कक्षा 11 पाठ 4 इतिहास: तीन वर्ग के विस्तृत एवं संपूर्ण notes

By gurudev

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1, परिचय ( Introduction)

मध्यकालीन यूरोप (9वीं–15वीं सदी) का समाज कार्य और जिम्मेदारियों के आधार पर वर्गों में बँटा था।

तीन वर्ग सिद्धांत – “One prays, one fights, one works”

a)पहला वर्ग – धार्मिक वर्ग (Clergy) – प्रार्थना करने वाले

b) दूसरा वर्ग – योद्धा वर्ग (Nobility/Knights) – रक्षा करने वाले


c) तीसरा वर्ग – कृषक वर्ग (Peasantry) – उत्पादन करने वाले


० यह व्यवस्था ईश्वर प्रदत्त प्राकृतिक व्यवस्था मानी जाती थी।

2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि


० 9वीं–10वीं सदी में वाइकिंग, मैग्यार और मुस्लिम आक्रमणों ने राजनीतिक अस्थिरता पैदा की।
० सुरक्षा, धार्मिक मार्गदर्शन और आर्थिक उत्पादन के लिए सामंती ढांचा विकसित हुआ।
० बिशप एडाल्बर्ट ऑफ लान्स ने इस व्यवस्था को सैद्धांतिक रूप दिया।

3. .पहला वर्ग – धार्मिक वर्ग (Clergy)


a) संरचना


पोप (Pope) – रोम में सर्वोच्च धार्मिक प्रमुख।
कार्डिनल, आर्कबिशप, बिशप – क्षेत्रों के धार्मिक शासक।
० पादरी (Parish Priests) – गाँवों/कस्बों में धार्मिक सेवा।
मठवासी समुदाय (Monks & Nuns) – मठों में शिक्षा, सेवा और धार्मिक अनुशासन।


b) मठ (Monasteries)
उद्देश्य – प्रार्थना, शिक्षा, हस्तलिपि लेखन, गरीबों की सहायता।
० मठ आत्मनिर्भर होते थे – खेती, पशुपालन, पुस्तकालय।
प्रमुख मठ – क्लूनी (Cluny), सिस्टर्शियन (Cistercian) मठ।


c) भिक्षु (Monks) और नन (Nuns)
भिक्षु – ईश्वर की सेवा में जीवन बिताने वाले पुरुष।
नन – धार्मिक सेवा करने वाली महिलाएँ।
० ब्रह्मचर्य, निर्धनता और आज्ञाकारिता की प्रतिज्ञा।


d) चर्च की शक्ति
आध्यात्मिक – स्वर्ग/नरक का निर्णय, पाप मुक्ति।
आर्थिक – विशाल भूमि, ‘Tithe’ (फसल का 1/10 हिस्सा)।
राजनीतिक – राजाओं को धार्मिक वैधता देना, कभी-कभी सत्ता संघर्ष।

4. दूसरा वर्ग – योद्धा वर्ग (Nobility/Knights)


a) संरचना

राजाउच्च सामंत (Lords)निम्न सामंत (Vassals) → शूरवीर (Knights)।


b) भूमिका
० राज्य और जनता की रक्षा।
० कानून-व्यवस्था बनाए रखना।
० सामंती न्यायालयों में विवाद निपटाना ल


c) शिष्टाचार संहिता (Chivalry)
० बहादुरी, ईमानदारी, कमजोरों और स्त्रियों की रक्षा।
० धार्मिक आस्था के साथ युद्ध।

5. तीसरा वर्ग – कृषक वर्ग (Peasantry)

a) प्रकार

सर्फ (Serfs) – भूमि से बंधे, मालिक की अनुमति के बिना नहीं जा सकते।

मुक्त कृषक (Free Peasants) – कुछ स्वतंत्रता लेकिन कर और श्रम देना अनिवार्य।

b) दायित्व
खेती, कर (‘Tithe’, उपज का हिस्सा)।
० श्रम सेवाएँ – सड़क, महल, खेत।


c) जीवन
० साधारण झोपड़ी, अनाज व सब्ज़ियों पर आधारित भोजन।
० कठोर परिश्रम और सीमित व्यक्तिगत स्वतंत्रता।

6. सामंती व्यवस्था (Feudalism)


a) परिभाषा
० भूमि के बदले सैन्य/सेवा का आदान-प्रदान।


b) विशेषताएँ

० भूमि = शक्ति का मुख्य स्रोत।
० Lord–Vassal संबंध।
० कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था।
० पारस्परिक निर्भरता।

7. चौथा वर्ग – नगरवासी (Rise of the Fourth Order)

a) पृष्ठभूमि

० 11वीं–13वीं सदी में कृषि उत्पादन बढ़ने से अतिरिक्त वस्तुएँ बनीं।

० व्यापार पुनर्जीवित हुआ, मेलों और बाज़ारों का विकास हुआ।

० नगरों में व्यापारी, कारीगर, दस्तकार बसने लगे।


b) विशेषताएँ
० Guilds – व्यापार और कारीगरी नियंत्रित करने वाले संगठन
० स्वतंत्र नगर (Chartered towns) – राजा/सामंत से चार्टर लेकर कर व प्रशासन खुद संचालित करते।
० नया वर्ग – बुर्जुआ (Bourgeoisie) – व्यापारी और अमीर कारीगर।

8. 11वीं–13वीं सदी के परिवर्तन


० कृषि तकनीक – भारी लोहे का हल, तीन-खेत प्रणाली।
० जनसंख्या वृद्धि → नए गाँव।
० व्यापार और मुद्रा अर्थव्यवस्था का विस्तार।
० राजाओं द्वारा केंद्रीकृत शासन का आरंभ।

9. 14वीं शताब्दी का संकट


a) ब्लैक डेथ (Black Death, 1347–1351)
० प्लेग महामारी, यूरोप की 1/3 जनसंख्या की मृत्यु।
० श्रमिकों की कमी → मजदूरी बढ़ी, सामंती दबाव घटा।


b) जलवायु परिवर्तन
० ठंडा मौसम, फसलें खराब, अकाल।


c) युद्ध
सौ वर्षीय युद्ध (Hundred Years’ War) – इंग्लैंड vs फ्रांस (1337–1453)।

० संसाधनों की कमी, करों का बोझ।


d) किसानों के विद्रोह
० 1381 – इंग्लैंड का किसान विद्रोह (Wat Tyler)।
० फ्रांस में Jacquerie revolt (1358)।

10. तीन वर्ग सिद्धांत का पतन
० प्रोटेस्टेंट सुधार आंदोलन → चर्च की शक्ति में गिरावट।
० केंद्रीकृत राष्ट्रीय राजतंत्र।
० स्थायी सेनाएँ, बारूद, तोपों का प्रयोग।
० व्यापार व उद्योग पर आधारित नई अर्थव्यवस्था।
० चौथे वर्ग (व्यापारियों, कारीगरों) का उभार → नई सामाजिक संरचना।

11. निष्कर्ष

० “तीन वर्ग” मध्यकालीन यूरोप की सामाजिक-आर्थिक संरचना की नींव था।

० 14वीं सदी के संकट और आर्थिक–राजनीतिक बदलावों ने इसे कमजोर कर चौथे वर्ग का मार्ग प्रशस्त किया।

० इससे आधुनिक यूरोप की नींव रखी गई।

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