अध्याय 3 – बंधुत्व, जाति और वर्ग के नोटस 📝
1. परिचय
० 600 ईसा पूर्व से 600 ईस्वी के बीच भारतीय इतिहास में राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिवर्तन हुए।
० इस समय जनपद से महाजनपद, साम्राज्य और नगरों का विकास हुआ।
० मौर्य व गुप्त साम्राज्य जैसे बड़े राज्य उभरे।
कृषि उत्पादन और नगरीकरण ने समाज की संरचना को बदल दिया।
2. जनपद और महाजनपद
जनपद : सबसे छोटे राजनीतिक इकाई।
महाजनपद : 16 बड़े राज्य, जैसे – मगध, कोशल, अवंति, वत्स।
महाजनपद की विशेषताएँ:
a. स्थायी राजधानी और मजबूत किले।
b. कर वसूलने की व्यवस्था
c. स्थायी सेना और नौकरशाही।
मगध महाजनपद → सबसे शक्तिशाली, कारण – लौह खनिज की उपलब्धता, जंगलों मे भारी संख्या मे हाथी, उपजाऊ गंगा की घाटी, योग्य सम्राटों की श्रृंखला।
3. मौर्य साम्राज्य (321 ई.पू.)
चन्द्रगुप्त मौर्य ने मगध से साम्राज्य की नींव रखी।
अशोक → सबसे महान शासक, कलिंग युद्ध (261 ई.पू.) के बाद बौद्ध धर्म अपनाया।
विशेषताएँ:
a. विस्तृत प्रशासनिक व्यवस्था (अर्थशास्त्र – कौटिल्य)।
b. शिलालेखों और स्तंभलेखों में नीतियाँ।
c. साम्राज्यवादी एकता और धर्म प्रचार।
4.गुप्त साम्राज्य (4वीं से 6वीं शताब्दी ई.)
चन्द्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त और चन्द्रगुप्त द्वितीय प्रसिद्ध शासक।
विशेषताएँ:
a. समुद्रगुप्त का प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद स्तंभ लेख)।
b. कला, साहित्य और विज्ञान का स्वर्ण युग।
c. साम्राज्य व्यवस्था में ‘समंत’ प्रथा।
5. कृषि और किसान
खेती मुख्य रूप से हल जोतने और बैलों पर निर्भर थी।
स्रोत – अभिलेख, साहित्य और पुरातत्व।
विशेषताएँ:
1. कृषक भूमि पर हल चलाते और कर चुकाते थे।
2. कर – उपज का 1/6 भाग राजा को देना पड़ता था।
3. शूद्र और दास श्रमिक कार्य में लगे थे।
कृषि समाज में भू-स्वामियों और किसानों के बीच असमानता स्पष्ट दिखती थी।
6. नगर और नगरीकरण
छठी शताब्दी ईसा पूर्व से नगरों का विकास।
महत्वपूर्ण नगर – पाटलिपुत्र, कौशांबी, वाराणसी, उज्जयिनी, तक्षशिला, मथुरा।
नगरों की विशेषताएँ:
a. व्यापार और शिल्प का केंद्र।
b. सिक्कों का उपयोग (पंच-चिह्नित सिक्के)।
c. नगरों में शिल्पकार, व्यापारी, कुम्हार, लोहार, सुनार रहते थे।
d. गिल्ड (श्रेणी/श्रेणी संगठन) – व्यापारियों और शिल्पियों के संगठन।
7. अभिलेख और लेखन परंपरा
अशोक के शिलालेख और स्तंभलेख – नीतियाँ और धर्म प्रचार।
हर्षवर्धन का बांसखेडा ताम्रपत्र – भूमि दान का प्रमाण।
अभिलेखों से कर, भूमि व्यवस्था और समाज की झलक मिलती है।
8. साहित्यिक स्रोत
महाभारत – पारिवारिक और सामाजिक जीवन का दर्पण।
धर्मशास्त्र/धर्मसूत्र – सामाजिक और वर्ण व्यवस्था।
जैन और बौद्ध ग्रंथ – धार्मिक आंदोलन और समाज की आलोचना।
अर्थशास्त्र (कौटिल्य) – राजनीति और अर्थव्यवस्था।
9. सामाजिक व्यवस्था
वर्ण व्यवस्था: ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।
जाति व्यवस्था कठोर होती गई, जिससे सामाजिक भेदभाव बढ़ा।
स्त्रियों की स्थिति सीमित थी – संपत्ति अधिकार नहीं, लेकिन स्त्रीधन का अधिकार था।
