मूल निवासियों का विस्थापन, अध्याय 6, कक्षा 11, इतिहास के विस्तृत व संपूर्ण नोटस📝

By gurudev

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Mool Nivasiyon ka visthapan ke Notes

Class 11 History के अध्याय 6 “मूल निवासियों का विस्थापन” (Displacing Indigenous Peoples)


🧭 उपनिवेशवाद और विस्तार का युग (The Age of Colonial Expansion)


सत्रहवीं से उन्नीसवीं शताब्दी के बीच विश्व-इतिहास का सबसे निर्णायक परिवर्तन यूरोपीय उपनिवेशवाद का विस्तार था।
औद्योगिक क्रांति, व्यापारिक पूँजीवाद, और नौवहन प्रौद्योगिकी के विकास ने यूरोपीय राष्ट्रों को दुनिया के दूरस्थ भू-भागों तक पहुँचने की सामर्थ्य दी।
यही वह दौर था जब “खोज और विजय” (Age of Discovery and Conquest) के नाम पर अफ्रीका, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और एशिया में लाखों मूल निवासियों का जीवन बदल गया।

यूरोपीय शक्तियों ने इन क्षेत्रों को ‘नई भूमि’ कहा — पर वास्तव में ये भूमि हजारों वर्षों से अपने-अपने समाजों, भाषाओं और संस्कृतियों का घर थीं।
उपनिवेशवाद ने केवल भूमि पर अधिकार नहीं किया, बल्कि एक संपूर्ण वैचारिक ढाँचा थोप दिया जिसमें यूरोपीय सभ्यता को श्रेष्ठ और स्थानीय समाजों को “असभ्य” बताया गया।


  1. आर्थिक लालसा
    • औद्योगिक क्रांति के बाद यूरोप को कच्चे माल (raw materials) और नए बाज़ारों की जरूरत पड़ी।
    • सोना-चाँदी, रेशम, मसाले, कपास, तंबाकू, ऊन आदि के लिए नई भूमि की तलाश शुरू हुई।
    • अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में कृषि और खनन के विशाल अवसर थे।
  2. जनसंख्या-दबाव
    • यूरोप में जनसंख्या तेज़ी से बढ़ रही थी; कृषि-भूमि सीमित थी।
    • बेरोज़गारी और गरीबी से परेशान लोग “नई दुनिया” में बसना चाहते थे।
  3. धार्मिक प्रेरणा
    • ईसाई मिशनरियों का उद्देश्य “पगान” या “अविश्वासी” लोगों को ईसाई धर्म में लाना था।
    • धर्म-प्रचार को भी “सभ्यता फैलाने” का औचित्य बताया गया।
  4. राजनीतिक प्रतिस्पर्धा
    • इंग्लैंड, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल और नीदरलैंड में उपनिवेश प्राप्त करने की दौड़ लगी।
    • जितनी अधिक भूमि, उतना अधिक शक्ति और वैश्विक प्रतिष्ठा।
  5. तकनीकी उन्नति
    • कम्पास, मानचित्रण (कार्टोग्राफी), और नौवहन-उपकरणों ने लंबी समुद्री यात्राओं को संभव बनाया।
    • बारूद और तोपों ने सैन्य शक्ति बढ़ाई।

यूरोपीय शक्तिउपनिवेशप्रमुख उद्देश्य
स्पेनलैटिन अमेरिकासोना-चाँदी की खोज, कैथोलिक धर्म का प्रसार
पुर्तगालब्राज़ील, अफ्रीका के तटमसाला व्यापार और गुलाम-व्यापार
ब्रिटेनउत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारतव्यापार, कृषि और औद्योगिक साम्राज्य
फ्रांसकनाडा, अफ्रीका के भागव्यापार और कृषि उपनिवेश
नीदरलैंडइंडोनेशिया, केप टाउनमसाला व्यापार और समुद्री नियंत्रण

  • कोलंबस (1492) द्वारा अमेरिका की खोज के बाद यूरोपियों ने इन भूमियों को “New World” कहा।
  • परंतु उनके लिए नई भूमि ‘खाली’ नहीं थी — वहाँ विकसित समाज, संस्कृति और धार्मिक विश्वास मौजूद थे।
  • यूरोपियों ने इसे ‘मानवता के लिए ईश्वर की भेंट’ माना, जिसका ‘सभ्य उपयोग’ वे कर सकते थे।
  • यही सोच आगे चलकर ‘Terra Nullius’ (खाली भूमि) के सिद्धांत में बदल गई।
    इसका अर्थ था — ऐसी भूमि जिसका कोई कानूनी मालिक न हो; इसलिए यूरोपीय राजाओं के द्वारा उस पर अधिकार किया जा सकता है।

  1. सभ्यता का मिशन (Civilizing Mission)
    • उपनिवेशवादियों ने दावा किया कि वे ‘असभ्य’ समाजों को ‘सभ्यता’ सिखा रहे हैं।
    • शिक्षा, धर्म और कानून के माध्यम से उन्हें ‘उन्नत’ बनाने का दिखावा किया गया।
  2. नस्लीय श्रेष्ठता (Racial Superiority)
    • यूरोपीय लोगों ने अपने को श्वेत और श्रेष्ठ बताया।
    • उन्होंने वैज्ञानिक और धार्मिक तर्कों से इसे सिद्ध करने की कोशिश की (Social Darwinism)।
  3. आर्थिक उपयोगिता
    • उपनिवेशों को ‘उपयोगी भूमि’ कहा गया — जहाँ से यूरोप को सस्ता कच्चा माल मिले।
  4. धार्मिक औचित्य
    • ईश्वर की इच्छा बताकर विस्तार को उचित ठहराया गया।

