कक्षा 11 इतिहास – अध्याय 4: तीन वर्ग (The Three Orders) के अतिरिक्त 3 अंकों और 8 अंकों वाले प्रश्न
🧾3 अंकों वाले प्रश्न
प्रश्न 1: मध्यकालीन यूरोप में “तीन वर्गों” का क्या महत्व था?

उत्तर:
- यह वर्ग विभाजन समाज की सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक संरचना पर आधारित था।
- इसमें पुजारियों (प्रार्थना करने वाले), योद्धाओं (युद्ध करने वाले) और किसानों/श्रमिकों (काम करने वाले) को शामिल किया गया।
- इस व्यवस्था ने समाज को स्थिरता प्रदान की और चर्च को सर्वोच्च स्थान दिलाया।
प्रश्न 2: सामंतवाद (Feudalism) की मुख्य विशेषताएँ क्या थीं?

उत्तर:
- ज़मींदारी आधारित समाज जिसमें राजा भूमि देता और बदले में सेवाएं प्राप्त करता।
- सामंत अपने अधीनस्थों से कर वसूलते थे और उन्हें सुरक्षा प्रदान करते थे।
- व्यक्तिगत निष्ठा और सैन्य सेवा इस प्रणाली के प्रमुख आधार थे।
प्रश्न 3: किसानों की स्थिति मध्यकालीन यूरोप में कैसी थी?

उत्तर:
- अधिकांश किसान ‘सेर्फ़’ थे जो भूमि पर बंधे होते थे और स्वतंत्र नहीं थे।
- उन्हें करों, उपज और श्रम के रूप में सेवाएं देनी पड़ती थीं।
- चर्च और सामंतों दोनों को कर देना अनिवार्य होता था।
प्रश्न 4: चर्च की शक्ति का समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर:
- चर्च समाज के धार्मिक और नैतिक मूल्यों का केंद्र था।
- धर्मगुरु शिक्षा, चिकित्सा और समाज सुधारों में भी भाग लेते थे।
- चर्च का राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप सामंतों से अधिक था।
प्रश्न 5: तृतीय वर्ग (कृषि उत्पादक और कामगार वर्ग )की भूमिका क्या थी?

उत्तर:
- यह वर्ग कृषक, दस्तकार, मज़दूर आदि से मिलकर बना था।
- इन्होंने समाज को भोजन, श्रम और उत्पादन उपलब्ध कराया।
- इन्हें सबसे निचला दर्जा प्राप्त था लेकिन समाज का आधार भी थे।
प्रश्न 6: घुड़सवार योद्धाओं (knight) की भूमिका पर प्रकाश डालिए।

उत्तर:
- वे सामंतों की सेना में प्रमुख सैनिक होते थे।
- उन्हें भूमि के बदले सैन्य सेवा देनी होती थी।
- उन्होंने ‘चिवैलरी’ नामक आचार संहिता का पालन किया।
प्रश्न 7: ‘मेनर व्यवस्था’ (Manorial System) क्या थी?

उत्तर:
- यह एक कृषि आधारित आर्थिक व्यवस्था थी।
- एक मनोर (manor) में सामंत की ज़मीन, किसानों के घर और चर्च होते थे।
- किसान इस ज़मीन पर काम करते और बदले में सुरक्षा पाते थे।
प्रश्न 8 “तीन वर्ग” (The Three Orders) का सामाजिक और आर्थिक महत्व बताइए।

उत्तर:
- सामाजिक स्थिरता: पहले वर्ग (पादरी), दूसरे वर्ग (कुलीन/योद्धा), तीसरे वर्ग (कृषक/सेर्फ़)—इस विभाजन ने समाज को स्पष्ट संरचना दी।
- राजनीतिक नियंत्रण: चर्च और कुलीनों ने सामाजिक नियंत्रण बनाए रखा जिससे शासन की व्यवस्था सरल बनी।
- आर्थिक कारगरता: कृषक श्रमिक उत्पादन आधारित अर्थव्यवस्था का आधार थे और भूमि से जुड़ी सेवाएँ वित्तीय संरचना में सहायक रहीं।
प्रश्न 9: कृषक श्रमिक वर्ग (सर्फ़) की स्थिति स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
- जमीन पर बंधे: सर्फ़ लॉर्ड की जमीन पर काम करते थे और स्वतंत्र नहीं थे।
- उत्पादन और कर्तव्य: उत्पादन का बड़ा हिस्सा लॉर्ड को मिलता था; उन्हें कर, सेवाएं और श्रम देना होता था।
- सीमित आज़ादी: बिना लॉर्ड की अनुमति छोड़ नहीं सकते थे; उनका विवाह भी लॉर्ड की अनुमति के अधीन था।
प्रश्न 10: मठ (Monasteries) का मध्यकालीन यूरोपीय समाज में क्या योगदान था?

