतवारी प्रणाली’ का आधार क्या था?
(A) सीधे किसानों से कर वसूली
(B) जमींदारों के माध्यम से कर वसूली
(C) महाजन के माध्यम से कर
(D) राजा से सीधा कर

उत्तर: (A)

व्याख्या: रैयतवारी व्यवस्था में किसानों (रैयत) से सीधे कर वसूला जाता था। इसमें बिचौलियों (जमींदार) की भूमिका नहीं थी।


प्रश्न 5.
मुगल साम्राज्य के भूमि राजस्व संग्रह की मुख्य इकाई क्या थी?
(A) तालुका
(B) गाँव
(C) परगना
(D) सूबा

उत्तर: (C) परगना

व्याख्या: भूमि कर संग्रहण का मूल आधार परगना था। इसमें कई गाँव आते थे और इसका प्रमुख अधिकारी ‘शिकदार’ होता था।


प्रश्न 6.
अकबर के समय में ‘आइन-ए-अकबरी’ किसने लिखा था?
(A) अबुल फज़ल
(B) बदायुनी
(C) शेर शाह
(D) फिरदौसी

उत्तर: (A) अबुल फज़ल

व्याख्या: अबुल फज़ल ने ‘आइन-ए-अकबरी’ और ‘अकबरनामा’ लिखे। इनमें प्रशासन, राजस्व व्यवस्था और समाज का विस्तृत वर्णन है।


प्रश्न 7.
मुगल राज्य में भूमि राजस्व की गणना मुख्यतः किसके आधार पर होती थी?
(A) भूमि की उपज और कीमत
(B) किसान की आर्थिक स्थिति
(C) गाँव की परंपरा
(D) कर वसूलने वाले की इच्छा

उत्तर: (A)

व्याख्या: भूमि की उपज और उसकी कीमत का औसत निकालकर कर निर्धारित किया जाता था, ताकि राज्य की आय स्थिर रहे।


प्रश्न 8.
‘करोरी प्रयोग’ किसने शुरू किया था?
(A) अकबर
(B) शाहजहाँ
(C) जहाँगीर
(D) बाबर

उत्तर: (A) अकबर

व्याख्या: अकबर ने प्रत्येक कर संग्रह क्षेत्र में एक ‘करोरी’ नियुक्त किया, जो 1 करोड़ दाम की आय सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार था।


प्रश्न 9.
मुगल काल में गाँव का प्रधान कौन होता था?
(A) मुकद्दम
(B) सरपंच
(C) कारकून
(D) अमीर

उत्तर: (A) मुकद्दम

व्याख्या: गाँव का प्रधान मुकद्दम कहलाता था। वह कर वसूली और प्रशासनिक कार्यों में राज्य की मदद करता था।


प्रश्न 10.
‘खालसा भूमि’ का क्या अर्थ था?
(A) किसानों की निजी भूमि
(B) जमींदार की निजी भूमि
(C) राज्य के सीधे नियंत्रण में भूमि
(D) धार्मिक संस्था की भूमि

उत्तर: (C)

व्याख्या: खालसा भूमि वह होती थी जो सीधे राज्य के अधीन होती थी और जिसकी आय शाही खजाने में जाती थी।


प्रश्न 11. मुग़ल प्रशासन में ‘खालसा भूमि’ किसे कहा जाता था?
(A) जागीरदारों की भूमि
(B) सीधे शाही ख़ज़ाने में आने वाली भूमि
(C) मंदिरों को दान दी गई भूमि
(D) कृषकों के व्यक्तिगत खेत

उत्तर – (B)
व्याख्या – खालसा वे भू-भाग थे जिनकी आय सीधे शाही ख़ज़ाने में जमा होती थी। यह भूमि जागीरदारों को नहीं दी जाती थी, बल्कि राज्य की स्थिर आय का आधार थी।


प्रश्न 12. ‘जोत-चक्र’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया जाता था?
(A) खेती योग्य भूमि का चक्र
(B) गाँव की सामूहिक बैल-गाड़ियाँ
(C) भूमि की जोत का क्षेत्रफल
(D) जल-चक्र व्यवस्था

उत्तर – (C)
व्याख्या – ‘जोत-चक्र’ भूमि के उस क्षेत्र को कहा जाता था, जिसे कृषक अपनी जोत के अनुसार खेती में लाता था। इससे राजस्व निर्धारण में आसानी होती थी।