अछूत वर्ग → सामाजिक बहिष्कार और निम्न समझे जाने वाले कार्यों तक सीमित।
10. प्रमुख इतिहासकारों के मत
वी. वी. लाल – घरों और बस्तियों के विकास पर अध्ययन।
आर. एस. शर्मा – कृषि और नगरीकरण को आर्थिक ढांचे से जोड़ा।
रोमिला थापर – मौर्य और गुप्त काल की सामाजिक संरचना पर कार्य।
11. महत्व:
इस अध्याय से पता चलता है कि कैसे भारतीय समाज राजा–किसान–नगर की त्रयी पर आधारित था।
यह राजनीतिक शक्ति, कृषि उत्पादन और नगरीय विकास का संयुक्त अध्ययन है।
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परीक्षा उपयोगी अति महत्वपूर्ण बिंदु (One-liners)
1. 16 महाजनपदों का उल्लेख – अंगुत्तर निकाय (बौद्ध ग्रंथ)।
2. मौर्य साम्राज्य – 321 ई.पू., चन्द्रगुप्त मौर्य।
3. अशोक का कलिंग युद्ध – 261 ई.पू.।
4. समुद्रगुप्त – इलाहाबाद स्तंभ लेख (हर्षवर्धन की प्रशस्ति)।
5. पंच-मार्क सिक्के/ आहत सिक्के – सबसे प्राचीन मुद्रा।
6. महाभारत – वेदव्यास द्वारा रचित, शुरू मे 10 हजार और कालांतर मे 1 लाख श्लोक।
7. धर्मसूत्र–धर्मशास्त्र – सामाजिक नियम और वर्ण व्यवस्था।
8. नगर → पाटलिपुत्र, वाराणसी, उज्जयिनी, मथुरा।
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परीक्षा-उपयोगी महत्वपूर्ण बिंदु/अतिलघु प्रश्न उत्तर
1.जो वंश परम्परा पिता, पुत्र, पोत्र फिर प्रपोत्र आदि से चलती है
* पितृ वशिककता
2. जो वश परम्परा माँ के नाम पर चलती है
*मातृ वंशिकता
3. धर्मसूत्रो व धर्मशास्त्रों के अनुसार पिता की सम्पत्ति पर किसका अधिकार होता है?
* पुत्रों का, सबसे बड़े पुत्र को विशेष हिस्सा
4. धर्मशास्त्र के अनुसार कितने प्रकार के विवाह उत्तम हैं?
* 4 प्रकार के
5.धर्मशास्त्र कितने प्रकार के विवाहों को अपनी स्वीकृति देता है?
*8 प्रकार के विवाहों को
6.गोत्र के बाहर विवाह: बर्हिविवाह गोत्र के अंदर विवाह : अंर्तविवाह एक पुरुष द्वारा एक से अधिक पत्नियाँ रखना :बहुपत्नि विवाह एक स्त्री द्वारा एक अधिक पुरुषों से विवाह: बहुपति विवाह
7. गोत्र पद्धति के अनुसार स्त्री के विवाह के पश्चात् उसे किसका गोत्र धारण करना पड़ता है ?
* पति का गोत्र धारण करना।
8.धर्मशास्त्रों मे वर्ण व्यवस्था के अनुसार भारतीय समाज कितने भागों में बंटा?
*ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र चार भागों में।
9.वर्ण व्यवस्था के अनुसार राजा कौन हो सकता है?
*क्षत्रिय।
10. निषाद कौन थे?
*आखेटक (जंगल में रहने वाले लोग-शिकारी)।
11. रेशम के बुनकरों का वर्णन किस अभिलेख में मिलता है?
*मंदसौर (मध्य प्रदेश में स्थित) अभिलेख में
12. बौद्ध भिक्षु ‘फा-शियन’ किस देश का रहने वाला था?
*चीन का।
13.गुजरात का प्राचीनतम नाम?
“लाट।
14. वर्ण व्यवस्था में कुछ लोगों को अस्पृश्य घोषित किया गया उनमें से एक___ थेl
*चाण्डाल।
15. वर्ण व्यवस्था वाली सामाजिक प्रणाली में असंस्कृत भाषी विदेशी भाषा वाले लोगों को क्या कहते थे?
*मलेच्छ।
16. एकलव्य कौन था इसका नाम किस धार्मिक ग्रन्थ में मिलता है?
*एक निषाद/आखेटक धार्मिक ग्रन्थ महाभारत मेl
17. ऋग्वेद के किस सूक्त में वर्ण व्यवस्था का पता चलता है?
*पुरुष सूक्त में।
18. शौर्य, वर्षा और युद्ध का देवता?