  1. चार्टर कंपनियाँ (Chartered Companies)
    • ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी, डच ईस्ट इंडिया कंपनी आदि को व्यापार के अधिकार मिले।
    • ये कंपनियाँ प्रशासन और सैन्य नियंत्रण दोनों करती थीं।
  2. स्थायी उपनिवेश
    • यूरोप के किसानों और कैदियों को नई भूमियों में बसाया गया।
    • अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में “Settler Colonies” उभरीं।
  3. संधियाँ और धोखाधड़ी
    • कई बार स्थानीय राजाओं या जनजातियों से संधियाँ की गईं पर बाद में उन्हें तोड़ा गया।
    • जैसे — न्यूजीलैंड का Treaty of Waitangi (1840)
  4. सैन्य बल
    • आधुनिक हथियारों के बल पर स्थानीय विरोध को दबाया गया।

  • यूरोपीय आगमन उनके लिए “विकास” नहीं बल्कि विनाश का दौर था।
  • उनकी भूमि, पशुधन, भाषा, संस्कृति, धर्म और स्वतंत्रता छीनी गई।
  • उनकी जनसंख्या रोगों, युद्धों और भुखमरी से लगभग 90 % तक घट गई।
  • उनकी सामुदायिक संरचना टूटी, पारंपरिक ज्ञान प्रणालियाँ नष्ट हुईं।

🟢 (A) उत्तरी अमेरिका

  • ब्रिटिश और फ्रांसीसी बसने वालों ने 17वीं सदी में आगमन किया।
  • भूमि को निजी मालिकाना घोषित कर Native Americans को पश्चिम की ओर धकेला।
  • 1830 का Indian Removal Act उसी प्रक्रिया का कानूनी रूप था।

🟢 (B) ऑस्ट्रेलिया

  • 1788 से ब्रिटिश “Convict Settlement” स्थापित हुए।
  • भूमि को “terra nullius” घोषित कर Aborigines को अधिकार-विहीन किया।
  • बच्चों को परिवारों से अलग कर “सभ्य बनाने” का कार्य (Stolen Generations) किया गया।

🟢 (C) न्यूजीलैंड

  • 1840 में Treaty of Waitangi से ब्रिटिशों ने नियंत्रण स्थापित किया।
  • Maori Wars (1845-1872) में माओरी लोगों ने लड़ाई की पर भूमि खो बैठे।

  1. भूमि-अधिग्रहण
    • सामुदायिक भूमि को निजी संपत्ति में बदला गया।
    • कृषि का व्यावसायीकरण शुरू हुआ (Commercial Farming)।
  2. श्रम-प्रणाली
    • स्थानीय लोगों को गुलाम या सस्ते मजदूर बनाया गया।
    • अफ्रीकी गुलामों का आयात भी किया गया।
  3. संसाधनों का शोषण
    • खनिज, वन और जल संसाधनों का अत्यधिक उपयोग।
    • स्थानीय पर्यावरण का संतुलन टूटा।

पारंपरिक परिवार संरचना टूटी।

धर्म और संस्कृति को “असभ्यता” बताकर दमन किया गया।

यूरोपीय भाषाओं (अंग्रेज़ी, फ्रेंच) का वर्चस्व बढ़ा।

नई शिक्षा-प्रणालियाँ स्थापित की गईं।


अमेरिका में मूल निवासियों का जीवन और विस्थापन


यूरोपीय उपनिवेशवाद का सबसे पहला और व्यापक प्रभाव अमेरिका पर पड़ा।
1492 में क्रिस्टोफर कोलंबस के आगमन के बाद यूरोपीय शक्तियाँ — विशेषकर स्पेन, पुर्तगाल, ब्रिटेन और फ्रांस — उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका पर छा गईं।
उनका आगमन यहाँ के Native Americans (या Red Indians) के लिए विनाशकारी साबित हुआ।

उनके जीवन में जो परिवर्तन आए, वे केवल आर्थिक या राजनीतिक नहीं थे, बल्कि उनके जीवन दर्शन, संस्कृति, भाषा, धार्मिक मान्यताओं और सामाजिक ढाँचे तक को नष्ट कर गए।
यूरोपियों ने उन्हें “जंगली” (savages) कहा और भूमि पर अधिकार को “ईश्वर की इच्छा” घोषित कर दिया।


