प्रश्न 1. संविधान क्या है?
उत्तर:
संविधान एक लिखित दस्तावेज़ है जो उन मूलभूत सिद्धांतों को निर्धारित करता है जिनके अनुसार किसी देश का शासन चलता है। यह सरकारी संस्थाओं की संरचना, कार्यों और शक्तियों को परिभाषित करता है और नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों की रक्षा करता है।
प्रश्न 2. लोकतंत्र में हमें संविधान की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:
लोकतंत्र में, संविधान यह सुनिश्चित करता है कि सरकार स्थापित नियमों के अनुसार चले। यह शासकों की शक्ति को सीमित करता है, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है और सभी के लिए समानता, न्याय और स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है।
प्रश्न 3. भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर:
डॉ. बी.आर. अम्बेडकर भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। उन्होंने संविधान की संरचना और विषयवस्तु को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रश्न 4. संविधान की प्रस्तावना से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
प्रस्तावना संविधान का परिचयात्मक कथन है। यह सत्ता के स्रोत, भारतीय राज्य की प्रकृति और न्याय, स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व जैसे उद्देश्यों का वर्णन करता है।
प्रश्न 5. भारतीय संविधान कब अपनाया और लागू किया गया था?
उत्तर:
भारतीय संविधान 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रश्न 6. संवैधानिक संशोधनों से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
संविधान संशोधन संविधान में किया गया एक औपचारिक परिवर्तन या परिवर्धन है। यह संविधान को बदलती आवश्यकताओं और परिस्थितियों के साथ विकसित होने की अनुमति देता है।
प्रश्न 7. किसी देश के लिए संविधान क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
किसी भी देश के लिए संविधान आवश्यक है क्योंकि यह शासन के लिए एक ढाँचा प्रदान करता है और सरकार के विभिन्न अंगों की शक्तियों और कार्यों को परिभाषित करता है। यह सुनिश्चित करता है कि सत्ता में बैठे लोग अपने अधिकार का दुरुपयोग न कर सकें और कानूनी सीमाओं से बंधे हों। संविधान समाज की आकांक्षाओं और मूल्यों, जैसे न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व, को दर्शाता है। यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों का निर्धारण करता है और अल्पसंख्यक हितों की रक्षा करता है। यह यह भी निर्दिष्ट करता है कि सरकार कैसे बनती है, कानून कैसे बनाए जाते हैं और विवादों का निपटारा कैसे होता है। संक्षेप में, संविधान सर्वोच्च कानून के रूप में कार्य करता है जो सरकार और नागरिकों दोनों का मार्गदर्शन करता है।
प्रश्न 8. संविधान के मुख्य कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
संविधान निम्नलिखित प्रमुख कार्य करता है:
सरकार की संरचना को परिभाषित करता है – विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका।
नियमों और कानूनों के माध्यम से सरकार की शक्तियों को सीमित करता है।
नागरिकों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म और समानता जैसे अधिकारों की रक्षा करता है।
कानून का शासन सुनिश्चित करता है और मनमानी कार्रवाइयों को रोकता है।
कानून निर्माण और शासन के लिए एक ढाँचा प्रदान करता है।
राष्ट्रीय मूल्यों और लक्ष्यों को, विशेष रूप से प्रस्तावना के माध्यम से, निर्दिष्ट करता है।
सरकार के विभिन्न अंगों और केंद्र एवं राज्यों के बीच शक्ति संतुलन स्थापित करता है।
इस प्रकार, संविधान शासन और लोकतंत्र के लिए कानूनी और नैतिक आधार तैयार करता है।
प्रश्न 9. भारत का संविधान कैसे तैयार किया गया था?
उत्तर:
भारत का संविधान 1946 में गठित संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया था। इसमें विभिन्न प्रांतों और रियासतों से निर्वाचित सदस्य शामिल थे। सभा में विभिन्न समुदायों, क्षेत्रों और विचारधाराओं के प्रतिनिधि शामिल थे। डॉ. बी.आर. अंबेडकर को प्रारूप समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जिसने पहला मसौदा तैयार किया। संविधान पर 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिनों तक बहस और चर्चा हुई, जिसके दौरान 2000 से अधिक संशोधन प्रस्तावित किए गए। अंतिम मसौदा 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। यह संविधान स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों को दर्शाता है और विभिन्न देशों के संविधानों से प्रेरित है, जो भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल हैं।
प्रश्न 10. भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:
भारतीय संविधान की कई महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं:
लिखित और सबसे लंबा संविधान – 448 अनुच्छेदों और 12 अनुसूचियों के साथ विस्तृत प्रावधान।
एकात्मक विशेषताओं वाला संघीय ढाँचा – केंद्र और राज्यों के बीच सत्ता का बँटवारा, लेकिन केंद्र अधिक शक्तिशाली है।
संसदीय प्रणाली – ब्रिटिश मॉडल पर आधारित; वास्तविक कार्यपालिका प्रधानमंत्री है।
धर्मनिरपेक्षता – सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार।
लोकतांत्रिक गणराज्य – राज्य का मुखिया निर्वाचित होता है; लोगों को अपने प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है।
मौलिक अधिकार और कर्तव्य – सभी नागरिकों को गारंटीकृत।
राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत – सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए दिशानिर्देश।
स्वतंत्र न्यायपालिका – न्याय सुनिश्चित करती है और संविधान की रक्षा करती है।
ये विशेषताएँ इसे भारत जैसे विविध समाज के लिए एक जीवंत और गतिशील दस्तावेज़ बनाती हैं।