प्रश्न 13. मुग़लकाल में “अइन-ए-दहसाला” व्यवस्था किससे जुड़ी थी?
(A) सेना का संगठन
(B) कर व्यवस्था
(C) व्यापारिक नियम
(D) ज़मींदारी अधिकार

उत्तर – (B)
व्याख्या – अकबर ने 1580 ई. में टोडरमल की सलाह पर ‘दहसाला’ पद्धति लागू की। इसमें दस वर्षों की पैदावार और दाम का औसत लेकर भू-राजस्व तय किया जाता था।


प्रश्न 14. कृषकों द्वारा राज्य को दिया जाने वाला मुख्य कर क्या कहलाता था?
(A) लगान
(B) मीरबख्शी
(C) जागीर
(D) खालसा

उत्तर – (A)
व्याख्या – ‘लगान’ अर्थात भू-राजस्व, कृषकों पर लगने वाला प्रमुख कर था। यह उपज का लगभग एक-तिहाई से आधा भाग तक लिया जाता था।


प्रश्न 15. किसे ‘जोतने वाला’ कहा गया है?
(A) ज़मींदार
(B) कृषक
(C) सैनिक
(D) व्यापारी

उत्तर – (B)
व्याख्या – असल में समाज का सबसे बड़ा वर्ग कृषक ही था, जिसे ‘हल चलाने वाला’ या ‘जोतने वाला’ कहा जाता था। पूरा कृषि उत्पादन उन्हीं की मेहनत पर आधारित था।


प्रश्न 16. ‘ज़मींदार’ शब्द का अर्थ क्या था?
(A) भूमि जोतने वाला
(B) कर वसूलने का मध्यस्थ
(C) शाही सेनापति
(D) व्यापारी प्रमुख

उत्तर – (B)
व्याख्या – ज़मींदार वे स्थानीय प्रभु थे, जो कृषकों से लगान वसूलकर राज्य को देते थे और बदले में कुछ हिस्सा स्वयं रखते थे। वे प्रशासन और गाँव की राजनीति में प्रभावशाली थे।


प्रश्न 17. अकबर के समय कृषक की उपज का औसत कितना भाग कर रूप में लिया जाता था?
(A) एक चौथाई
(B) एक तिहाई
(C) आधा
(D) दो तिहाई

उत्तर – (B)
व्याख्या – ‘दहसाला’ पद्धति के अनुसार औसतन उपज का एक-तिहाई हिस्सा भू-राजस्व के रूप में लिया जाता था। यह कर नकद या अनाज, दोनों रूपों में हो सकता था।


प्रश्न 18. ‘रैयत’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया जाता था?
(A) शाही अधिकारियों के लिए
(B) साधारण कृषकों के लिए
(C) ज़मींदारों के लिए
(D) व्यापारियों के लिए

उत्तर – (B)
व्याख्या – ‘रैयत’ शब्द का अर्थ है – कृषक। यही वर्ग भूमि जोतता था और लगान अदा करता था। प्रशासन की दृष्टि से यह सबसे अहम वर्ग था।


प्रश्न 19. किसके समय में ‘जाब्ता’ (राजस्व नियमावली) को व्यवस्थित रूप से तैयार किया गया?
(A) बाबर
(B) अकबर
(C) शाहजहाँ
(D) औरंगज़ेब

उत्तर – (B)
व्याख्या – अकबर के शासनकाल में टोडरमल ने ‘जाब्ता-ए-राजस्व’ तैयार किया, जिसमें फसल, भूमि मापन और कर की दरें स्पष्ट रूप से लिखी गईं।


प्रश्न 20. कृषकों के अतिरिक्त, गाँव के किन लोगों की सेवाएँ कृषि से जुड़ी रहती थीं?
(A) लोहार, बढ़ई, कुम्हार आदि
(B) सैनिक और व्यापारी
(C) कवि और कलाकार
(D) मीरबख्शी और फौजदार

उत्तर – (A)
व्याख्या – गाँव की उत्पादन प्रक्रिया में केवल कृषक ही नहीं, बल्कि लोहार (हल-औज़ार बनाने वाले), बढ़ई, कुम्हार और अन्य कारीगर भी जुड़े रहते थे। यह एक सामूहिक ग्रामीण अर्थव्यवस्था थी।