  1. विविध जनजातीय समाज
    • उत्तरी अमेरिका में हजारों वर्षों से कई जनजातियाँ बसी हुई थीं — जैसे Cherokee, Sioux, Apache, Navajo, Iroquois, Cheyenne, Comanche आदि।
    • इनकी अपनी भाषा, रीति-रिवाज़ और शासन-प्रणालियाँ थीं।
  2. जीविका के साधन
    • शिकार, मछली पकड़ना, जंगली फल-संग्रह और छोटे पैमाने की खेती।
    • कुछ क्षेत्रों (जैसे मिसिसिपी घाटी) में सिंचित कृषि विकसित थी।
  3. सामुदायिक भूमि स्वामित्व
    • भूमि को सामूहिक संपत्ति माना जाता था — किसी व्यक्ति का निजी अधिकार नहीं।
    • भूमि “जीवित प्राणी” मानी जाती थी, जो सभी के लिए समान रूप से थी।
  4. प्रकृति के प्रति सम्मान
    • उनके धर्म और लोककथाएँ प्रकृति के तत्वों (सूर्य, चंद्रमा, पशु, नदियाँ, पहाड़) की पूजा पर आधारित थीं।
    • उनका दर्शन था — “मनुष्य प्रकृति का स्वामी नहीं, उसका हिस्सा है।”
  5. राजनीतिक व्यवस्था
    • छोटे-छोटे Tribal Councils (जनजातीय परिषदें) निर्णय लेती थीं।
    • हर जनजाति का एक मुखिया होता था, पर शासन सामूहिक सहमति से चलता था।

  1. स्पेनिश उपनिवेश (Latin America)
    • कोलंबस के बाद स्पेनिश कॉन्क्विस्टाडोर्स (Conquistadors) जैसे Cortes और Pizarro ने एज़्टेक और इंका साम्राज्य को नष्ट किया।
    • लाखों मूल निवासियों को मारा गया या खदानों में मजदूरी करने को मजबूर किया गया।
  2. ब्रिटिश और फ्रांसीसी बसावट (North America)
    • 1600 के दशक में ब्रिटिश उपनिवेश स्थापित हुए — वर्जीनिया, मैसाचुसेट्स, न्यू इंग्लैंड आदि।
    • फ्रांस ने कनाडा और मिसिसिपी घाटी में उपनिवेश बनाए।
  3. ‘New England’ का अर्थ
    • ब्रिटिश बसने वालों ने अपने उपनिवेशों को “New England” कहा, और इसे “God’s chosen land” बताकर धार्मिक औचित्य दिया।
  4. बीमारियों का प्रकोप
    • यूरोपीय लोग अपने साथ चेचक, खसरा, इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियाँ लाए जिनसे लाखों मूल निवासी मर गए।
    • यह ‘biological genocide’ कहा जाता है — बिना युद्ध के मौत का साम्राज्य।
  5. भूमि पर कब्ज़ा
    • यूरोपियों ने मूल निवासियों की सामुदायिक भूमि को “खाली” घोषित किया (Doctrine of Discovery / Terra Nullius)।
    • भूमि पर निजी स्वामित्व लागू किया गया और कृषि व पशुपालन की यूरोपीय पद्धतियाँ थोप दी गईं।

  1. ‘Manifest Destiny’ का विचार
    • 19वीं सदी में अमेरिका में यह धारणा बनी कि “ईश्वर ने श्वेत अमेरिकियों को पूरा महाद्वीप बसाने का अधिकार दिया है।”
    • इसे Manifest Destiny कहा गया।
    • इस विचार ने मूल निवासियों के विस्थापन को धार्मिक और राष्ट्रीय औचित्य दिया।
  2. ‘Indian Removal Act, 1830’
    • अमेरिकी राष्ट्रपति Andrew Jackson ने यह कानून पारित किया।
    • इसके तहत पूर्वी अमेरिका में रहने वाली जनजातियों को मिसिसिपी नदी के पश्चिम की ओर जबरन भेजा गया।
  3. Trail of Tears (आँसुओं की यात्रा)
    • Cherokee, Choctaw, Chickasaw, Creek, Seminole जनजातियों को 1000 मील की कठिन यात्रा करनी पड़ी।
    • हजारों लोग भूख, बीमारी और सर्दी से रास्ते में मर गए।
    • इसे अमेरिकी इतिहास का “सबसे बड़ा मानवीय अपराध” कहा गया।
  4. Reservation System (आरक्षण क्षेत्र)
    • विस्थापित जनजातियों को “Reservations” नामक सीमित क्षेत्रों में रहने को कहा गया।
    • इन इलाकों की भूमि सूखी, बंजर और संसाधन-विहीन थी।
  5. Assimilation Policy (समाकलन नीति)
    • सरकार ने कोशिश की कि मूल निवासी “श्वेत संस्कृति” में समा जाएँ।
    • बच्चों को उनके परिवारों से अलग कर बोर्डिंग स्कूलों में भेजा गया।
    • वहाँ उन्हें अपनी भाषा बोलने या पारंपरिक पोशाक पहनने की अनुमति नहीं थी।
    • नारा था — “Kill the Indian, save the man.”