*इंद्र
19. त्रिपिटक (a) सुतपिटक (बौद्ध धर्म के उपदेश) (b)विनयपिटक (बौद्ध धर्म के नियम) (c) अभिधम्म पिटक (बौद्ध धर्म का दर्शन)।NM
20.महाभारत के रचनाकार: महर्षि वेदव्यास।
21. नाट्य शास्त्र के रवयिता : भरतमुनि।
22 वेद-ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद सबसे प्राचीनतम धार्मिक ग्रन्थ जो संस्कृत भाषा में लिखे गए l
23. भगवद्गीता की भाषा व श्लोकों की संख्या: भाषा संस्कृत, 700
24. महाभारत का युद्ध कहाँ व कितने दिन तक लड़ा गया?
*कुरुक्षेत्र में 18 दिनों तक।
25. महाभारत का रचनाकाल (500 BC-500 AD)
26 विशिष्ट परिस्थितियों में किस स्त्री ने सत्ता का उपयोग किया था?
* प्रभावती गुप्त। (वाकाटक राज्य की रानी व चंद्रगुप्त द्वितीय की पुत्री l
27. सातवाहनों की वैवाहिक पद्धति: अंर्तविवाह,शीशे के सिक्कों का प्रयोग, ब्राह्मण वर्ण से संबंध।
28.महाभारत का समालोचनात्मक संस्करण किसने व कब पूरा किया – v.5. सुकथांकर ने शुरू किया पूर्ण1966 में हुआ।
29. गौतमी पुत सिरी सातकनि किस वंश का था?
*सात वाहन वंश का।
30. आरंभिक बौद्ध ग्रन्थ किस भाषा से संबंधित थे?
* पाली भाषा l
31.अष्टाध्यायी के लेखक पाणिनी। जबकि महाभाष्य के लेखक पतंजलि
32.गुप्त व गुप्तांतर काल के अधिकांश अभिलेख किस भाषा में खुदे हुए हैं?
*संस्कृत भाषा।
33. महाभारत में श्लोकों की संख्या एक लाख से अधिक।
34. मनुस्मृति। सबसे महत्वपूर्ण कानून/विधि की पुस्तक व धर्मसूत्र/धर्मशास्त्र
35. गोत्र का आधार किसी एक वैदिक ऋषि का नाम। (भारद्वाज, वत्स, गौतम या बाल्मीकी)
36 शास्त्रों के अनुसार केवल क्षत्रिय ही राजा हो सकते हैं, परन्तु कुछ वंश इसका अपवाद थे सातवाहन, कण्व, शुंग मौर्य वंश।
37. रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मिकी।
38. हिडिम्बा राक्षसी का विवाह किससे हुआ उसके पुत्र का नाम बताओ?
*भीम से विवाह, पुत्र घटोत्कच्छ।
39 बिश की संज्ञा किसे दी जाती है ?
* वैश्य।
40 उपनिषदों की कुल संख्या: 108
41. दक्कन और मध्य भारत में मौर्य के उत्तराधिकारी कौन थे?
* सातवाहन।
42. कौन मध्य एशिया के मूल निवासी थे?
* शक
43. किस शासकों को रानियाँ/महारानियाँ अपने पिता के गोत्र को जारी रखती थी?
* सातवाहन
44. महाभारत किसके बीच लड़ा गया?