Q21. अकबर के समय में लगान वसूलने की मुख्य प्रणाली कौन-सी थी?
A. ज़ब्ती प्रणाली
B. रैयतवारी प्रणाली
C. महलवारी प्रणाली
D. बंदोबस्त प्रणाली

उत्तर – A. ज़ब्ती प्रणाली
व्याख्या: अकबर के दरबार के प्रमुख मंत्री टोडरमल ने भूमि की माप करके और पैदावार का अनुमान लगाकर लगान तय किया। इसे ज़ब्ती या दस्साला प्रणाली कहा गया। इसमें औसत उपज और औसत कीमत पर आधारित कर तय होता था।


Q22. ‘ज़मींदार’ शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?
A. भूमि का मालिक
B. गांव का प्रधान
C. कर वसूलने वाला
D. खेती करने वाला

उत्तर – A. भूमि का मालिक
व्याख्या: ज़मींदार शब्द फ़ारसी भाषा से आया है – “ज़मीन” (भूमि) + “दार” (धारक)। मुग़ल काल में ज़मींदार ज़मीन के मालिक के रूप में माने जाते थे और उनसे कर वसूलने की जिम्मेदारी भी जुड़ी रहती थी।


Q23. मुग़ल साम्राज्य में ‘खालसा भूमि’ किसे कहते थे?
A. मंदिरों को दी गई भूमि
B. सीधे शाही ख़जाने के अधीन भूमि
C. ज़मींदारों को दी गई भूमि
D. किसानों द्वारा बंजर छोड़ी गई भूमि

उत्तर – B. सीधे शाही ख़जाने के अधीन भूमि
व्याख्या: खालसा भूमि वह होती थी जिसका राजस्व सीधे शाही ख़जाने में जमा होता था। इस पर किसी ज़मींदार का अधिकार नहीं रहता था। इससे राज्य को सीधी आय होती थी।


Q24. ‘खुदकश्त’ का आशय किससे है?
A. बंजर भूमि
B. किसान द्वारा अपनी जोती हुई भूमि
C. ज़मींदार की निजी भूमि
D. मंदिरों की भूमि

उत्तर – B. किसान द्वारा अपनी जोती हुई भूमि
व्याख्या: खुदकश्त उस भूमि को कहा जाता था जिसे किसान स्वयं जोतते थे। इसके विपरीत, “पैतृक” या “पराई खेती” वह भूमि होती थी जिसे मजदूर या बंधुआ किसान जोतते थे।


Q25. अबुल फ़ज़ल ने अपनी पुस्तक आइन-ए-अकबरी में किस वर्ग के बारे में सबसे अधिक विवरण दिया है?
A. व्यापारियों के बारे में
B. सैनिकों के बारे में
C. किसानों के बारे में
D. कारीगरों के बारे में

उत्तर – C. किसानों के बारे में
व्याख्या: अबुल फ़ज़ल ने लिखा कि किसान ही साम्राज्य की रीढ़ हैं। उन्होंने विभिन्न फसलों, कृषि पद्धतियों और किसानों पर लगाए गए करों का विस्तृत विवरण दिया।


Q26. ‘महालवारी प्रणाली’ किसके शासनकाल में लागू हुई?
A. अकबर
B. शाहजहाँ
C. अंग्रेजों के समय
D. बाबर

उत्तर – C. अंग्रेजों के समय
व्याख्या: महालवारी प्रणाली ब्रिटिश शासनकाल में लॉर्ड विलियम बेंटिंक द्वारा उत्तर भारत में शुरू की गई। इसमें पूरे गांव (महाल) को एक इकाई मानकर राजस्व तय किया गया। यह मुग़ल काल की व्यवस्था नहीं थी।


Q27. मुग़ल काल में ‘रैयत’ किसे कहा जाता था?
A. सैनिक
B. कर वसूलने वाला
C. किसान
D. व्यापारी

उत्तर – C. किसान
व्याख्या: रैयत शब्द अरबी भाषा से आया है, जिसका अर्थ है “प्रजा”। मुग़ल प्रशासन में विशेष रूप से इसका प्रयोग किसानों के लिए किया जाता था जो राज्य की आय का प्रमुख स्रोत थे।