  1. King Philip’s War (1675–76)
    • न्यू इंग्लैंड में मेटाकॉम (King Philip) के नेतृत्व में जनजातीय विद्रोह।
    • पराजय के बाद यूरोपीय नियंत्रण स्थापित हो गया।
  2. Pontiac’s Rebellion (1763)
    • ब्रिटिश विस्तार के खिलाफ ओटावा जनजाति का विद्रोह।
    • अंततः दमन हुआ पर यह स्वाभिमान का प्रतीक बन गया।
  3. Battle of Little Bighorn (1876)
    • Sitting Bull और Crazy Horse (Sioux जनजाति) ने अमेरिकी सेना को हराया।
    • परंतु बाद में 1890 में Wounded Knee Massacre में हजारों Sioux मारे गए।
  4. Ghost Dance Movement (1890s)
    • यह धार्मिक-सांस्कृतिक आंदोलन था जो मूल निवासियों को एकता और आत्मबल का संदेश देता था।
    • इसे अमेरिकी सेना ने विद्रोह मानकर कुचल दिया।

  1. धर्म परिवर्तन और मिशनरी स्कूल
    • ईसाई मिशनरियों ने धर्म-परिवर्तन को “सभ्यता का प्रतीक” बताया।
    • पारंपरिक धर्म, लोककथाएँ, और अनुष्ठान प्रतिबंधित कर दिए गए।
  2. भाषा और शिक्षा
    • यूरोपीय भाषाएँ (खासकर अंग्रेज़ी) थोप दी गईं।
    • जनजातीय भाषाएँ धीरे-धीरे लुप्त होने लगीं।
  3. सांस्कृतिक दमन
    • पारंपरिक पोशाक, नृत्य, शिकार-रीति और त्यौहारों को “जंगलीपन” कहा गया।
    • परिवार प्रणाली टूट गई, आत्मसम्मान खो गया।
  4. महिलाओं की स्थिति
    • पहले जनजातीय समाजों में महिलाएँ सम्मानित थीं।
    • उपनिवेशी पितृसत्तात्मक व्यवस्था ने उन्हें हाशिए पर धकेल दिया।

  1. भूमि का निजीकरण
    • 1887 में Dawes Act लाया गया, जिससे सामुदायिक भूमि तोड़कर व्यक्तिगत मालिकों में बाँटी गई।
    • इसका उद्देश्य था कि मूल निवासी “किसान बनें”, पर वास्तविकता में भूमि श्वेत किसानों के हाथों में चली गई।
  2. जीविका का पतन
    • पारंपरिक शिकार क्षेत्रों से निष्कासन के बाद उनकी जीवन-शैली नष्ट हो गई।
    • वे मजदूर, नौकर या सैनिक बनकर रह गए।
  3. नए कृषि उत्पाद
    • गेहूँ, तंबाकू, कपास, मक्का जैसी फसलें व्यावसायिक रूप से उगाई जाने लगीं।
    • खेतों का मालिक श्वेत किसान था, मजदूरी मूल निवासी करते थे।

  • श्वेत बसने वालों ने जंगलों को काटकर विशाल खेत बनाए।
  • पशुधन पालन के लिए घास के मैदानों को नष्ट किया गया।
  • शिकार पर प्रतिबंध लगने से वन्यजीवों का संतुलन बिगड़ा।
  • मूल निवासियों की पारंपरिक पारिस्थितिक समझ (“सस्टेनेबल यूज़”) खत्म हो गई।

  1. 20वीं सदी में बदलाव
    • 1934 में Indian Reorganization Act ने Reservations को कुछ स्वशासन दिया।
    • 1970s में “Red Power Movement” चला — अधिकारों और संस्कृति की पुनर्स्थापना के लिए।
  2. आज की चुनौतियाँ
    • गरीबी, शिक्षा की कमी, स्वास्थ्य समस्याएँ और नशाखोरी की दर अधिक है।
    • भूमि विवाद अभी भी कई राज्यों में जारी हैं।
  3. सांस्कृतिक पुनर्जागरण
    • 1990 के दशक से फिल्मों, संगीत, और साहित्य में मूल निवासी संस्कृति का पुनरुद्धार हुआ।
    • अपनी भाषाओं को फिर से सिखाने के प्रयास चल रहे हैं।
  4. कानूनी अधिकार
    • अमेरिकी संविधान अब जनजातीय समुदायों को “Domestic Dependent Nations” के रूप में मान्यता देता है।
    • उन्हें अपनी भूमि, स्कूल, और परंपरागत शासन चलाने की अनुमति है।

शब्दअर्थ
Manifest Destinyश्वेत अमेरिकियों का यह विश्वास कि उन्हें पूरे महाद्वीप पर शासन करने का ईश्वरीय अधिकार है।
Trail of Tears1830 के दशक में चेरोकी जनजाति का जबरन विस्थापन।
Reservationsसीमित क्षेत्र जहाँ मूल निवासियों को बसाया गया।
Dawes Act (1887)भूमि का निजीकरण करने वाला कानून।
Ghost Danceमूल निवासियों का धार्मिक पुनरुत्थान आंदोलन।
Wounded Knee Massacre1890 में Sioux जनजाति का नरसंहार।



  • यूरोपीय उपनिवेशवादियों ने मूल निवासियों की सामुदायिक भूमि को अपने नियंत्रण में ले लिया।
  • भूमि का उपयोग अब व्यावसायिक खेती, जैसे — गेहूँ, मक्का, ऊन और पशुपालन के लिए होने लगा।
  • मूल निवासी समुदायों की आजीविका (शिकार, मछली पकड़ना, जंगल उत्पाद एकत्र करना) लगभग समाप्त हो गई।
  • इस परिवर्तन से भुखमरी, गरीबी और सांस्कृतिक पतन की स्थिति बनी।