* कौरवों व पांडवों के बीच।
45. महाभारत कालीन समाज का आधार वर्ण व्यवस्था थी।
46 1919 में प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान V.S. सुकथांकर के नेतृत्व में महाभारत का समालोचनात्मक संस्करण तैयार करना आरंभ किया गया।
47.महाभारत की मूल कथा के रचयिता संभवत: भाट सारथी थे जिन्हें सूत कहा जाता था जबकि साहित्यिक परम्पराओं के अनुसार इसके रचयिता ऋषि वेद व्यास थे, जिन्होंने भगवान गणेश से यह ग्रन्थ लिखवाया था।
48. वर्ण-व्यवस्था: (क) ब्राह्मण (अध्ययन करना, वेदों की शिक्षा, यज्ञ करना व करवाना, दान लेना व देना) (ख) क्षत्रिय (युद्ध करना सुरक्षा प्रदान करना, न्याय करना, वेद पढ़ना, यज्ञ करवाना, दान देना) (ग) वैश्य (व्यापार करना, गी फलत, कृषि करना, दान देना, वेद पढ़ना यज्ञ करवाना) (घ) शुह (तीनो उच्च वर्षों की सेवा करना)
49. संस्कृत ग्रन्थों में ‘कुल’ शब्द का प्रयोग परिवार के लिए और ‘जाति’ शब्द का प्रयोग बांधवो (बंधुओं) के एक बड़े समूह के लिए होता है।
50. संस्कृत के ग्रन्थ और अभिलेखों में व्यापारियों के लिए ‘वणिक’ शब्द का प्रयोग हुआ है।
51. सनु स्मृति का संकलन हुआ :200 BC-200 AD
52. धर्म शास्त्रों, धर्म ग्रंथों व मनु स्मृति के रचयिता ऋषि मनु।
53. मेरठ के हस्तिनापुर में खुदाई आरंभ हुई 1951-52
54. चरक और सुश्रुत संहिता का संबंध आयुर्वेद से।
ठीक है 👍
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महत्वपूर्ण लघु एवम् दीर्घ उत्तर वाले प्रश्न
Q1. महाभारत को एक गतिशील ग्रन्थ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
1. महाभारत निरंतर संशोधित और परिवर्धित होता रहा, इसलिए यह स्थिर न रहकर एक गतिशील ग्रन्थ बन गया।
2. समय-समय पर इसमें नयी कथाएँ, श्लोक और प्रसंग जोड़े गए।
3. इसमें धार्मिक, सामाजिक, नैतिक और राजनीतिक जीवन की विविध झलकियाँ मिलती हैं, जो इसे गतिशील बनाती हैं।
Q2. धर्मशास्त्रों व धर्मग्रन्थों में चार आश्रमों के लिए निर्धारित आजीविका के नियमों का वर्णन करो।
उत्तर:
1. ब्रह्मचर्य आश्रम – शिक्षा प्राप्त करना, संयम और गुरु की सेवा।
2. गृहस्थ आश्रम – विवाह करके परिवार चलाना, यज्ञ-दान व समाज की सेवा।
3. वानप्रस्थ आश्रम – सांसारिक मोह छोड़कर तपस्या और साधना।
4. संन्यास आश्रम – पूर्ण त्याग, भिक्षाटन और मोक्ष की साधना।
Q3. महाभारत की विषय-वस्तु और भाषा का वर्णन करते हुए इसके लेखक का नाम बताओ।
उत्तर:
1. महाभारत में युद्ध, राजनीति, धर्म, नैतिकता, समाज और दर्शन सभी विषय शामिल हैं।
2. इसकी भाषा संस्कृत है, जिसमें श्लोक व गद्य दोनों रूपों का प्रयोग है
3. इसके रचयिता के रूप में महर्षि वेदव्यास का नाम प्रसिद्ध है।
Q4. महाभारत प्राचीन समाज के पारिवारिक मूल्यों को जानने का अच्छा स्रोत है – व्याख्या करो।
उत्तर:
1. इसमें परिवार, विवाह, उत्तराधिकार और रिश्तों से जुड़ी परंपराओं का उल्लेख है।
2. भाई–भाई के संबंध, स्त्रियों की स्थिति और पारिवारिक विवादों का चित्रण मिलता है।
3. यह ग्रंथ उस समय के परिवारिक जीवन और नैतिक मूल्यों की सटीक झलक प्रदान करता है।
Q5. ‘महाभारत जैसे जटिल ग्रन्थ को समझना इतिहासकारों के लिए कठिन कार्य है’ – व्याख्या करो।
उत्तर:
1. महाभारत में समय-समय पर अनेक जोड़-घटाव हुए, जिससे इसका मूल रूप पता लगाना कठिन है।
2. इसमें मिथक और वास्तविक घटनाएँ मिश्रित हैं।
3. धार्मिक व दार्शनिक व्याख्याएँ भी जुड़ी हैं, जिससे इतिहासकारों के लिए निष्कर्ष निकालना चुनौतीपूर्ण है।
Q6. जाति की अवधारणा कैसे जन्मी? यह वर्णव्यवस्था से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
1. जाति की अवधारणा जन्म पर आधारित थी, जहाँ व्यक्ति का पेशा और स्थान जन्म से तय होता था।
2. वर्ण व्यवस्था मूलतः गुण, कर्म और स्वभाव पर आधारित थी।
3. जाति व्यवस्था कठोर और स्थायी थी, जबकि वर्ण व्यवस्था अपेक्षाकृत लचीली थी।
Q7. प्राचीन समाज में ‘अछूतों’ की स्थिति स्पष्ट करो।
उत्तर:
1. अछूतों को समाज के मुख्यधारा कार्यों से अलग रखा गया।
2. उन्हें शारीरिक श्रम, मल-निर्मूलन और अस्वच्छ कार्यों तक सीमित किया गया।
3. उन्हें धार्मिक, सामाजिक और सार्वजनिक स्थानों से वंचित रखा गया।
Q8. प्राचीन काल में सम्पत्ति के अधिकार में पुरुष और महिलाओं के बीच भेदभाव का वर्णन करो।
उत्तर:
1. पुरुषों को भूमि और संपत्ति का उत्तराधिकार अधिकार प्राप्त था।
2. स्त्रियों को सामान्यतः केवल स्त्रीधन तक सीमित अधिकार था।
3. इस भेदभाव के कारण समाज में लैंगिक असमानता बढ़ी।
Q9. साहित्यिक परम्पराओं का अध्ययन करते समय इतिहासकारों को किन बातों का ध्यान रखना पड़ता है?