Q28. ‘करमानी’ और ‘फसली’ का संबंध किससे था?
A. करों की वसूली की विधि से
B. सैनिकों की तनख्वाह से
C. मंदिर निर्माण से
D. व्यापारिक गतिविधियों से

उत्तर – A. करों की वसूली की विधि से
व्याख्या: फसली और करमानी, दोनों ही राजस्व वसूली की इकाइयाँ थीं। ‘फसली’ कृषि उपज आधारित कर था जबकि ‘करमानी’ नकद कर वसूली की पद्धति थी।


Q29. टोडरमल की कर प्रणाली को क्या नाम दिया गया था?
A. दशमलव पद्धति
B. दश्साला पद्धति
C. दशांतर पद्धति
D. दशवार्षिक पद्धति

उत्तर – B. दश्साला पद्धति
व्याख्या: टोडरमल ने 10 वर्षों की औसत उपज और कीमत को आधार बनाकर कर तय किया। इसीलिए इसे दश्साला या ज़ब्ती प्रणाली कहा जाता है।


Q30. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
A. किसान मुग़ल अर्थव्यवस्था की रीढ़ थे।
B. ज़मींदार केवल कर वसूलते थे, खेती नहीं करते थे।
C. खालसा भूमि शाही ख़जाने के अधीन होती थी।
D. अबुल फ़ज़ल ने किसानों का कोई उल्लेख नहीं किया।

उत्तर – D. अबुल फ़ज़ल ने किसानों का कोई उल्लेख नहीं किया।
व्याख्या: यह कथन गलत है। अबुल फ़ज़ल ने अपनी कृति ‘आइन-ए-अकबरी’ में किसानों का विस्तार से वर्णन किया और उन्हें साम्राज्य का आधार मान


प्रश्न 31.
मुग़ल काल में ‘रैयत’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया जाता था?
(A) सैनिकों के लिए
(B) किसानों के लिए
(C) जमींदारों के लिए
(D) व्यापारियों के लिए

उत्तर – (B) किसानों के लिए
व्याख्या: मुग़ल प्रशासन में ‘रैयत’ शब्द से साधारण जनता और विशेषकर खेती करने वाले किसानों को संबोधित किया जाता था। यही वर्ग राज्य के लिए राजस्व का मुख्य स्रोत था।


प्रश्न 32.
अकबर के समय भूमि राजस्व मापने की पद्धति को क्या कहा गया?
(A) दशमल पद्धति
(B) ज़ब्त पद्धति
(C) लगान पद्धति
(D) सर-ए-आदम पद्धति

उत्तर – (B) ज़ब्त पद्धति
व्याख्या: अकबर के दरबारी अबुल फ़ज़ल द्वारा विकसित ज़ब्त पद्धति में भूमि का मापन कर औसत उपज और मूल्य के आधार पर कर निर्धारित किया जाता था। इससे राजस्व संग्रह अधिक संगठित हुआ।


प्रश्न 33.
मुग़ल साम्राज्य में ज़मींदार कौन थे?
(A) बड़े जमीनी मालिक
(B) दरबारी अधिकारी
(C) सैनिक
(D) साधु-संत

उत्तर – (A) बड़े जमीनी मालिक
व्याख्या: ज़मींदार स्थानीय स्तर पर भूमि के स्वामी थे, जो किसानों से कर वसूल कर राज्य को जमा करते थे। वे समाज में प्रभावशाली माने जाते थे।


प्रश्न 34.
अकबर के शासनकाल में राजस्व व्यवस्था का मुख्य अधिकारी कौन था?
(A) वज़ीर
(B) अमीन
(C) दीवान-ए-आला
(D) बख्शी

उत्तर – (C) दीवान-ए-आला
व्याख्या: दीवान-ए-आला पूरे साम्राज्य का वित्त और राजस्व प्रमुख होता था। उसके अधीन प्रांत स्तर पर दीवान और अन्य अधिकारी कार्य करते थे।


प्रश्न 35.
‘अइन-ए-अकबरी’ में ग्रामीण समाज के वर्णन को किसने लिखा?
(A) शाहजहाँ
(B) अबुल फ़ज़ल
(C) बदायूँनी
(D) इब्न बतूता