  • यूरोपीय उपनिवेशवादियों ने यह दावा किया कि जहाँ कोई “सभ्य” शासन या कृषि व्यवस्था नहीं है, वह भूमि “खाली” (No Man’s Land) है।
  • उन्होंने इसे “Terra Nullius” कहा — अर्थात “खाली भूमि”।
  • इस तर्क के आधार पर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और अफ्रीका के हिस्सों को कब्जे में लिया
  • यह सिद्धांत मूल निवासियों के अधिकारों को नकारने और उनके विस्थापन को वैध ठहराने का औज़ार बन गया।

  • यूरोपीय लोगों द्वारा लाई गई नई बीमारियों (जैसे चेचक, खसरा, इन्फ्लूएंज़ा) से लाखों मूल निवासी मारे गए।
  • उनके पास इन बीमारियों के लिए प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) नहीं थी।
  • युद्धों, हत्याओं, जबरन श्रम और भूख से भी जनसंख्या तेजी से घटती गई।
  • उदाहरण:
    • उत्तरी अमेरिका में मूल जनसंख्या का लगभग 90% भाग 17वीं–18वीं सदी में समाप्त हो गया।
    • ऑस्ट्रेलिया में ब्रिटिश आगमन (1788) के बाद आदिवासी जनसंख्या लगभग नष्ट हो गई।

  • यूरोपीय मिशनरियों ने मूल निवासियों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की कोशिश की।
  • स्कूलों में पारंपरिक भाषाएँ और रीति-रिवाज प्रतिबंधित कर दिए गए।
  • “सिविलाइजिंग मिशन” (Civilizing Mission) के नाम पर यूरोपीय संस्कृति, पहनावा, और जीवनशैली थोपी गई।
  • परिणामस्वरूप मूल संस्कृति, लोककथाएँ, भाषा, नृत्य और परंपराएँ विलुप्त होने लगीं।

  • उपनिवेशवादियों ने मूल निवासियों को प्लांटेशन (खेतों) और खानों में जबरन श्रम करने के लिए बाध्य किया।
  • अफ्रीकी दास व्यापार के ज़रिए लाखों अफ्रीकियों को अमेरिका और कैरेबियन द्वीपों में भेजा गया।
  • मूल निवासी मजदूरों को बहुत कम वेतन, कठोर दंड और अमानवीय परिस्थितियों में काम करना पड़ता था।

  • यूरोपीय मिशनरियों ने चर्च-आधारित स्कूल खोले ताकि वे मूल निवासियों को “सभ्य” बना सकें।
  • इन स्कूलों में उन्हें अपनी संस्कृति भूलकर यूरोपीय रीति-रिवाज अपनाने को कहा जाता था।
  • अमेरिका और कनाडा में “Residential Schools” बनाए गए जहाँ बच्चों को परिवारों से अलग करके रखा जाता था।
  • यह प्रक्रिया सांस्कृतिक विनाश (Cultural Genocide) के समान थी।

  • उपनिवेशवादियों ने व्यावसायिक खेती, खनन, ऊन व्यापार, और पशुपालन को बढ़ावा दिया।
  • मूल अर्थव्यवस्था, जो सामुदायिक और आत्मनिर्भर थी, पूरी तरह टूट गई।
  • ब्रिटिश और अन्य यूरोपीय कंपनियों ने व्यापार पर एकाधिकार जमा लिया।
  • परिणामस्वरूप मूल निवासियों को आर्थिक रूप से निर्भर और असुरक्षित बना दिया गया।

मूल निवासियों ने अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए कई आंदोलन चलाए —

  • नॉर्थ अमेरिका:
    • Powhatan Confederacy और Tecumseh जैसे नेताओं ने ब्रिटिश और अमेरिकी विस्तार का विरोध किया।
    • 19वीं सदी के अंत में “Ghost Dance Movement” ने आध्यात्मिक एकता और पुनर्जागरण का संदेश दिया।
  • ऑस्ट्रेलिया:
    • Aboriginal Resistance (1788–1900) के तहत कई जनजातियों ने ब्रिटिश बस्तियों पर हमला किया।
  • न्यूज़ीलैंड:
    • Maori Wars (1845–1872) — माओरी लोगों ने भूमि अधिग्रहण के खिलाफ संघर्ष किया।

  • 20वीं सदी में, उपनिवेश समाप्त होने के बाद भी मूल निवासियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पिछड़ी रही।
  • अनेक देशों में अब भी भूमि अधिकार और सांस्कृतिक पहचान की लड़ाई जारी है।
  • संयुक्त राष्ट्र ने 2007 में “Declaration on the Rights of Indigenous Peoples (UNDRIP)” पारित किया।
  • यह घोषणा मूल निवासियों को स्वतंत्रता, भूमि, भाषा, शिक्षा और परंपरा की रक्षा का अधिकार देती है।

क्षेत्रउपनिवेशी शक्तिप्रमुख प्रभाव
उत्तरी अमेरिकाब्रिटेन, फ्रांसभूमि छिनना, जनसंहार, औद्योगिक खेती
ऑस्ट्रेलियाब्रिटेन“Terra Nullius”, जनसंख्या विनाश
न्यूज़ीलैंडब्रिटेनमाओरी युद्ध, भूमि संघर्ष
अफ्रीका (दक्षिणी भाग)ब्रिटेन, नीदरलैंडदास श्रम, नस्लीय भेदभाव