उत्तर:
- धर्म और संस्कृति का केन्द्र: जहाँ भिक्षु धार्मिक अनुष्ठानों और प्रार्थना में समय का पालन करते थे।
- शिक्षा और कलात्मक संरक्षण: प्रवचन, पुस्तकों की प्रतिकृति, कला और इतिहास का संरक्षण करते थे।
- परोपकार और सामाजिक सुधार: यात्रियों को आश्रय, बीमारों को चिकित्सा और खाद्य सहायत प्रदान करते थे।
🧾 8 अंकों वाले प्रश्न
प्रश्न 1: तीन वर्गों की व्यवस्था का विश्लेषण कीजिए। क्या यह व्यवस्था न्यायसंगत थी?
उत्तर:
- तीन वर्ग थे: पुजारी, योद्धा और श्रमिक।
- पुजारी धार्मिक नेतृत्व करते थे और चर्च को चलाते थे।
- योद्धा समाज की रक्षा करते थे और राजा के प्रति निष्ठावान होते थे।
- श्रमिक वर्ग कृषि और उत्पादन से समाज की आवश्यकताओं को पूरा करता था।
- यह वर्गीकरण सामाजिक स्थिरता बनाए रखने में सहायक था।
- परंतु यह व्यवस्था असमानता पर आधारित थी – श्रमिक वर्ग का शोषण होता था।
- सामाजिक गतिशीलता बहुत सीमित थी; जन्म आधारित वर्ग व्यवस्था प्रचलित थी।
- न्यायसंगत नहीं कही जा सकती क्योंकि निचले वर्गों को अधिकारों से वंचित रखा गया।
प्रश्न 2: मध्यकालीन यूरोप में चर्च की भूमिका का मूल्यांकन करें।

उत्तर:
- चर्च समाज का नैतिक, धार्मिक और शैक्षिक केंद्र था।
- यह राजा और सामंतों से भी अधिक प्रभावशाली संस्था बन गया था।
- चर्च के पास भूमि, धन और सैनिक ताकत भी थी।
- धार्मिक अनुष्ठान, शिक्षा, चिकित्सा और आश्रय का संचालन चर्च द्वारा होता था।
- पोप सर्वोच्च धार्मिक नेता होता था जिसकी सत्ता पूरे यूरोप में मानी जाती थी।
- चर्च के पास “बहिष्करण” (Excommunication) की शक्ति थी।
- धार्मिक कर (Tithe) से चर्च की आय होती थी – जो हर किसान को देना होता था।
- यद्यपि यह संस्था समाज का मार्गदर्शन करती थी, लेकिन बाद में इसमें भ्रष्टाचार भी आया।
प्रश्न 3: सामंतवाद की विशेषताओं और उसके प्रभावों का वर्णन कीजिए।