उत्तर – (B) अबुल फ़ज़ल
व्याख्या: अबुल फ़ज़ल ने अकबरनामा और अइन-ए-अकबरी में न केवल प्रशासनिक ढाँचे बल्कि ग्रामीण समाज, खेती, पशुपालन और फसलों का भी विस्तृत वर्णन किया।


प्रश्न 36.
मुग़ल काल में किसानों की सबसे बड़ी समस्या क्या थी?
(A) व्यापारियों का शोषण
(B) युद्धों में भाग लेना
(C) कर का बोझ
(D) शिक्षा की कमी

उत्तर – (C) कर का बोझ
व्याख्या: किसानों पर अधिक लगान और ज़मींदारों के अतिरिक्त करभार के कारण उन्हें भारी आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। यही कारण था कि वे कई बार विद्रोह भी कर देते थे।


प्रश्न 37.
मुग़ल काल में सिंचाई के लिए सबसे अधिक उपयोग में कौन सा साधन था?
(A) बाँध
(B) कुएँ
(C) नहरें
(D) तालाब

उत्तर – (B) कुएँ
व्याख्या: खेती में पानी की आपूर्ति मुख्यतः कुओं और बैलों से खींचे जाने वाले रहट से होती थी। हालांकि अकबर और शाहजहाँ के समय नहरों का भी विकास हुआ।


प्रश्न 38.
मुग़ल राजस्व प्रणाली में ‘करोरी प्रयोग’ किससे संबंधित था?
(A) भूमि सुधार
(B) राजस्व वसूली की जाँच
(C) सैनिक व्यवस्था
(D) व्यापार कर

उत्तर – (B) राजस्व वसूली की जाँच
व्याख्या: अकबर ने करोरी प्रयोग के तहत प्रत्येक परगने में एक करोरी नियुक्त किया, जो 10 लाख दाम का राजस्व एकत्र करने की जिम्मेदारी निभाता था।


प्रश्न 39.
अकबर के शासनकाल में भूमि माप के लिए किस इकाई का उपयोग किया जाता था?
(A) बीघा
(B) गज
(C) मीटर
(D) गजमुकद्दम

उत्तर – (A) बीघा
व्याख्या: बीघा भूमि की मानक इकाई थी। अकबर के समय ताँबे की छड़ (जरेब) से मापकर बीघा निर्धारित किया जाता था।


प्रश्न 40.
मुग़ल साम्राज्य के दौरान ग्रामीण समाज की रीढ़ किसे माना जाता था?
(A) ज़मींदार
(B) पुरोहित
(C) किसान
(D) व्यापारी

उत्तर – (C) किसान
व्याख्या: किसान कृषि उत्पादन के मुख्य आधार थे। साम्राज्य की राजस्व आय उन्हीं पर निर्भर करती थी, इसलिए वे ग्रामीण समाज की रीढ़ कहे जाते हैं।


प्रश्न 41. मुग़ल साम्राज्य के समय खालसा भूमि किसे कहा जाता था?
(A) ज़मींदार के अधीन भूमि
(B) सीधे सम्राट के अधीन भूमि
(C) जागीरदार के अधीन भूमि
(D) कृषक के स्वामित्व वाली भूमि
उत्तर : (B) सीधे सम्राट के अधीन भूमि
👉 व्याख्या : खालसा भूमि वह होती थी जिसे बादशाह सीधे नियंत्रित करता था और उसकी आय सीधे शाही खजाने में जाती थी।


प्रश्न 42. मुग़ल प्रशासन में किस पदाधिकारी का काम भूमि से लगान वसूलना था?
(A) दीवान
(B) फौजदार
(C) आमिल/कारकून
(D) सूबेदार
उत्तर : (C) आमिल/कारकून
👉 व्याख्या : आमिल या कारकून स्थानीय स्तर पर जाकर किसानों से लगान वसूलते थे और उसे राज्य के खजाने में जमा करते थे।


प्रश्न 43. अबुल फ़ज़ल ने अकबरनामा में किसको ‘मुल्क का मालिक’ बताया?
(A) कृषक
(B) ज़मींदार
(C) जागीरदार
(D) सूबेदार
उत्तर : (A) कृषक
👉 व्याख्या : अबुल फ़ज़ल का मानना था कि वास्तविक मालिक किसान ही है क्योंकि वही भूमि को जोतकर उत्पादन करता है।