  • Terra Nullius – बिना मालिक की भूमि
  • Civilizing Mission – “सभ्य बनाने” का उपनिवेशी तर्क
  • Residential Schools – मिशनरियों द्वारा बच्चों के लिए स्कूल जहाँ संस्कृति मिटाई गई
  • Cultural Genocide – किसी समुदाय की संस्कृति का विनाश
  • Ghost Dance – आध्यात्मिक प्रतिरोध आंदोलन


1. उपनिवेशी पृष्ठभूमि

  • यूरोपीय बसने वालों का आगमन:
    16वीं से 17वीं शताब्दी के दौरान ब्रिटिश, फ्रांसीसी, डच और स्पेनिश उपनिवेशी अमेरिका में बसने लगे।
  • मुख्य लक्ष्य: भूमि अधिग्रहण, व्यापार, और कृषि उत्पादन (गेहूँ, मकई, तंबाकू)।
  • 1607 में Jamestown (Virginia) पहला स्थायी अंग्रेज़ी उपनिवेश बना।

  • Native Americans” अनेक जनजातियों से बने थे जैसे — Cherokee, Apache, Sioux, Iroquois, Mohawk आदि।
  • वे शिकार, मछली पकड़ना, कृषि और सामुदायिक भूमि व्यवस्था पर निर्भर थे।
  • उनके जीवन में प्रकृति और पर्यावरण का धार्मिक महत्व था — पृथ्वी को “माँ” माना जाता था।

  • भूमि छिनना: ब्रिटिशों ने खेती और चरागाहों के लिए भूमि हथिया ली।
  • रोगों का फैलना: यूरोपीयों द्वारा लाई गई बीमारियों (चेचक, फ्लू, मलेरिया) से लाखों मूल निवासी मरे।
  • संस्कृति पर प्रहार: यूरोपी मिशनरियों ने ईसाई धर्म थोपने की कोशिश की।
  • राजनीतिक विनाश: जनजातीय परिषदें और परंपरागत शासन-प्रणालियाँ नष्ट हो गईं।

  • 17वीं से 19वीं सदी तक कई विद्रोह हुए, जैसे —
    • King Philip’s War (1675–76) — मूल अमेरिकी प्रमुख Metacom (King Philip) ने अंग्रेज़ों के खिलाफ युद्ध किया।
    • Pontiac’s Rebellion (1763) — ब्रिटिशों की भूमि नीति के विरोध में।
    • Tecumseh Confederacy (1810s) — पश्चिम की ओर अमेरिकी विस्तार के खिलाफ जनजातीय एकता।
    • The Ghost Dance Movement (1880s–1890s) — आध्यात्मिक एकता और पुनर्जीवन का प्रतीक आंदोलन।

  • अमेरिकी राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन ने इस अधिनियम के तहत Native Americans को Mississippi नदी के पश्चिम में जबरन बसाने का आदेश दिया।
  • Trail of Tears” (आँसुओं का मार्ग) कहा जाने वाला यह विस्थापन —
    • हज़ारों लोगों की मृत्यु, भूख, ठंड और बीमारी से हुई।
    • Cherokee, Creek, Chickasaw जैसी जनजातियों को जबरन हटाया गया।

  • भौगोलिक विस्थापन: उनकी भूमि पर कृषि, खनन और रेलवे विस्तार हुआ।
  • जनसंख्या में भारी गिरावट: 1492 में अनुमानित 1.5 करोड़ की जनसंख्या 19वीं सदी में कुछ लाख रह गई।
  • सांस्कृतिक पतन: पारंपरिक भाषाएँ, गीत, मिथक समाप्त हुए।
  • अब: अमेरिका में आज “Native American Reservations” हैं — सीमित भूमि पर सरकारी मान्यता प्राप्त क्षेत्र।

1. उपनिवेशी आरंभ

  • कैप्टन जेम्स कुक (1770) ने ऑस्ट्रेलिया को ब्रिटिश साम्राज्य के लिए “खोजा”।
  • ब्रिटिशों ने इसे “Terra Nullius” (No Man’s Land) घोषित किया — अर्थात यहाँ कोई वैध मालिक नहीं।
  • 1788 में Botany Bay (Sydney) में पहला Penal Colony (दंड उपनिवेश) स्थापित किया गया।

  • Aborigines हज़ारों वर्षों से ऑस्ट्रेलिया में बसे थे।
  • उनका जीवन शिकार, जंगली पौधों, और सामुदायिक भूमि पर आधारित था।
  • वे भूमि को जीवंत आत्मा (“Dreamtime”) का प्रतीक मानते थे।

  • भूमि कब्जा: ब्रिटिश किसानों और चरवाहों ने लाखों एकड़ भूमि छीन ली।
  • संघर्ष: मूल निवासियों ने हथियारों और तीर-कमान से विरोध किया लेकिन ब्रिटिश सेनाएँ आधुनिक हथियारों से लैस थीं।
  • हत्या और हिंसा: 19वीं सदी में हजारों Aboriginals मारे गए; इसे “Frontier Wars” कहा गया।
  • रोग: यूरोपीय बीमारियों से भी जनसंख्या का पतन हुआ।

  • बच्चों को परिवारों से अलग करके Mission Schools में भेजा गया।
  • यह पीढ़ी “Stolen Generations” के नाम से जानी जाती है।
  • उन्हें अपनी भाषा बोलने या रीति-रिवाजों का पालन करने की अनुमति नहीं थी।
  • उन्हें “सभ्य” नागरिक बनाने के नाम पर यूरोपीय संस्कृति थोप दी गई।

