कक्षा 11 राजनीति विज्ञान – अध्याय 2: भारतीय संविधान में अधिकार (हिंदी नोट्स)

By gurudev

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🔷 अधिकार क्या हैं?

✅ परिभाषा:

  • अधिकार ऐसे न्यायसंगत दावे होते हैं जिन्हें समाज मान्यता देता है और कानून द्वारा सुरक्षित किया जाता है।
  • अधिकार व्यक्ति की गरिमा, स्वतंत्रता और विकास सुनिश्चित करते हैं।
  • लोकतंत्र में अधिकार अनिवार्य होते हैं।

📝 मुख्य बिंदु:

  • अधिकार संविधान द्वारा गारंटीकृत होते हैं।
  • इन्हें न्यायालय में लागू किया जा सकता है।
  • यदि किसी अधिकार का उल्लंघन हो तो न्यायालय में याचिका दायर की जा सकती है।

🔷 लोकतंत्र में अधिकार क्यों जरूरी हैं?

✅ महत्व:

  • अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्गों की रक्षा करते हैं।
  • विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करते हैं।
  • नागरिकों को राजनीति में भाग लेने का मौका मिलता है।
  • सरकार की शक्ति पर नियंत्रण रखते हैं।

🔷 भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)

भारतीय संविधान के भाग III (अनुच्छेद 12–35) में छह मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं।


📜 1. समता का अधिकार (अनुच्छेद 14–18)

✅ प्रावधान:

  • अनुच्छेद 14: कानून के :मानता।
  • अनुच्छेद 15: धर्म, जाति, लिंग, नस्ल या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव निषेध।
  • अनुच्छेद 16: सरकारी नौकरी में समान अवसर।
  • अनुच्छेद 17: अस्पृश्यता का उन्मूलन।
  • अनुच्छेद 18: उपाधियों की समाप्ति।

📜 2. स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19–22)

✅ अनुच्छेद 19 – छह स्वतंत्रताएँ:

  1. वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
  2. शांतिपूर्ण रूप से एकत्र होने की स्वतंत्रता
  3. संघ या संगठन बनाने की स्वतंत्रता
  4. भारत में कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रता
  5. भारत में कहीं भी बसने की स्वतंत्रता
  6. किसी भी व्यवसाय, व्यापार या पेशा करने की स्वतंत्रता

✅ अन्य प्रावधान:

  • अनुच्छेद 20: अपराध के मामलों में संरक्षण।
  • अनुच्छेद 21: जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार।
  • अनुच्छेद 22: गिरफ़्तारी और हिरासत से सुरक्षा।

📜 3. शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23–24)

✅ प्रावधान:

  • अनुच्छेद 23: मानव तस्करी, बंधुआ मजदूरी पर प्रतिबंध।
  • अनुच्छेद 24: 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से खतरनाक कार्यों में मजदूरी पर प्रतिबंध।

📜 4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25–28)

✅ प्रावधान:

  • अनुच्छेद 25: किसी भी धर्म को मानने, प्रचार करने और पालन करने की स्वतंत्रता।
  • अनुच्छेद 26: धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन की स्वतंत्रता।
  • अनुच्छेद 27: धार्मिक कार्यों हेतु कर नहीं लगाया जा सकता।
  • अनुच्छेद 28: सरकारी शिक्षण संस्थानों में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जा सकती।

📜 5. सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार (अनुच्छेद 29–30)

✅ प्रावधान:

  • अनुच्छेद 29: अल्पसंख्यकों को अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति बनाए रखने का अधिकार।
  • अनुच्छेद 30: अल्पसंख्यकों को शैक्षिक संस्थान स्थापित करने और संचालित करने का अधिकार।

📜 6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)

✅ प्रावधान:

  • इसे “संविधान की आत्मा” कहा गया है – डॉ. बी. आर. अंबेडकर
  • नागरिक सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में अधिकारों की रक्षा के लिए याचिका दायर कर सकते हैं।

✅ पाँच प्रमुख रिट्स:

  1. हैबियस कॉर्पस – व्यक्ति को न्यायालय में प्रस्तुत करें
  2. मैंडेमस – अधिकारी को कार्य करने का आदेश
  3. प्रोहिबिशन – निचली अदालत को कार्य करने से रोकना
  4. सर्टियोरारी – मामला उच्च न्यायालय में लाना
  5. क्वो वारंटो – “किस अधिकार से” पद पर हो?

🔷 मौलिक अधिकार बनाम राज्य नीति के निदेशक तत्त्व (DPSP)

विशेषतामौलिक अधिकारनीति निदेशक तत्त्व
प्रकृतिन्यायालय में लागून्यायालय में लागू नहीं
उद्देश्यव्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षासामाजिक और आर्थिक न्याय
स्रोतअमेरिका सेआयरलैंड से

🔷 अधिकारों पर प्रतिबंध और निलंबन

  • जनहित, शिष्टाचार या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कुछ अधिकारों पर यथोचित प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
  • आपातकाल की स्थिति में (अनुच्छेद 352), कुछ अधिकारों को निलंबित किया जा सकता है।

🔷 न्यायालयों द्वारा अधिकारों का विस्तार

  • अनुच्छेद 21A – शिक्षा का अधिकार (86वां संशोधन, 2002)
  • गोपनीयता का अधिकार, 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने मौलिक अधिकार घोषित किया।
  • न्यायपालिका ने मौलिक अधिकारों की व्याख्या और विस्तार किया है।

🔷 निष्कर्ष: मौलिक अधिकारों का महत्व

  • मौलिक अधिकार भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला हैं।
  • ये नागरिकों को सशक्त बनाते हैं और राज्य के शक्ति का संतुलन बनाए रखते हैं।
  • ये संविधान की प्रस्तावना में वर्णित मूल्यन्याय, स्वतंत्रता, समता, और बंधुता – को साकार करते हैं।

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