प्रश्न 44. ‘रैयतवारी व्यवस्था’ किस ब्रिटिश अधिकारी से जुड़ी थी?
(A) विलियम बेंटिक
(B) थॉमस मुनरो
(C) लॉर्ड कर्नवालिस
(D) डलहौज़ी
उत्तर : (B) थॉमस मुनरो
👉 व्याख्या : मद्रास प्रेसीडेंसी में थॉमस मुनरो ने रैयतवारी व्यवस्था लागू की थी जिसमें किसान सीधे राज्य को लगान देता था।


प्रश्न 45. लगान वसूली की कौन-सी व्यवस्था बंगाल में प्रचलित थी?
(A) रैयतवारी व्यवस्था
(B) महालवारी व्यवस्था
(C) ज़मींदारी व्यवस्था
(D) पट्टेदारी व्यवस्था
उत्तर : (C) ज़मींदारी व्यवस्था
👉 व्याख्या : 1793 में लॉर्ड कर्नवालिस द्वारा बंगाल में स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) लागू किया गया जिसमें ज़मींदार लगान वसूलते थे।


प्रश्न 46. ‘किसान विद्रोह’ (18वीं शताब्दी) मुख्यतः किसके विरुद्ध हुए?
(A) कृषकों के बीच आपसी झगड़े
(B) मुग़ल शाही सेना
(C) ज़मींदारों और लगान की कठोर वसूली
(D) विदेशी व्यापारियों
उत्तर : (C) ज़मींदारों और लगान की कठोर वसूली
👉 व्याख्या : अधिक कर वसूली और कठोर व्यवहार के कारण किसानों ने समय-समय पर ज़मींदारों और प्रशासन के विरुद्ध विद्रोह किए।


प्रश्न 47. 18वीं शताब्दी में मराठों द्वारा वसूला जाने वाला कर क्या कहलाता था?
(A) खालसा
(B) ज़कात
(C) चauth और सरदेशमुखी
(D) जागीर
उत्तर : (C) चौथ और सरदेशमुखी
👉 व्याख्या : मराठे जीते हुए क्षेत्रों से ‘चौथ’ (चौथाई कर) और ‘सरदेशमुखी’ (सर्वोच्च कर) वसूलते थे।


प्रश्न 48. किसे ‘मध्यवर्ती अधिकार’ (intermediary rights) प्राप्त था?
(A) कृषक
(B) ज़मींदार
(C) मज़दूर
(D) व्यापारी
उत्तर : (B) ज़मींदार
👉 व्याख्या : ज़मींदार किसानों और राज्य के बीच मध्यस्थ थे और उन्हें लगान वसूलने का अधिकार प्राप्त था।


प्रश्न 49. महालवारी व्यवस्था का आरंभ किसने किया?
(A) थॉमस मुनरो
(B) विलियम बेंटिक
(C) रीड
(D) कर्नवालिस
उत्तर : (B) विलियम बेंटिक
👉 व्याख्या : 1822 में विलियम बेंटिक ने उत्तर-पश्चिमी प्रांतों (आगरा आदि) में महालवारी व्यवस्था लागू की।


प्रश्न 50. मुग़ल काल में कृषि उत्पादन के आँकड़े किस दस्तावेज़ में मिलते हैं?
(A) फ़तवा-ए-जहांदारी
(B) आईन-ए-अकबरी
(C) हुमायूँनामा
(D) तुज़ुक-ए-जहांगीरी
उत्तर : (B) आईन-ए-अकबरी
👉 व्याख्या : अबुल फ़ज़ल द्वारा लिखित आईन-ए-अकबरी में फसलों, भूमि की माप, लगान व्यवस्था आदि का विस्तृत विवरण मिलता है।


प्रश्न 51.
मुग़ल साम्राज्य में ज़मींदार की सबसे बड़ी पहचान क्या थी?
(A) शिल्पकार
(B) भूमि का मालिक और कर-संग्रहकर्ता
(C) सैनिक
(D) व्यापारी
✅ उत्तर – (B) भूमि का मालिक और कर-संग्रहकर्ता
व्याख्या: ज़मींदार स्थानीय स्तर पर राजस्व वसूलते थे और भूमि पर नियंत्रण रखते थे।