  • 1960 के दशक में Aboriginal लोगों को मतदान अधिकार और नागरिकता दी गई।
  • 1992 में Mabo Case में ऑस्ट्रेलियाई उच्च न्यायालय ने “Terra Nullius” सिद्धांत को अवैध घोषित किया।
  • आज भी भूमि पुनर्वास और मुआवज़े की माँग जारी है।

  • Maoris पोलिनेशियन मूल के निवासी हैं, जो लगभग 13वीं सदी में न्यूज़ीलैंड पहुँचे।
  • वे कृषि, मछली पालन, और सामुदायिक भूमि पर निर्भर थे।
  • समाज जनजातीय (Tribal) और मुखिया-आधारित था।

2. ब्रिटिश उपनिवेशी विस्तार

  • 1840 में Treaty of Waitangi पर हस्ताक्षर हुए —
    • माओरी नेताओं और ब्रिटिश सरकार के बीच।
    • माओरियों ने भूमि और सुरक्षा के बदले ब्रिटिश संप्रभुता स्वीकार की।
  • लेकिन संधि का गलत अनुवाद कर माओरियों को धोखा दिया गया; भूमि पर नियंत्रण धीरे-धीरे ब्रिटिशों ने ले लिया।

  • 1845–1872 के बीच माओरियों और ब्रिटिश सेना के बीच संघर्ष हुए।
  • मुख्य कारण: भूमि अधिग्रहण और सांस्कृतिक दमन।
  • अंततः ब्रिटिशों ने अधिकांश भूमि पर अधिकार कर लिया।
  • हजारों माओरी मारे गए और कई विस्थापित हुए।

  • माओरियों को ईसाई धर्म अपनाने और अपनी संस्कृति छोड़ने के लिए बाध्य किया गया।
  • 19वीं सदी के अंत तक वे राजनीतिक रूप से कमजोर अल्पसंख्यक बन गए।
  • 20वीं सदी में उन्होंने सांस्कृतिक पुनरुत्थान और भूमि अधिकार आंदोलन शुरू किया।

  • Waitangi Tribunal (1975) की स्थापना — माओरियों की ऐतिहासिक शिकायतों की जाँच के लिए।
  • सरकार ने कई भूमि क्षेत्रों को माओरी जनजातियों को लौटाया।
  • आज न्यूज़ीलैंड में माओरी भाषा (Te Reo Maori) को आधिकारिक मान्यता प्राप्त है।

पहलूअमेरिकाऑस्ट्रेलियान्यूज़ीलैंड
मुख्य उपनिवेशी शक्तिब्रिटेन, फ्रांसब्रिटेनब्रिटेन
मूल निवासीNative AmericansAboriginesMaoris
प्रमुख नीतिIndian Removal Act (1830)Terra NulliusTreaty of Waitangi (1840)
विरोध आंदोलनGhost DanceFrontier WarsMaori Wars
परिणामReservations SystemStolen GenerationsLand Restitution
आधुनिक स्थितिआरक्षण और सांस्कृतिक पुनर्निर्माणनागरिक अधिकार, भूमि वापसीमाओरी भाषा व संस्कृति का पुनरुद्धार

  • यूरोपीय उपनिवेशवाद ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के मूल निवासियों को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से तबाह किया।
  • 19वीं–20वीं सदी में यह प्रक्रिया नस्लीय भेदभाव, सांस्कृतिक संहार और भूमि हरण में परिणत हुई।
  • परंतु आज इन समाजों में पुनर्जीवन की प्रक्रिया जारी है —
    • पहचान, भाषा, भूमि और परंपरा के अधिकारों की पुनःस्थापना।
  • यह अध्याय हमें बताता है कि सभ्यता के नाम पर उपनिवेशवाद ने कितनी मानवीय त्रासदियाँ उत्पन्न कीं।

  1. 19वीं शताब्दी में यूरोपीय शक्तियों (ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, इटली, पुर्तगाल और स्पेन) ने अफ्रीका को “Scramble for Africa” के तहत विभाजित किया।
  2. 1884–85 में बर्लिन सम्मेलन ने अफ्रीकी क्षेत्रों के औपचारिक विभाजन की व्यवस्था की।
  3. इस औपनिवेशिक विस्तार का मुख्य उद्देश्य कच्चे माल (सोडियम, सोना, हीरा, कपास आदि) और नई बाज़ारों पर नियंत्रण प्राप्त करना था।
  1. उपनिवेशवादियों ने पारंपरिक स्वदेशी भूमि पर कब्ज़ा किया और सामूहिक कृषि को अपनाया।
  2. जंगल और चरागाह नष्ट कर दी गईं, जिससे स्थानीय जनजीवन और पारंपरिक आजीविका प्रभावित हुई।
  3. स्वदेशी समुदायों को मजदूरी के लिए प्लांटेशन और खानों में भेजा गया।
  4. भूमि के अधिकार और पारंपरिक कानूनों की उपेक्षा हुई।
  1. यूरोपीयों द्वारा लाए गए रोगों ने स्वदेशी जनसंख्या को कम कर दिया।
  2. बलात्कारी और हिंसक नीतियों ने सामुदायिक जीवन को प्रभावित किया।
  3. कई क्षेत्रों में मूल निवासियों को मजबूर श्रम (forced labor) और गुलामी जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ा।
  4. पारंपरिक सामाजिक संरचना टूट गई, और उपनिवेशवादी प्रशासन ने नई जातिगत और वर्गीय संरचना लागू की।
  1. उपनिवेशवाद ने स्थानीय भाषाओं और शिक्षा पर नियंत्रण किया।
  2. मिशनरियों ने धर्म परिवर्तन की नीति अपनाई और स्वदेशी धार्मिक प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाया।
  3. कला, संगीत और नृत्य जैसे सांस्कृतिक तत्वों को दबाया गया।
  4. महिलाओं की भूमिका सीमित हुई और पितृसत्तात्मक सामाजिक ढांचा बढ़ा।