उत्तर:
1. यह देखना कि साहित्यिक ग्रंथ कब और किस परिस्थिति में रचे गए।
2. लेखकों के दृष्टिकोण, पक्षपात और उद्देश्य की पहचान करना।
3. ग्रंथ की तुलना अन्य स्रोतों और पुरातात्त्विक प्रमाणों से करना।
Q10. महाभारत काल के द्वितीय चरण (12वीं से 7वीं श.पू.) में मिलने वाले घरों के बारे में वी.वी. लाल के विचार स्पष्ट करो।
उत्तर:
1. घर लकड़ी, मिट्टी और कच्ची ईंटों से बने होते थे।
2. कई घरों में आँगन और एक से अधिक कमरे पाए गए।
3. इससे समाज में स्थायी बस्तियों और विकसित पारिवारिक जीवन का संकेत मिलता है।
Q11. उपनिषदों में मानव और विश्व-व्यवस्था के बीच रिश्तों से संबंधित नई विचारधारा का वर्णन करो।
उत्तर:
1. उपनिषदों में आत्मा (जीवात्मा) और ब्रह्म (परमात्मा) की एकता का विचार मिलता है।
2. मानव और विश्व-व्यवस्था को एक अविभाज्य संबंध में देखा गया।
3. कर्म और मोक्ष की अवधारणाओं के माध्यम से नैतिक जीवन पर बल दिया गया।
Q12. महाभारत की पुनर्व्याख्याओं में बाँग्ला लेखिका महाश्वेता देवी का योगदान बताओ।
उत्तर:
1. महाश्वेता देवी ने महाभारत की कथाओं को दलित और स्त्री दृष्टिकोण से पुनर्लेखन किया।
2. उन्होंने हाशिए पर पड़े पात्रों की पीड़ा और संघर्ष को उजागर किया।
3. इससे महाभारत की नई और वैकल्पिक व्याख्या सामने आई।
Q13. धर्मशास्त्र और धर्मसूत्रों में स्थापित जाति क्रम की सामाजिक व्यवस्था का आलोचनात्मक वर्णन करो।
उत्तर:
1. धर्मसूत्रों ने समाज को चार वर्णों – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र में बाँटा।
2. हर वर्ण के लिए अलग-अलग कार्य व कर्तव्य निर्धारित थे।
3. ब्राह्मणों को सर्वाधिक सम्मान और श्रेष्ठ स्थान दिया गया।
4. शूद्रों को केवल सेवा का कार्य सौंपा गया, जिससे वे पिछड़े रहे।
5. जातिगत पेशों ने सामाजिक गतिशीलता को सीमित कर दिया।
6. जाति व्यवस्था ने ऊँच-नीच की भावना और असमानता फैलाई।
7. इससे समाज में शोषण और भेदभाव की स्थिति उत्पन्न हुई।
8. आलोचनात्मक दृष्टि से यह व्यवस्था समाज की प्रगति में बाधक साबित हुई।
Q14. ‘महाभारत सम्पूर्ण साहित्य का प्रतिनिर्धारण करता है’ – व्याख्या करो।
उत्तर:
1. महाभारत में धर्म, नीति, राजनीति, युद्ध, समाज, दर्शन और संस्कृति का समग्र चित्रण है।
2. इसे ‘पंचम वेद’ कहा गया है क्योंकि इसमें अनेक विषय समाहित हैं।
3. इसमें पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक जीवन का विस्तृत विवरण है।
4. महाकाव्य में कथाएँ, दंतकथाएँ और मिथकीय प्रसंग भी जुड़े हैं।
5. इसकी रचनात्मकता भारतीय संस्कृति की गहराई को दर्शाती है।
6. इसमें धार्मिक व आध्यात्मिक शिक्षा का समावेश है।
7. साहित्यिक दृष्टि से यह संस्कृत भाषा का महान उदाहरण है।
8. यह भारतीय आत्मा और सभ्यता की गहराई को अभिव्यक्त करता है l