प्रश्न 52.
खेतिहर किसान प्रायः किस व्यवस्था के अंतर्गत काम करते थे?
(A) इक्तादारी व्यवस्था
(B) जागीरदारी व्यवस्था
(C) बंधुआ मज़दूरी व्यवस्था
(D) करघा उद्योग
उत्तर – (B) जागीरदारी व्यवस्था
व्याख्या: जागीरदार को राज्य द्वारा कर वसूलने और सैनिक बनाए रखने का अधिकार दिया जाता था।


प्रश्न 53.
राजस्व की वसूली में कौन-सा वर्ग सबसे निचले स्तर पर कार्य करता था?
(A) शाही अमीर
(B) ज़मींदार
(C) गाँव के मुखिया
(D) सूबेदार
उत्तर – (C) गाँव के मुखिया
व्याख्या: गाँव के मुखिया व मुक़द्दम सीधे किसानों से कर इकट्ठा कर ज़मींदारों को देते थे।


प्रश्न 54.
‘जमीन की जोत का आकार’ किस पर आधारित होता था?
(A) परिवार की श्रमशक्ति
(B) राजा की आज्ञा
(C) मौसम की स्थिति
(D) ज़मींदार की इच्छा
उत्तर – (A) परिवार की श्रमशक्ति
व्याख्या: परिवार के पास जितने सदस्य काम करने लायक होते, उसी के अनुसार भूमि जोती जाती।


प्रश्न 55.
मुग़ल काल में भूमि का मापन कराने के लिए कौन-सी पद्धति अपनाई गई थी?
(A) नक्शानवीसी
(B) दसवंध पद्धति
(C) ज़ब्ती पद्धति
(D) दहसाला पद्धति
उत्तर – (C) ज़ब्ती पद्धति
व्याख्या: ज़ब्ती पद्धति में भूमि का सर्वेक्षण व मापन कर कर दरें तय की जाती थीं।


प्रश्न 56.
किसान भूमि पर खेती करने के अलावा राज्य को क्या प्रदान करते थे?
(A) श्रम-सेवा (बेगारी)
(B) व्यापारिक कर
(C) पशु कर
(D) जल कर
उत्तर – (A) श्रम-सेवा (बेगारी)
व्याख्या: किसान कई बार खेती के अतिरिक्त राज्य या स्थानीय शासक के लिए अनिवार्य श्रम भी करते थे।


प्रश्न 57.
‘रैयत’ शब्द का अर्थ है—
(A) ज़मींदार
(B) सैनिक
(C) करदाता किसान
(D) व्यापारी
उत्तर – (C) करदाता किसान
व्याख्या: रैयत वह वर्ग था जो खेती करता और लगान (राजस्व) अदा करता।


प्रश्न 58.
मुग़ल साम्राज्य में ज़मींदारों को किस प्रकार का महत्व प्राप्त था?
(A) केवल धार्मिक नेता
(B) कर-संग्रहकर्ता एवं क्षेत्रीय प्रभु
(C) सैनिक दल के मुखिया
(D) व्यापारी वर्ग
उत्तर – (B) कर-संग्रहकर्ता एवं क्षेत्रीय प्रभु
व्याख्या: ज़मींदार शाही शासन और ग्रामीण समाज के बीच मध्यस्थ थे।


प्रश्न 59.
किसान कभी-कभी कर वसूली के खिलाफ़ क्या कदम उठाते थे?
(A) राजमहल पर आक्रमण
(B) गाँव छोड़कर भाग जाना
(C) राजा की हत्या
(D) व्यापार शुरू करना
उत्तर – (B) गाँव छोड़कर भाग जाना
व्याख्या: अधिक कर वसूली और अकाल की स्थिति में किसान गाँव छोड़ देते थे जिससे खेती प्रभावित होती थी।


प्रश्न 60.
किसान-ज़मींदार संबंध का मूल आधार क्या था?
(A) उत्पादन और कर-प्रणाली
(B) धार्मिक रीति
(C) सैन्य अनुशासन
(D) व्यापारिक अनुबंध
उत्तर – (A) उत्पादन और कर-प्रणाली
व्याख्या: किसान उत्पादन करते थे और ज़मींदार कर वसूल कर राज्य को देते थे। यही संबंध का मूल था।


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