  1. 15वीं–16वीं शताब्दी में स्पेन और पुर्तगाल ने लैटिन अमेरिका का उपनिवेशण शुरू किया।
  2. अमेरिका की खोज (1492) के बाद इस क्षेत्र में सोना और चांदी की खोज मुख्य प्रेरक थी।
  3. उपनिवेशों की स्थापना के लिए Encomienda और बाद में Hacienda प्रणाली लागू की गई।
  1. स्वदेशी लोगों की जमीन जब्त कर कृषि और खनिज उत्खनन के लिए इस्तेमाल की गई।
  2. बड़े पैमाने पर चीनी, कॉफी, तंबाकू और सोने की खानों में स्वदेशी लोगों को मजदूर बनाया गया।
  3. उपनिवेशों में भूमि और जल स्रोतों का नियंत्रण यूरोपीय सरकारों ने किया।
  1. यूरोपीय रोगों (चेचक, पोलियो, फ्लू) ने लाखों स्वदेशी लोगों की मृत्यु कर दी।
  2. युद्ध और जबरन मजदूरी ने मृत्यु दर और मानसिक तनाव बढ़ाया।
  3. लैटिन अमेरिका में मूल निवासियों की संख्या 16वीं–17वीं शताब्दी में भारी गिरावट के बाद कभी नहीं बढ़ी।
  1. स्वदेशी परंपराएँ, भाषा और धार्मिक प्रथाएँ उपनिवेशों में दब गईं।
  2. यूरोपीय धर्म और शिक्षा पर बल दिया गया।
  3. सामाजिक असमानता और जातिगत विभाजन बढ़ा।
  4. महिलाओं और बच्चों का जीवन कठिन और सीमित हो गया।

  1. 1948 में संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकार घोषणा (UDHR) पारित की।
  2. 1989 में ILO Convention 169 के तहत स्वदेशी और जनजातीय लोगों के अधिकारों को मान्यता मिली।
  3. 2007 में संयुक्त राष्ट्र ने UNDRIP (United Nations Declaration on the Rights of Indigenous Peoples) को अपनाया।
  1. भूमि और प्राकृतिक संसाधनों पर पारंपरिक अधिकारों को कानूनी मान्यता।
  2. सांस्कृतिक पहचान और शिक्षा को संरक्षित करने के लिए नीति और कार्यक्रम।
  3. स्वदेशी न्यायालय, ट्राइब्यूनल और मानवाधिकार आयोग स्थापित।
  4. अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा वित्तीय और तकनीकी सहायता।
  1. भूमि अधिकार और पर्यावरण संरक्षण के लिए वैश्विक आंदोलन।
  2. स्वदेशी महिलाओं, युवाओं और कलाकारों को सक्रिय रूप से शामिल किया गया।
  3. स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन, धरना, और कानूनी कार्रवाई।
  4. पारंपरिक ज्ञान, कृषि और पर्यावरणीय दृष्टिकोण के संरक्षण पर जोर।
  1. पारंपरिक भाषा और शिल्प को विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में सिखाना।
  2. संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्रों में स्वदेशी कला का संरक्षण।
  3. उत्सव, मीडिया और फिल्म के माध्यम से जागरूकता बढ़ाना।
  4. युवा और महिला नेतृत्व को प्रेरित कर स्वदेशी अधिकारों और पहचान को मजबूत करना।

  1. अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में उपनिवेशवाद ने भूमि, संसाधन, संस्कृति और समाज को गंभीर रूप से प्रभावित किया।
  2. स्वदेशी आबादी पर रोग, हिंसा और जबरदस्त श्रम का प्रभाव पड़ा।
  3. सांस्कृतिक पहचान, भाषा, परंपराएँ और धार्मिक प्रथाएँ दब गईं।
  4. महिलाओं और बच्चों की स्थिति अत्यधिक कमजोर हुई।
  5. भूमि और संसाधन अधिकारों के लिए आंदोलनों ने संघर्ष और न्याय की दिशा तय की।
  6. आधुनिक अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण ने स्वदेशी अधिकारों और संरक्षण के लिए कानूनी, सामाजिक और सांस्कृतिक ढांचा दिया।
  7. शिक्षा, कला, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से स्वदेशी समुदाय अपनी पहचान और अधिकार पुनः स्थापित कर रहे हैं।
  8. वैश्विक अनुभव यह दिखाता है कि उपनिवेशवाद और विस्थापन का प्रभाव केवल स्थानीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मानवाधिकार, न्याय और सतत विकास से जुड़ा हुआ है।

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