उत्तर:
- भूमि के आधार पर सामाजिक और आर्थिक सत्ता का वितरण।
- राजा द्वारा भूमि देकर निष्ठावान सामंतों को नियुक्त करना।
- सामंत अपने अधीनस्थों से कर वसूलते और उन्हें सुरक्षा देते।
- किसानों से उपज और श्रम लिया जाता।
- वंशानुगत सत्ता का विकास हुआ।
- स्थानीय स्तर पर प्रशासन सामंतों के हाथ में था।
- शोषण और सामाजिक असमानता बढ़ी।
- इससे समाज स्थिर बना परंतु विकास धीमा हुआ।
प्रश्न 4: यूरोपीय कृषि जीवन में परिवर्तन कैसे आए?
उत्तर:
- नए उपकरणों और तकनीकों का प्रयोग (लोहे का हल, तीन-खण्ड प्रणाली) शुरू हुआ।
- भूमि का अधिक कुशल उपयोग होने लगा।
- खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि हुई जिससे जनसंख्या बढ़ी।
- कृषि आधारित व्यापार विकसित हुआ।
- किसानों की श्रम शक्ति की मांग बढ़ी।
- किसानों के जीवन में कुछ सुधार आया।
- ग्रामीण बाजार और मेले स्थापित हुए।
- इसके चलते शहरीकरण और व्यापारिक गतिविधियाँ भी बढ़ीं।
प्रश्न 5. “चतुर्थ वर्ग” (Fourth Order) का उदय क्यों हुआ? समझाइए।
उत्तर:
- कृषि अधिशेष के कारण व्यापार और बाजार का विकास हुआ।
- छोटे व्यापारिक केन्द्रों और मेलों (market centres) का निर्माण हुआ।
- शहरों में व्यवसायों के लिए गिल्ड्स का गठन हुआ जो गुणवत्ता और मूल्य नियंत्रण करते थे।
- बैंकर्स, वकील और शिक्षित पेशेवरों का शहरों में विशेष सामाजिक एवं आर्थिक स्थान बना।
- सेर्फ़ शहरों में जाकर एक वर्ष व एक दिन स्थानीय हो गए—तब उन्हें आज़ादी मिल जाती थी।
- ये नए वर्ग परंपरागत तीन वर्गों से अलग राजनीतिक और आर्थिक संरचना बनाए।
- समृद्ध व्यापारियों ने शाही संरक्षण और कलात्मक व सामाजिक क्षेत्रों में निवेश किया।
- इस वर्ग के उभरने से मध्यकालीन समाज में गतिशीलता और वर्गीय विभाजन में परिवर्तन हुआ।
प्रश्न 6. “नाइट्स क्यों ऐसा विशेष वर्ग बने और उनका पतन कब और कैसा हुआ?” विस्तृत रूप में बताइए।
उत्तर:
- प्रारंभिक सामंती युद्धों में बेहतर घुड़सवार सैनिकों की आवश्यकता से नाइट्स की स्थापना।
- निष्ठा की व्यवस्था पर आधारित: भूमि (फिएफ) के बदले निष्ठा और सैन्य सेवा दी जाती थी।
- सामाजिक पद: नाइट्स को सम्मान प्राप्त हुआ और उनकी भूमिका युद्ध और सुरक्षा में महत्वपूर्ण थी।: राय
- तकनीकी बदलाव: क्रॉसबो और आर्बलिस्ट जैसे हथियारों ने योद्धा वर्ग की भूमिका घटाई।
- लड़ाई में फिर पादों की भूमिका बढ़ने लगी क्योंकि नए हथियार पैदल सैनिकों को प्रभावशाली बना रहे थे।
- आग्नेयास्त्रों (gunpowder) से शाही सेनाएं अधिक प्रभावी हो गईं—नाइट्स अप्रभावी हुए।
- राजनीतिक रूप से केंद्रीकृत राज्य का उदय हुआ—स्थिर न्याय और कराधान ने सामंती व्यवस्था को कमजोर किया।
- अंततः, नाइट्स की आवश्यकता समाप्त होती चली गई और वे इतिहास का हिस्सा बने।
प्रश्न 7 : “चतुर्थ वर्ग” (Fourth Order) का उदय क्यों हुआ? समझाइए।
उत्तर:
- कृषि अधिशेष के कारण व्यापार और बाजार का विकास हुआ।
- छोटे व्यापारिक केन्द्रों और मेलों (market centres) का निर्माण हुआ।
- शहरों में व्यवसायों के लिए गिल्ड्स का गठन हुआ जो गुणवत्ता और मूल्य नियंत्रण करते थे।
- बैंकर्स, वकील और शिक्षित पेशेवरों का शहरों में विशेष सामाजिक एवं आर्थिक स्थान बना।
- सेर्फ़ शहरों में जाकर एक वर्ष व एक दिन स्थानीय हो गए—तब उन्हें आज़ादी मिल जाती थी।
- ये नए वर्ग परंपरागत तीन वर्गों से अलग राजनीतिक और आर्थिक संरचना बनाए।
- समृद्ध व्यापारियों ने शाही संरक्षण और कलात्मक व सामाजिक क्षेत्रों में निवेश किया।
- इस वर्ग के उभरने से मध्यकालीन समाज में गतिशीलता और वर्गीय विभाजन में परिवर्तन हुआ।
प्रश्न 8 : “नाइट्स क्यों ऐसा विशेष वर्ग बने और उनका पतन कब और कैसा हुआ?” विस्तृत रूप में बताइए।
उत्तर:
- प्रारंभिक सामंती युद्धों में बेहतर घुड़सवार सैनिकों की आवश्यकता से नाइट्स की स्थापना।
- निष्ठा की व्यवस्था पर आधारित: भूमि (फिएफ) के बदले निष्ठा और सैन्य सेवा दी जाती थी।
- सामाजिक पद: नाइट्स को सम्मान प्राप्त हुआ और उनकी भूमिका युद्ध और सुरक्षा में महत्वपूर्ण थी।: राय
- तकनीकी बदलाव: क्रॉसबो और आर्बलिस्ट जैसे हथियारों ने योद्धा वर्ग की भूमिका घटाई।
- लड़ाई में फिर पादों की भूमिका बढ़ने लगी क्योंकि नए हथियार पैदल सैनिकों को प्रभावशाली बना रहे थे।
- आग्नेयास्त्रों (gunpowder) से शाही सेनाएं अधिक प्रभावी हो गईं—नाइट्स अप्रभावी हुए।
- राजनीतिक रूप से केंद्रीकृत राज्य का उदय हुआ—स्थिर न्याय और कराधान ने सामंती व्यवस्था को कमजोर किया।
- अंततः, नाइट्स की आवश्यकता समाप्त होती चली गई और वे इतिहास का हिस्सा बने।







